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Thursday, March 31, 2016

बिहारी चिकनी चूत को चोद के लाल बनादिया

बिहारी चिकनी चूत को चोद के लाल बनादिया

अब तो कभी हमारी नज़र टकराती तो बस इशारों का सिलसिला चालू हो गया था | वो हमेशा सूट – सलवार पहना करती थी जिसमें उसका तंग बदन मुझे खूब रिझाया करता था | बस मन में हमेशा यही पुकार लगी रहती की अभी जाकर इसे अपनी बाहों में दबोच लूँ | मैंने जैसे तैसे कुछ अपनी आकंशायाओं पर काबू रख ही लिया और एक दिन मेरे पल्ले ऐसा सुहाना मौका भी आ लिया जिस दिन भरी दोपहर वो बस अपनी दूकान में अकेली ही थी | हमारी इशारों में हाय – हेल्लो बताओ हो रही थी तभी मैंने उसे कहा की क्या मैं कुछ देर के लिए उसके पास आकार बता कर सकता हूँ | उसने भी हामी भर दी और मैं जब गया तो वहीँ कुछ देर बात करने लग गए और मैं उसकी भरके तारीफों के फुल बांधे जा रहा था | मैंने उसे कहा की मैं उसे कुछ दिखलाना चाहता हूँ जिसके लिए वो कुछ देर के लिए अपनी दूकान बंद कर सकती है और हम अंदर कुच्छ बात कर लेंगे . .!! उसे मेरी हरकत समझ में आ गयी और थोडा मस्का मारा तो उसने अपनी दूकान बंद कर ली और अब अँधेरे में दूकान में ही थे |

एयरहोस्टेस की चुत का बना हवाई अड्डा

एयरहोस्टेस की चुत का बना हवाई अड्डा

उसके बाद से वो जब कभी भी अपनी छुट्टियाँ बिताने आती तो मैंने उसे अपने दोस्त के खाली बड़े बड़े से फार्म – हाउस में ले जाया करता जिससे उसके उप्पर मेरा भी व्यक्तितत्व भारी पड़ने लगा था और वो मुझसे शादी करने के लिए बेचैन हुई जा रही थी | मैं तो केवल उसके साथ सुहागरात ही बनाना चाहता था और एक दो बार की मुलाकात के बाद उसे मैं जी भर के लिए चूम लिया करता | एक रोज के बाद जब वो अपने लंबे काम से आई तो मैं भी उसकी चुत के दर्शन करने लिए बहुत ही तड़पा जा रहा था और इस बार मैंने पहली रात को चुदाई के आलम को पूरी तरह से तैयार कर चूका था | रात को मैंने उसे अपनी तरफ खींचा ओर उसके हाथ को सहलाते हुए उसे गर्म करने लगा |

Wednesday, March 30, 2016

शिमला में कुंवारी बुर तोड़ चुदाई हुई

शिमला में कुंवारी बुर तोड़ चुदाई हुई 

यह सब देखकर में एकदम से बहुत डर गई और में कहने लगी कि यह आपने मेरे साथ क्या किया? तो अंकल मुझसे हंसकर बोले कि उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया, लेकिन वो बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. अब मैंने उनसे कहा कि मुझे अपने रूम पर जाना है, तो अंकल मुझसे बोले कि तुम प्लीज एक बार मेरे साथ सेक्स कर लो उसके बाद तुम अपने रूम पर चली जाना. फिर मैंने उनसे कहा कि प्लीज मुझे जाने दो, वो मुझसे बोले कि अगर तुम गई तो में तुम्हारी फोटो नेट पर अपलोड कर दूँगा प्लीज मेरे साथ एक बार सेक्स करो तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो इसलिए मैंने तुम्हे अभी तक कुछ नहीं किया. दोस्तों अब मेरे पास कोई और चारा भी नहीं था और अब में उनकी यह बात चुपचाप मान गई. अब अंकल ने मुझसे कहा कि तुम एकदम सीधी लेट जाओ पहले मुझे तुम्हे सेक्स के लिए तैयार करना है और फिर में उनके कहने पर बेड पर सीधी लेट गई अंकल मेरे दोनों पैरों के बीच में आकर बैठ गए और अब वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे.

कामुक भाबी की जिस्म की गर्मी

कामुक भाबी की जिस्म की गर्मी 

दोस्तों में हमेशा से ही अपनी पड़ोस में रहने वाली सेक्सी भाभी को हवस की नज़रों से देखता था और उनको चोदने के ख्यालों को सोचकर मुठ मारा करता था. में हमेशा सोचता था कि जब में अपनी भाभी को चोदूंगा तो मुझे कितना मज़ा मिलेगा? में सबसे पहले उनकी चूत को चूसूंगा और उनकी गीली चूत का पानी पी जाऊंगा और जब यह सब करने का मुझे मौका मिला तो मैंने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया और आज तक भी उठता आ रहा हूँ. दोस्तों यह बात इसी साल की है और उस समय मेरी भाभी के घर पर हम सब रिश्तेदार गए हुए थे और में उनके घर पर ऐसे ही घूम रहा था और जब मैंने देखा कि भाभी ने अपने कुछ कपड़े धोकर सुखा रखे है तभी मैंने देखा कि उन कपड़ो में भाभी की ब्रा और पेंटी भी थी. तो में वहाँ गया और फिर इधर उधर देखकर चुपके से उनकी पेंटी को उठाकर चाटने लगा.

Tuesday, March 29, 2016

Kamuk Desi Bhavi Fucked By Skinny Guy

Kamuk Desi Bhavi Fucked By Skinny Guy
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बेचारी मेरी कुंवारी बुर का हुवा तमाशा

बेचारी मेरी कुंवारी बुर का हुवा तमाशा 

अब हर नॉर्मल दिन की तरह उस दिन भी मेरा प्रेक्टिकल एग्जॉम था और मेरे पास एक मरीज आया था, वो करीब 22 साल का था, लेकिन सच में बहुत सुंदर और मस्त बंदा था. मेरा दिल एक ही बार में फिसल गया. अब में उसे घूर रही थी और ये बात उसने भी नोटीस कर ली थी. अब मुझे उसके दाँत की फिलिंग करनी थी, पहला दिन तो बिना कुछ बोले ऐसे ही चला गया. फिर अगली बार वो जब आया तो वो मेरे लिए एक गिफ्ट लेकर आया तो मैंने ले लिया और फिर मेरी उससे बहुत सारी बातें हुई. फिर उसने मेरे बारे में सब कुछ पूछा और बताया भी और फिर मुझसे मेरा फोन नम्बर ले लिया. दोस्तों पता नहीं मुझे क्या हुआ था? अब रात के 11 बज रहे थे और अब मेरी आँखों में जैसे नींद थी ही नहीं, बस बहुत बेताबी सी थी. फिर अचानक से मेरा फोन बजा तो मैंने एक रिंग में ही फोन उठा लिया और अब मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी, उसने मुझसे पूछा कि में अभी तक सोई क्यों नहीं हूँ?

मेरी कामुक चाची और उनका लंड प्यार

मेरी कामुक चाची और उनका लंड प्यार 

उस समय गर्मी के दिन चल रहे थे तो में पानी लेने अपनी चाची के पास चला गया. मैंने दरवाजे पर खड़े रहकर आवाज़ लगाई, दरवाजे को बहुत बार ठोका बजाया, लेकिन मेरे बहुत इंतजार करने पर फिर भी कोई भी दरवाजा खोलने नहीं आया. फिर मैंने दरवाजे को थोड़ा सा अंदर की तरफ धकेल दिया. मैंने देखा कि वो पहले से ही खुला हुआ था और फिर वो खुल गया और में अंदर चला गया और अंदर आने के बाद मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज सुनाई दी तो में बाथरूम के पास में चला गया और एक छोटे से छेद से अंदर झाककर देखने लगा, दोस्तों वो क्या मस्त नज़ारा था? चाची पूरी नंगी होकर नहा रही थी और उनके रसीले बड़े बड़े लटकते हुए बूब्स क्या सेक्सी मस्त लग रहे थे और मैंने देखा कि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और वो एकदम साफ सुथरी थी, जिसको देखकर मेरा तो लंड वहीं पर खड़ा हो गया, मेरा तो मन कर रहा था कि अभी बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर घुस जाऊँ और उनको वहीं पर चोद डालूं, लेकिन मैंने जैसे तैसे अपने आप पर बहुत कंट्रोल रखा, लेकिन अपने लंड को पेंट में सीधा करने के चक्कर में मेरे हाथ से पास में रखी एक बोतल गिर गई और उस बोतल की आवाज़ सुनकर चाची डर गई और वो ज़ोर से चिल्लाकर पूछने लगी कि कौन है? फिर मैंने तुरंत वहां से थोड़ा दूर जाकर उनकी बात का जवाब दिया कि हाँ में हूँ चाची मेडी तो उन्होंने संतुष्ट होकर जवाब दिया कि अच्छा तो तुम हो, चलो थोड़ी देर बैठो, में अभी आती हूँ. फिर में जाकर बैठ गया और कुछ देर बाद चाची साड़ी पहनकर बाहर आई, शायद उन्होंने उस समय ब्रा नहीं पहनी हुई थी, इसलिए उनके बूब्स कुछ ज़्यादा साफ, बड़े और उनकी निप्पल बिल्कुल साफ साफ नजर आ रही थी और वो उनके चलने पर कुछ ज्यादा उछल भी रहे थे, जिसको देखकर में मन ही मन उनकी तरफ आकर्षित होता जा रहा था और में लगातार उनके बूब्स को घूर घूरकर देखता रहा. दोस्तों कुछ देर बाद चाची ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे पूरी तरह ऊपर से नीचे तक हिला दिया, तब जाकर में अपने होश में आ गया और वो मुझसे मुस्कुराकर पूछने लगी कि क्यों ऐसे कहाँ खो गए, क्या आज तुम मुझे कच्चा ही खा जाओगे? फिर मैंने तुरंत अपनी गर्दन नीचे झुकाकर उनकी बात का जवाब दिया और उनसे कहा कि चाची मुझे थोड़ा ठंडा पानी चाहिए था. फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर झट से किचन के अंदर पानी लेने चली गई और मैंने उनसे पूछा कि क्यों चाचा कहीं नहीं दिखाई दे रहे? फिर उन्होंने कहा कि हाँ वो इस समय घर पर नहीं है, क्योंकि वो तीन दिन के लिए बाहर गये हुए है और फिर वो मुझसे कहने लगी कि क्यों तुम आज एक काम करो ना कि तुम आज रात यहीं पर रुक जाओ.

Monday, March 28, 2016

बर्षा आंटी की बुर की बरसात से भीगी लंड

बर्षा आंटी की बुर की बरसात से भीगी लंड

आंटी ने मुझे अंदर आने को कहा और में सबसे पहले एक बात दूँ कि हमारे पास में जो आंटी का घर है उसमे एक हाल और एक किचन ही है और हॉल में एक बेड है, उसी पर वो लोग सोते है. आंटी ने मुझसे कहा कि आप यहाँ बेड पर ही सो जाईएँगे तो मुझे लगा कि यार मेरी तो आज निकल पड़ी. फिर हम लोग एक ही डबल बेड पर रज़ाई ओढ़कर सोने लगे और सोने से पहले मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में ही सोने लगा. आंटी मेरा चेहरा देखने लगी तो मैंने उनसे पूछा कि मेरी ऐसे ही सोने की आदत है आपको कोई आपत्ति तो नहीं है ना? तो वो हल्की सी स्माइल देकर मेरे लंड की तरफ देखकर बोली कि नहीं मुझे इसमे कोई समस्या नहीं है. दोस्तों उस समय मेरा लंड मेरी अंडरवियर में खड़ा होकर तंबू बन चुका था क्योंकि मुझे उनके बड़े बड़े बूब्स झूलते हुए दिख रहे थे. फिर सोते समय आंटी ने अपनी साड़ी का पल्लू अपने बूब्स पर से थोड़ा नीचे कर लिया और अब उनके बड़े बड़े बूब्स मुझे और भी साफ साफ दिख रहे थे और मेरे लंड का तो हाल ही बहुत बुरा था. फिर थोड़ी देर बाद मौका देखकर मैंने अपना काम शुरू कर दिया.

माँ का दूध पिया दूध वाले ने

माँ का दूध पिया दूध वाले ने 

एक दिन में घर पर वापस एक काम से पेपर लेने आया और घर की एक चाबी मेरे पास भी है तो मैंने आराम से गेट खोला और अंदर आ गया. जैसे ही में घर के अंदर आया तो मुझे माँ की हंसने की आवाज़ आ रही थी और साथ में कोई आदमी भी था. अब में समझ गया कि बेटा तू आज टाईम से ही आया है और में आराम से अंदर की तरफ गया और जैसे ही खिड़की के पास खड़े होकर देखा तो में वहीं खड़ा हो गया. मैंने अंदर देखा कि मेरे दूध वाले अंकल थे और मम्मी उनके बिल्कुल पास बैठी थी और वो दोनों हंस हंसकर बात कर रहे थे. फिर उन अंकल ने बोला कि भाभी आप बहुत अच्छी हो और बहुत मज़ाक करती हो, घर में आपके साथ तो दिल लग जाता है. तो माँ ने बोला कि अरे कहा भाई साहब बस यहाँ वहाँ की कर लेती हूँ और भाभी जी कैसे है? बच्चे कैसे है? ऐसे ही बात चल रही थी.

नशीली गांड और दमदार चूची वाली चाची

नशीली गांड और दमदार चूची वाली चाची

जैसे ही मैं चाची के चुन्चो से टकराया मेरी और चाची की नजर मिली, मैंने देखा की चाची की हलकी मुस्कान उसके होंठो पर फेल गई, मुझे लगा की चाची को भी इससे अच्छा लगा होगा | अब में जान बुझ कर हर छोटे खड्डे में भी उससे टकराने लगा और चाची भी कभी कभी सामने से टकरा जाती | मेरी हिम्मत खुल गई, ऐसे भी खाना हो गया था इसलिए शायद ही ट्रक अब रुकने वाला था और अगर रुका भी तो इतना वक्त तो मिल ही जाएगा..! ट्रककी केबिन से पीछे कुछ दिखे इसकी भी गुंजाइश ढेर से सामान के खिड़की को ढँक देने से खत्म हो गई थी |मैंने अब अपने हाथ चलाने शरू कर दिए, एक खड्डे पर मैंने चाची के चुंचे पर रखे हाथ हटाए नहीं बल्कि धीमे ससे हाथ उनकी गांड पर ले गया और उनकी चुन्चो जितनी ही मुलायम गांड सहेला दी | चाची ने एक लंबी सांस ली और वह कुछ बोली नहीं | मैंने अब हाथ को गांडके ऊपर चलाना शरू कर दिया और चाचीने चद्दर खिंच ली ताकि उसका शरीर ढँक जाएं | चाची का मतलब था की करेंगे लेकिन बहार नहीं, चद्दर के अंदर…! मैंने अब चाचीकी गांडसे हाथ ले लिया और में उसके सेक्सी कड़े स्तन दबाने लगा, चाची कुछ नहीं बोल राही थी ट्रक के धक्को में वह भी उत्तेजित हुई पड़ी थी |



लंदन में इंडियन रंडी की चूत मारी

लंदन में इंडियन रंडी की चूत मारी

मैंने उसके रूम के बाहर जाकर डोरबेल बजायी. एक २० के करीब इंडियन गर्ल ने दरवाजा खोला. इस लड़की की शकल ईस्ट – इंडिया की लग रही थी. लेकिन, उसकी हिंदी काफी अच्छी थी. मैंने उससे कहा – मैंने फ़ोन किया था. उसने इधर – उधर देखा और मुझे अन्दर लिया. ये कोई स्टूडेंट फ्लैट था, जिसमें एक बड़ा हॉल था. जिस में एक साइड पर किचन था और सेण्टर में पलंग रखा हुआ था. साइड में, शायद और एक छोटा रूम था. लड़की ने मुझे पलग पर बिठाया और वो बोली – मेरी रेट ४५ पौंड है, २० मिनट का एक शॉट. और इस मैं पूरी सर्विस शामिल है. पूरी सर्विस, समझा नहीं…. ? लेकिन, मैंने कुछ पूछा नहीं. क्योंकि अगर रंडी को पता चला, कि पंछी नया है, तो पूरा काट लेती. उसने पहले पैसे मांगे. मैंने जब से उसे १० पाउंड्स के पांच नोट दिए. इंडियन गर्ल ने उस अलग बने दरवाजे से नॉक किया. अन्दर से दरवाजा खुला और उसने पैसे अन्दर किसी को दिए. मैं देख नहीं पाया, कि अन्दर कौन था. लेकिन, वो जरुर कोई आंटी या अंकल होगा. जो इस लड़की से ये काम करवा रहा था. लड़की ने आते ही कपड़े उतारने के लिए कहा. मैंने कपड़े उतारे, मेरा पूरा लंड बिलकुल खड़ा था और फडफडा रहा था. लड़की ने साइड में पड़े एक पैकेट को खोला, जिसमे कुछ रुई थी. उस ने रुई को एक दवाई में डुबोकर मेरे लंड को मस्त साफ़ किया. इसके बाद उसने एक कंडोम लगाकर मेरे लंड को ढक दिया. इंडियन गर्ल मेरे लंड को धीरे – धीरे सहलाने लगी. मेरा लंड तो कब से टाइट था. वो उसे हिलाने लगी, उसके हिलाने से मेरे लंड में एक लहर सी उठ रही थी. लड़की अब नीचे झुकी और उसने कंडोम लगा लंड अपने मुह में ले लिया. वो केवल लंड के सुपाडे को चूस रही थी. लेकिन बहुत मज़ा आ रहा था. जीन्नत भाभी के साथ ओरल सेक्स किये ४ साल हो गये थे. बंगाली गर्लफ्रेंड लंड चूसती ही नहीं थी. इसलिए, आज मैं स्वर्ग में उड़ने का अहसास कर रहा था.

Saturday, March 26, 2016

कुंवारी बुर की मधहोस करदेने वाली खुसबू

कुंवारी बुर की मधहोस करदेने वाली खुसबू 

मेरी पढ़ाई में उन्हें कोई रूचि नहीं थी, लेकिन दोस्तों मैंने कभी भी उसे सेक्स की नज़र से नहीं देखा था और वो भी मुझे पसंद करती थी, वो हर एक सवाल को मुझसे ही पूछती थी और हर पल मेरी तरह देखकर मुस्कुराती रहती थी. एक दिन में कंप्यूटर नोट बुक चेक कर रहा था तो तभी मैंने उसकी नोटबुक में उसके घर का फोन नंबर देखा और मैंने उससे पूछा कि यह क्या है? तो उसने मुझसे बहुत धीमी आवाज़ में कहा कि सर यह आपके लिए है आप जल्दी से इसे अपने पास लिखकर रख लो, लेकिन मैंने जल्दबाज़ी में ठीक से वो नंबर देखा नहीं था और ना ही उसकी उस बात का इतना कोई गलत मतलब निकाला था और फिर चार दिन बाद उस लड़की की कंप्यूटर क्लास थी और वो दो घंटे पहले ही आ गई. फिर मैंने उससे कहा कि आप इतनी जल्दी क्यों आई हो? तो उसने मुस्कुराकर कहा कि बस में आपके लिए आ गई. फिर मैंने उसे बैठने के लिए कहा और दस मिनट के बाद वो कहने लगी कि आप भी मेरे साथ बैठ जाइए तो में समझ गया कि इसके मन में कुछ बात ज़रूर है. अब में उससे थोड़ा दूर होकर बैठ गया, लेकिन तभी उसने एक बार फिर से कहा कि सर आप मुझसे इस तरह डर क्यों रहे हो? आप थोड़ा मेरे पास आकर बैठो ना, तो में कुछ सोचने लगा, लेकिन कुछ ही मिनट के बाद उसके पास जाकर बैठ गया और अब उसने मुझसे कुछ नहीं बोला बस वो मेरी तरफ देखकर अब भी मुस्कुरा रही रही. में भी अब बिल्कुल चुपचाप बैठा हुआ था.


ऑफिस में सेक्रेटरी की गांड मारी

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पेहले भी चोदा और अब भी चुदती हे

पेहले भी चोदा और अब भी चुदती हे 

हमलोग, शनिवार की रात को ट्रेन से चले गये और नेक्स्ट मोर्निंग में होटल में चेक- इन किया. सन्डे होने की वजह से कोई काम नहीं था. तो हम लोग फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट करके टीवी देखने लगे. हम दोनों बात कर रहे थे. वो बोली – इतनी दूर आकर भी, हम लोग टीवी देख रहे है. राज, क्या हम इतनी दूर सिर्फ टीवी देखने आये है? बोलो राज… बोलो ना… मैंने कहा, तो फिर तुम ही बोलो; क्या करना है? उसने कहा, पहले जाकर तुम कंडोम लेकर आओ. हम लोगो के पास तीन दिन है और जब भी टाइम मिलेगा, हम सेक्स करेंगे. इसलिए तो तुम्हारे साथ आई हु, राज. मैं बहुत प्यासी हु राज. मुझे सेक्स करना है. मुझे प्लीज बहुत तेज चोदो.. बहुत जोर से… मेरी प्यास बुझा दो… बुझाओगे ना .. राज. वो बहुत मासूम लग रही थी. फिर उसने मुझे थोड़ा डांटते हुए बोला – जल्दी जाओ ना… लेकर आओ कंडोम. नहीं तो मैं ऐसे ही कर लुंगी सेक्स… तुम समझो ना.. अगर कुछ गड़बड़ हो गयी, तो प्रॉब्लम हो जाएगी.. फिर जब मैं कंडोम लेकर आया रूम में.

आंटी हो या माँ हमें सिर्फ चोदने से मतलब हे

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Thursday, March 24, 2016

कैसे कैसे चूत मिलते हे क्या बताऊँ यारों

कैसे कैसे चूत मिलते हे क्या बताऊँ यारों 

मेरी नजर दूसरी लड़की पर पड़ी, जो वहीँ भीड़ में खड़ी थी और बहुत थकी लग रही थी, जैसे शादी के फ्न्शन से आ रही हो. तब मौसम भी शादियों का चल रहा था. वो ऊपर हुक पकड़ कर खड़ी थी. उसके अंडरआर्म (बगल के बाल) दिख रही थी. दिखने में भी बड़ी मस्त थी. मन कर रहा था, कि जाके चोद दू. दिखने में हेरोएन जैसे थी. फिगर ३२-३०-३२ का होगा. फिर उसे मेरे पास थोड़ी जगह दिखाई दी, तो वो मेरे पास आकर खड़ी हो गयी और जहाँ मेरा हाथ रखा था. वो बहुत थकी हुई लग रही थी. जहाँ मेरे हाथ थे, वहां उसके बूब्स लग रहे थे. मैं तो बड़ा मस्त हुए जा रहा था. वो मेरे हाथ पर अपने बूब्स लगा रही थी. मुझे लगा, कि वो नीद में है. पर वो हिल – हिल कर एडजस्ट हो रही थी. मेरे हाथो में उसके बूब्स थे. पहले मैं डर रहा था. पर जब वो आँखे बंद करके एन्जॉय करने लगी, तो मैं भी आगे बड़ा और उसके बूब्स में ऊँगली करने लगा. वो भी मस्त मजे ले रही थी. उसने जीन्स और टीशर्ट पहनी हुई थी. मैं टीशर्ट के ऊपर से उसकी ब्रा खीचने लगा और उसकी ब्रा को साइड में कर दिया और अच्छे से चूची को दबाने लगा. बट एक ही बूब दबा पा रहा था. अब वो जरा दूसरी तरफ घूम गयी और मेरी तरफ अब उसकी पीठ आ गयी थी. मैंने आगे हाथ बढ़ा कर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. वो बड़ी मस्त हो रही थी. अभी उसकी ऐज शायद २१ इयर्स की होगी. उसने फिर मुझे मस्त होते हुए देखा, तो मैंने उसे आँख मार दी.

वो बोली सूंघना छोड़ जल्दी चोद हरामी

वो बोली सूंघना छोड़ जल्दी चोद हरामी 

एक महीने बाद, मेरी और उसकी पहली सैलरी आई. वो और मैं बहुत खुश थे. मैंने उसे बोला, मुझे पार्टी कब दे रहे हो? तो उसने बिना शर्माए बोला, जब आपका मन करे, तब ले लेना. वैसे भी, आपने मेरी बहुत हेल्प करी है. हमने सैटरडे का दिन फ़ाइनल किया. क्योंकि सन्डे को हमारी छुट्टी होती है. सैटरडे को वो और मैं एक साथ ऑफिस से बाहर निकले और ग्रामीण सेवा पकड़ कर, मेरे फ्लैट पर चल दिए. रास्ते में, मैंने पूछा – कुछ ड्रिंक लेना पसंद करोगी? उसने बोला – हाँ, थोड़ी वोडका ले लुंगी. मैंने रास्ते से एक बोटेल वोडका और कुछ खाने का सामान लिया और मेरा फ्लैट पर चल दिए. वहां जाकर, हमने २-२ पेग लिए और बातें करने लगे और उसने मुझे हेल्प करने के लिए थैंक्स बोला. वो बात करते – करते रोने लगी और बोली – अगर, आप नहीं होते. ये जॉब नहीं होती मेरे पास. मैंने उसे चुप करवाया. उसके आंसू पूछे और वो एकदम सा मेरे गले लग गयी. उसकी चूची मेरी छाती पर लगने लगी. पहले मुझे कुछ अजीब सा लगा. फिर बाद में, मुझे भी मज़ा आने लगा. मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पा घुमाने लगा और उसे समझाने लगा. मेरा ऐसा करने से शायद वो गरम हो गयी थी.

Wednesday, March 23, 2016

पड़ोसन भाबी की चुदाई

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हॉस्पिटल मे मनाया चूत चुदाई का जश्न

हॉस्पिटल मे मनाया चूत चुदाई का जश्न

मेरे सब फ्रेंड मुझे ताने देने लगे थे, कि इतना सुंदर होने के क्या फायदा, अगर चूत का मज़ा ना लिया तो. बस मैंने ठान ली थी, कि अब कुछ दिनों में एक अच्छी सी चूत का मज़ा लेना है. जॉब अच्छी चल रही थी. सब काम ठीक था. मेरे स्टाफ में, मेरे अंडर दो लडकिया थी. सब आधी उम्र की. मज़ा ही नहीं आता था. बस उनमे एक चीज़ मस्त थी, उनके मम्मे पामेला अन्द्रेसन की तरह थे. बस सारा दिन, उनके मम्मो के दर्शन में बीत जाता था.
फिर, एक दिन बहुत ही मस्त बात हुई. मेरे स्टाफ की एक औरत को बाहर जाना पड़ा कुछ दिनों के लिए. वो अपनी जगह अपनी लड़की को काम के लिए छोड़ गयी. हाँ, क्या मस्त माल थी यार. शब्दों में उसकी खूबसूरती का बयां करना बहुत ही मुश्किल है. बिलकुल रानी मुखर्जी जैसी लगती थी साली. बस, फिर तो सोच लिया था, कि अगर चोदना है तो बस इसी को चोदना है. बट हॉस्पिटल में और वो भी किसी दूसरी लड़की के सामने ये होना बहुत ही मुश्किल था. बट उसे चोदना ही था, तो मैं तरकीब सोच रहा था. फिर उसको काम सिखाने के बहाने से मैं उसको ज्यादा से ज्यादा अपने साथ रखने लगा. जब पेशेंट नहीं होते थे, तो उससे बातचीत करने लगता था. बस फिर क्या था, धीरे-धीरे वो मुझसे खुलने लगी.

Tuesday, March 22, 2016

जोर जोर से दबाओ राजा

जोर जोर से दबाओ राजा

जंगल की वीरानियों को चीरता हुआ एक रथ बहुत तेजी से भागा जा रहा था। उस रथ पर सवार वीर्यपुर की महारानी चूतनन्दा सवार थी। उन्हें शिकार का बहुत शौक था। इस समय भी उनके हाथ में धनुष था और निशाना एक सुन्दर हिरण था। चूतनन्दा गज़ब की सुन्दर स्त्री थी। उसके लाल लाल होंठ मानो रस भरे अंगूर हों जिन्हें देखकर मन करता था कि उसके होंठों का रस पी जायें। उसकी चूचियाँ इतनी मुलायम थी मानो मक्खन।
तभी उसके रथ के सामने वो हिरण आया और चूतनन्दा ने तीर चला दिया और हिरण मारा गया। चूतनन्दा रथ से उतरी और हिरण के पेट में घुसा हुआ तीर निकाल के जैसे ही वो मुड़ी उसकी नज़र एक योगी पर पड़ी। उसने देखा कि वो योगी पूरा नंगा खड़ा होकर ध्यान-मग्न है। तभी चूतनन्दा की नज़र उसके सोये हुये नंगे लण्ड पर पड़ी, उस लण्ड को देखकर चूतनन्दा के मुँह में पानी आ गया, वो योगी के पास गई और बोली- ए साधु ! उठो ! जागो ! देखो वीर्यपुर की महारानी चूतनन्दा तुम्हारे सामने खड़ी है और तुम्हें आदेश देती है कि तुम मेरी प्यास बुझाओ। पर उसकी आवाज़ का असर उस योगी पर नहीं पड़ा।

Monday, March 21, 2016

ये दिल चूत चुदाई का हुवा आसिकी

ये दिल चूत चुदाई का हुवा आसिकी

इतने सालों के बाद अब तो सभी कुछ साधारण सा हो चुका था। राजेश्वर अब तो रोज की तरह ऑफ़िस जाने लगे थे। निशा तो घर में अधिकतर बोर ही हुआ करती थी। ना तो कोई चुदाई, ना ही रंगीली रातें ... बस टीवी देखना और पड़ोस की औरतों से यहाँ की, वहाँ और वहाँ की यहाँ करना... ! जी हाँ, आम औरतों की तरह निशा की आदतें भी होती जा रही थी। पर सच मानिये, निशा इस तरह की महिलाओं में नहीं थी। उन दिनों प्राईवेट पढ़ाई करने वालों का एडमिशन हो रहा था। निशा के भी मन में आया कि अब एम ए भी कर डालूँ। उसे इस सम्बन्ध में अधिक नहीं मालूम था सो वो पास के एक स्कूल में चली आई। सोचा कि वहाँ की अध्यापिकाओं से जानकारी ले लूँगी। स्कूल में संयोग से उसकी जान पहचान वाली महिला मिल भी गई। पर उसकी उस समय क्लास था सो उसने एक अध्यापक से मिलवा दिया। उसका नाम विक्रम था... उसने उसे कैसे क्या करना है सब बता दिया था। फिर उसका मित्र विवेक भी आ गया था। निशा को तो समझने में सच में बहुत उलझन सी महसूस हो रही थी, उसके चेहरे से विवेक ने तो भांप भी लिया था..

कामुक चाची की चूत चाट कर चुदाई की

कामुक चाची की चूत चाट कर चुदाई की 

मेरी उम्र लगभग लगभग 25 वर्ष और मुझे वैसे भी औरतों को चोदने में बहुत मजा आता है। उन्होंने मुझे जब पहली बार देखा तो एकदम देखकर नजरें झुका ली। तभी मेरी मामी ने उन्हें मेरे बारे में बताया। उसके बाद तो हम दोनों का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि हम दोनों एक दूसरे से बहुत घुल-मिल गये थे। एक दिन मामी को बच्चों के पेरेन्टस मीटिंग में जाना था तो जाने से पहले बोली- राजू मैं जा रही हूँ, अगर तुम्हारा मन न लगे तो तुम पास ही आन्टी के घर चले जाना। मुझे लौटने में देर हो सकती है क्योंकि मुझे वहाँ से मार्केट भी जाना है।
यह कहकर मामी तो चली गई, मैं बहुत देर तक इधर-उधर टहलता रहा। उसके बाद मैंने घर का ताला लगाया और आन्टी के घर चला गया। आन्टी घर पर अकेली लेटी हुई थी, घर का दरवाजा खुला हुआ था। आन्टी डबलबैड पर लेटी हुई कुछ सोच रही थी कि अचानक मुझे देख कर चौंक गई। उन्होंने सूट पहना हुआ था उस दिन मैंने देखा कि आन्टी के स्तन काफी बड़े थे, वे मुझे देखकर अपना दुपट्टा अपने कंधों पर डालती हुई बोली- अरे राज तुम? आओ, अच्छा हुआ तुम आ गये, मेरा मन नहीं लग रहा था, तुमसे मन भी लग जायेगा।

Sunday, March 20, 2016

ब्याही दीदी को उनके ही घर में चोदा

ब्याही दीदी को उनके ही घर में चोदा 

दोस्तों मेरी दीदी की उम्र 22 साल है और उनका रंग बिल्कुल साफ और वो भी एकदम पतली दुबली मेरी तरह है उनकी वो पतली कमर और उस पर झूलते हुए उनके वो तने हुए बूब्स, गदराया हुआ बदन, मटकती हुई वो मस्त सेक्सी गांड उनकी सुन्दरता को और भी सुंदर बनाती थी. दोस्तों में शुरू से ही उनके साथ अपना बहुत समय बिताता था और हम दोनों हमेशा एक दूसरे से मस्ती हंसी मजाक किया करते थे और एक दूसरे के साथ बहुत मज़े से रहते थे. उनके फिगर का साईज़ 32-28-34 है जो मुझे उनके साथ सेक्स करने के बाद पता चला. दोस्तों यह बात आज से दो महीने पहले की है मेरी चचेरी बहन है माही. मेरे मन में उनके लिए कभी कोई ग़लत बात नहीं थी, लेकिन वो मुझे हर दिन मेरी इंग्लिश की क्लास में ट्यूशन पर मिलती थी और वो हमेशा बड़े गले, जालीदार या फिर एकदम टाईट कपड़े पहनकर आती थी. जिसको पहनने के बाद वो दिखने में और भी हॉट और सेक्सी लगती थी. उनके बूब्स आधे से ज्यादा बाहर नजर आते थे और अब मुझे 5 या 6 दिन में ही पता चल गया कि उनका एक बॉयफ्रेंड भी है, लेकिन फिर पता नहीं क्यों मेरे मन में भी दीदी के लिए बुरे बुरे ख्याल आने लगे और अब जब भी वो ट्यूशन आती तो में बस उनके बूब्स गांड को ही को देखता रहता और मेरी इस बात पर शायद उन्होंने भी कई बार गौर किया था.

Saturday, March 19, 2016

आंटी की चूत का रस पि कर चुदाई की

आंटी की चूत का रस पि कर चुदाई की

मैं उनके रूम के दरवाजे के साइड में बैठा हुआ था. उनका फेस मेरी तरफ नहीं था और उन्होंने रूम में आते ही, टॉवल उतार दिया और अपना सिर पूछने लगी. मेरी तो आँखे फटी रह गयी. पहली बार में ही इतना अच्छा वेलकम. उनकी मोटी गांड मेरे सामने थी. मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था. कुछ ही सेकंड में इतना कुछ हो गया, कि मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. आंटी जैसे ही पीछे मुड़ी और मुझे देखा, तो फ़ौरन से अपना नंगा जिस्म टॉवल से छिपाने लगी. मैंने अब उनकी चूत और बूब्स के भी दर्शन कर लिए थे. वो एकदम घबरा गयी और पूछा, तुम यहाँ? तुमने बताया भी नहीं. मैं उठा और बाहर चला गया. मेरे बाहर निकलते ही, आंटी ने फटाक से दरवाजा बंद किया. मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैं सीधे अपने घर चला गया. पूरी रात मेरी दिमाग में वही चलता रहा और आंटी का नंगा बदन मेरी आँखों के था. रात को १२ बजे के करीब बाथरूम में जाकर मुठ मारी, तब जाकर चैन मिला और मैंने मन ही मन में ठान लिया, कि अब तो आंटी को चोदना ही है.

उभरी गांड वाली साली की चुदाई

उभरी गांड वाली साली की चुदाई 

हम थियेटर गये और लेट हो जाने के वजह से हमें सीट नहीं मिल पा रही थी. तो हमने केबिन सीट ले ली. वहां सिर्फ हम दोनों ही बैठे हुए थे. मूवी में एक हॉट सीन आया. मैं अपने लंड को एडजस्ट करने लगा. मुझे देखकर वो हसने लगी. फिर हम मूवी देखने लगे और खतम होने के बाद घर आ गये. फिर उसने मुझे वापस से सैंपल दिखाने को कहा. तो मैंने सभी सैंपल दिखाए और उसमे एक सेक्सी ग्राउंड था. उसने कहा – ये मुझे दे दीजिये. मैंने उसे ग्राउंड दे दिया. फिर वो बोली, कि मैं ट्रायल करके आती हु और वो चेंज करके मेरे सामने आ गयी. उसने मुझे एडजस्ट करने को कहा. मैंने उसके ग्राउंड को एडजस्ट किया. तो बार – बार उसके बूब्स पर हाथ लग रहे थे. फिर मैंने उसे कहा, कि मैंने सुना है, कि आप डांस बहुत अच्छा करती है. तो वो बोली – जरुर दिखाउंगी. पर आपको भी मेरे साथ डांस करना पड़ेगा. फिर डांस के लिए म्यूजिक ओन किया और मुझे भी साथ में डांस करवाने लगी. मैंने उसकी कमर पकड़ कर करने लगा. मिनी ग्राउंड होने के कारण, उसकी कमर नंगी थी, जिससे उसकी चिकनी कमर पर मेरा हाथ चल रहा था. और कभी उसके सामने तो कभी उसके पीछे. सामने जाता.. तो उसकी चूची का स्पर्श मिलता और पीछे जाता, तो उसकी गांड में लंड रगड़ता. उसे भी मज़ा आने लगा. फिर मैंने उसे गोद में उठा लिया. जिस से मेरा एक हाथ उसकी गांड पर और दूसरा हाथ उसकी चूची के साइड में चला गया. ५ मिनट तक इसे ही रखा और फिर उसने कहा – प्लीज मुझे नीचे उतारो.. प्लीज. तो मैंने उसे नीचे उतार दिया. फिर उसके पीछे खड़ा हो कर उसके पेट को सहला रहा था.


Friday, March 18, 2016

कामवाली की कमसिन टपकती बुर का पानी

कामवाली की कमसिन टपकती बुर का पानी 

मैं चुपचाप सोने का नाटक करते हुए मजा ले रहा था। पर उससे रहा नहीं गया और उसने मेरे लंड के सुपारे को जो लाल हो चुका था और हल्का सा रस भी टपका रहा था, उस पर आहिस्ता से अपनी जीभ फेरना शुरु किया। मुझसे तो रहा नहीं जा रहा था पर फिर भी मैंने चुपचाप अपनी आँखें बंद रखी। वो शायद समझ चुकी थी कि मैं सोने का नाटक कर रहा हूँ, इसलिए उसने बिना कुछ सोचे मेरे लण्ड को अपना मुँह में लिया और प्यार से चूसना चालू कर दिया। उसकी सांसें जोर से चल रही थी और वो पूरे होश खोकर मेरे लण्ड को अपनी मुँह में ले चूसे जा रही थी।कुछ एक मिनट बाद उसने मुझे पुकारा- सुनील, अब उठ भी जाओ, मैं जान चुकी हूँ कि तुम सोने का नाटक कर रहे हो ! यह सुन कर मैं उठ गया और उसे अपने बाँहों में भर चूमने लगा। फिर मैंने कहा- मेरी रानी, अपने कपड़े तो उतारो ! उसने कहा- तुम ही उतार दो ! मैंने झट से उसके कपरे उतारने शुरु किए और उसे पूरी तरह नंगा कर दिया। उसका नंगा बदन देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया क्योंकि उसकी चूचियाँ और चुचूक पूरे तने हुए थे और बुर पर काली झांटें भी थी। मैं कुछ सोचे बिना उसके चुचूक अपने मुँह में लेकर एक बच्चे की तरह चूसने लगा और वह कहती रही- राजा पी ले स्स्स्सस्स्स्स .... म्मम्मम .. और पी ! और पी .. ख़त्म कर दे सारा दूध .. बहुत दिन से भरी पड़ी हैं ये ! हअइ रअजअ ससससस..मइनइ अअकहइ हओओओ !



सोने की नाटक करती हे रंडी साली

सोने की नाटक करती हे रंडी साली

एक दिन घर में पापा और मम्मी नहीं थे . वो दोनों मेरे मामा के यहाँ गए थे. उस रात मै अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था. मै आराम से नंगा हो कर पूरी रात फिल्म देखता रहा. फिल्म देखने के दौरान मैंने 3 बार मुठ मार लिया. मै कब नंगे ही निढाल हो कर बिस्तर पर सो गया की मुझे पता भी नहीं चला. सुबह के छः बजे मोहिनी मेरे घर आई. उसके पास भी मेरे घर की एक चाभी रहती थी. इसलिए मुझे पता भी नही चला कि मोहिनी आई है. और मै नंगा ही सोया हुआ था. मोहिनी मेरे कमरे में अचानक आ गयी. उसने मुझे नंगा सोया हुआ देखा तो वो मुझे वापस नहीं लौट मेरे कमरे की सफाई करने लगी. सफाई कर के वो वापस दुसरे कमरे में चली गयी. उसकी ड्यूटी सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक की थी. आज मम्मी पापा थे नहीं इसलिए उसे नाश्ता भी बनाना था. मै सुबह के नौ बजे उठा. मैंने अपने आप को नंगा पाया तो सोचा चलो कोई बात नहीं किसने मुझे देखा है? अचानक कमरे में नजर दौड़ायी तो देखा हर सामान करीने से रखा हुआ है. तो क्या मोहिनी मेरे कमरे में आयी थी? क्या उसने मुझे नंगा देख लिया? मै सोच कर शर्मा गया. मै सोचा क्या सोचती होगी वो. मेरी तो सारी इज्ज़त मिटटी में मिल गयी. खैर मैंने कपडे पहने और अपने कमरे से बाहर आया. देखा मोहिनी किचन में काम कर रही थी. थोड़ी देर के बाद जब मै फ्रेश हो गया तो मैंने मोहिनी से नाश्ता मांगा. उसने मुझे पराठा और सब्जी ला कर दी. मै चुप चाप खाता रहा.

Wednesday, March 16, 2016

जमकर चुदाई की अपनी माँ की चूत

जमकर चुदाई की अपनी माँ की चूत 

अब मेरी जिंदगी की हसीन रात का आना बाकी था, में उस रात माँ को चोरी से देखने के बहाने घुटनो पर घसीटता हुआ रूम में जा पहुँचा और मेरे सामने अब जो नज़ारा था तो उसे देखकर में दंग रह गया. अब माँ की साड़ी नींद में घुटनों तक आ गयी थी और पल्लू सीने से हटकर नीचे जा चुका था और जिसकी वजह से उनके बूब्स पूरे दिख रहे थे. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने धीरे से माँ के पैरों को ऊपर उठाया और दोनों पैरो को हल्का सा दूर किया तो अब मेरे सामने उनकी चूत देखकर में धीरे से 1-1 उंगली अंदर बाहर करने लगा, शायद माँ गहरी नींद में थी तो ये देखकर मेरा हौसला बढ़ गया और में मेरी नाक सीधी उनकी चूत पर ले जाकर उसे सूंघने लगा, क्या ख़ुशबू थी? में तो पागल सा हो गया और अपनी जीभ बाहर निकालकर चाटने लगा. अब धीरे-धीरे माँ के पैर अकड़ने लगे और उसका हाथ मेरे बालों में घूमने लगा तो में समझ गया कि माँ को ये अच्छा लग रहा है, लेकिन में चाहता था कि वो भी मेरा पूरा सहयोग दे.

Tuesday, March 15, 2016

भोसड़ी की पाना फाड़ चुदाई की चपरासी ने

भोसड़ी की पाना फाड़ चुदाई की चपरासी ने

दोस्तों यह बात पांच महीने पहले की है जब में पढ़ाई करती थी और मेरी सभी दोस्त के बॉयफ्रेंड थे, लेकिन मेरा कोई भी नहीं था और इसी कारण से में लड़को को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती थी. में बहुत तरीके काम में लिया करती जैसे लड़को से हंसी मजाक, बातें करना और अपने बूब्स का आकार दिखना, अपनी मटकती हुई गांड को दिखाना और इससे बहुत बार कई लड़के मेरी तरफ आकर्षित तो होते थे और मेरे जिस्म को घूर घूरकर देखते तो थे, लेकिन मुझे प्यार कोई नहीं करना चाहता था और अब में भी इस बात से परेशान आ गई थी, क्योंकि आख़िर में भी तो एक लड़की ही थी और मेरे सर पर तो बस किसी का साथ पाने का भूत सवार था और इस कारण से में कई लोगों के साथ सो चुकी हूँ. पहले तो मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, क्योंकि जो मुझे चाहिए था वो अब तक मुझे मिला ही नहीं था, लेकिन अब मुझे अच्छा लगता है तो हुआ यह कि साथ पाने के लिए में बहुत बैचेन हो गई थी. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि इसका नतीजा कैसा होगा और हमारे स्कूल के एक चपरासी की आँख मुझ पर थी, क्योंकि उसे तो बस मज़े करने के लिए एक खिलोना चाहिए था. उसकी उम्र करीब 40-42 साल थी और वो बिहार का रहने वाला था, लेकिन उसका शरीर बहुत गठीला था और वो थोड़ा मोटा भी था. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि वो मेरी इन सब हरकतो पर गौर किया करता है और उसे पता था कि मुझसे अब रहा नहीं जा रहा और इसी बात का उसने फायदा उठाया.

भाई ने चोदी मेरी बुर खेत में

भाई ने चोदी मेरी बुर खेत में 

मैंने भी अपना हाथ अपनी सलवार के अंदर डाल लिया और चूत में उंगली करने लगी, भाई भी ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और अचानक ही मेरे कान में उसकी आवाज़ आई, वो शिखा-शिखा करके लंड को हिला रहा था. में तो हैरान रह गई कि मेरा भाई भी मुझे चोदना चाहता है और वो झड़ने वाला था, उसने 3-4 ज़ोर के शॉट मारे और उसके वीर्य की पिचकारी कम से कम 5 फुट आगे जाकर गिरने लगी. फिर उसने कम से कम आधा कप वीर्य छोड़ा होगा, इधर ये सीन देखकर मेरी भी आह्ह्ह्ह निकल गई और में भी झड़ गई. फिर थोड़ी देर में भाई आया और बातें करते-करते मेरे बूब्स को घूरने लगा. फिर थोड़ा रिसर्च करने के बाद हम बैठ गये, हमारे अमरूद के बाग थे और उस समय अमरूद लगे हुए थे तो मैंने कहा कि भाई मुझे अमरूद खाने है. फिर उसने कहा कि खुद तोड़ ले तो में अमरुद तोड़ने लगी तो अमरूद ऊपर लगे थे और वहां तक मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा था तो मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया. फिर मैंने कहा कि भाई मुझे थोड़ा ऊपर उठा दे तो में अमरुद तोड़ लूँगी तो वो मेरे पास आकर मुझे पीछे कमर से पकड़कर उठाने लगा, मेरा हाथ पहुँच तो रहा था, लेकिन फिर भी मैंने भाई से कहा कि थोड़ा और उठा दे. फिर उसने इस बार मुझे नीचे उतार कर मुझे गांड के नीचे से पकड़ा और ऊपर की तरफ उठाने लगा, जैसे ही मेरी गांड उसके लंड के पास आई तो मुझे उसका लंड चुभने लगा तो मेरी आह्ह्ह निकल गई. फिर उसने मुझे वही रोक लिया और अपने लंड को मेरी गांड पर दबाने लगा, मुझे तो बहुत मजा आ रहा था. फिर उसने मुझे ऊपर उठाया और अपने मुँह के पास मेरी गांड को ले आया, उसकी गर्म सांसे मुझे महसूस हो रही थी.

एक पंजाबी और अपनी भतीजे से चूत चुदाई हुई

एक पंजाबी और अपनी भतीजे से चूत चुदाई हुई 

उस दिन के बाद से हम दोनों की थोड़ी भी बात नहीं होती थी. फिर एक रात मुझे सपना आया जिस में वो मुझे बहुत चोद रहा था. उसके बाद कई बार वो मेरे सपनों में आने लगा.. उसके लंड की तस्वीर मेरे मन में बस गयी थी और मैं उसके लंड को देखना चाहती थी.. लेकिन मैं उससे ल नहीं पा रही थी. फिर एक दिन में उसके रूम मैं गयी और उससे अपने रूम को साफ करने में मदद माँगी.. तो वो झट से मेरे रूम मैं आ गया. उस दिन घर पर कोई भी नहीं था.. फिर कुछ ही मिनट साफ सफाई का काम करके मैंने अपना ब्लाउज उतार दिया और मेरे बूब्स उसके सामने लटकते हुए दिखने लगे. मैंने अपनी ब्रा पहनी और टावल लपेटा और पेटीकोट पहन लिया और अब उसकी नज़रे मुझ पर ही टिकी थी.. तो मैंने उसे एक स्माईल दी और अब शायद वो समझ गया था कि मैं उससे क्या कहना चाहती हूँ. तो उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया और मेरे होठों को चूमने लगा और मैंने भी उसे जवाब दिया.. मैंने उससे कहा कि मैं तेरे लंड की दीवानी हो गयी हूँ. तो उसने मेरी ब्रा उतारी और दूर फेंक दी और मेरे बूब्स को चूसने लगा.. बिल्कुल अपने चाचा की तरह वो भी मेरे बूब्स से खेल रहा था और उसने मेरे बूब्स को बहुत दबाया और अपने लंड को निकालकर मेरे चेहरे के सामने रख दिया. तो मैंने उसके लंड को बहुत देर तक देखा और फिर वो बोला कि चूसो मेरे लंड को. मैंने उसके लंड को अपने मुहं में लिया और बहुत देर तक चूसा.. उसके बॉल्स तक को नहीं छोड़ा. फिर वो मज़े लेते हुए बोला कि वो मुझे बचपन से चोदना चाहता था और उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया और अपना मुहं चूत तक ले गया और चूत चाटने लगा. उसने जैसे ही मेरी चूत पर अपनी जीभ रखी.. मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और मैं सिसकियाँ भरने लगी.

Sunday, March 13, 2016

मोटी लंड की शौकीन गुजराती भौजाई

मोटी लंड की शौकीन गुजराती भौजाई 

उसने मेरी नौकरी और मेरे परिवार के बारे में मुझसे पूछा. फिर उन्होंने बातें करते करते अपना एक हाथ मेरे पैर पर रख दिया और उसको सहलाने लगी और मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को धीरे धीरे सहलाने लगी और उनके स्पर्श से ही मेरा लंड तन गया और फिर मैंने भी उनको अपनी तरफ खींचकर उनके होंठो को अपने मुहं में लेकर स्मूच करने लगा, उनके होंठ बहुत ही अच्छे रस भरे थे. फिर मैंने अपनी जीभ को उनके मुहं में डालकर उनकी जीभ को चूसने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. दोस्तों हमने करीब बीस मिनट तक स्मूच किया और फिर में उनकी साड़ी के पल्लू को अलग करके उनके बूब्स को दबाने लगा, उनके बूब्स बड़े बड़े और बिल्कुल टाईट थे. मैंने अब उनको एक एक करके तेज़ी से दबाना शुरू कर दिया और वो सिसकियाँ भर रही थी. फिर मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया, उन्होंने लाल कलर की ब्रा पहनी हुई थी और वो उस लाल कलर की ब्रा में बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने उनके बूब्स उनकी ब्रा से आज़ाद कर दिए.

मादरचोद दोस्त ने मेरी माँ की भोसड़ी चोदी

मादरचोद दोस्त ने मेरी माँ की भोसड़ी चोदी

माँ ने कहा कि नहीं, सब काम ख़त्म हो गया है बस में तो अब नहाने जा रही हूँ तो राहुल ने मजाक में बोला कोई नहीं में नहला दूँ, वो ऐसे छोटे मज़ाक पहले भी मेरी माँ से कर लेता था. माँ ने बोला तुम बैठो में नहाकर आती हूँ, फिर तुम्हारे लिए चाय बनाती हूँ, फिर वो बोला अच्छा आंटी. फिर माँ अपने रूम में जाकर कपड़े लेकर जल्दी-जल्दी नहाने के लिए बाथरूम में चली गयी. अब मेरा दोस्त बाथरूम के पास ही जा कर खड़ा हो गया कि शायद कुछ दिख जाए, लेकिन उसे कुछ नहीं दिखा, वहाँ ऐसी कोई जगह थी ही नहीं. फिर जब उसे लगा कि माँ नहा ली, तो वो भागकर वापस अपनी जगह पर बैठ गया और फिर थोड़ी देर में माँ की आवाज़ आई कि राहुल सुन ज़रा, फिर राहुल बाथरूम के पास गया और बोला हाँ आंटी तो माँ ने कहा कि में जल्दी-जल्दी में अपना टावल लाना भूल गयी हूँ, टावल उनके बेड पर रह गया है लाकर दे दे.

चाय के साथ चूत भी मिला पिने को

चाय के साथ चूत भी मिला पिने को

दोस्तों एक दिन की बात है, काम चल रहा था तो बाहर से आवाज़ आई कि अजय, फिर में बाहर निकला तो मैंने देखा कि पड़ोस वाली भाभी थी. मैंने कहा कि क्या हुआ? तो भाभी बोली ज़रा काम था, तो मैंने कहा बोलिए, तो उन्होंने कहा घर में एक जगह से दीवार टूटी है तो आप अपने मिस्त्री से कहकर उसे ठीक करवा दो, छोटा काम है. फिर में अपने मिस्त्री को लेकर उनके घर गया और ज़रा सा काम था जो मिस्त्री ने कर दिया था. फिर में जाने लगा तो भाभी बोली कि रूको अजय चाय पी लो, तो मैंने कहा नहीं आप परेशान मत हो और फिर वो बोली अरे इसमें परेशानी की क्या बात है? मैंने उस दिन पहली बार उनसे बात की थी और फिर वो चाय लेकर बाहर आई और हम बात करने लगे. अब वो एकदम मस्त लग रही थी और अब एकदम से मेरी नज़र उनके चेहरे पर गयी और मैंने कहा कि भाभी आपको ये चोट कैसे लगी? तो वो बोली कि हो गयी थी, लेकिन वो गिरने जैसा निशान नहीं था और मैंने दुबारा भी नहीं पूछा, अब हम रोज़ बातें करते थे और अब में उनके घर कभी-कभी चाय भी पीता था. एक दिन मैंने उनसे पूछा कि आपके पति नहीं दिखते मैंने उन्हें बस एक बार ही देखा है.

Saturday, March 12, 2016

बहन साली की बुर फाड़ चुदाई हुई


बहन साली की बुर फाड़ चुदाई हुई 

एक दिन में उसके घर गया और न्यूज पेपर पढ़ने लगा, तभी वहां किरण आई और मेरे पास बैठ गई और न्यूज़ पढ़ने लगी. मैंने अचानक से महसूस किया कि उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा है. फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुराई. मैंने कहा कि तुम ये क्या कर रही हो, कोई आ जायेगा? तो वो बोली कि डरने की कोई बात नहीं है में तुमसे प्यार करने लगी हूँ, मेरा अब सब कुछ तेरा है, मेरी जवानी भी तेरी है, अब मेरी चाहत पूरी कर दो.
मैंने कहा कि किरण ये तुम क्या कर रही हो? कोई आ गया तो हम दोनों की जिंदगी बर्बाद हो जायेगी. तुम कुँवारी हो फिर कौन तुमसे शादी करेगा? फिर वो बोली किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. भाभी दोपहर में हमेशा सोती है और माँ की तबीयत खराब है, पापा ड्यूटी पर है और भाई कॉलेज गये है. अब में डर रहा था तो मैंने उससे कहा कि ये ग़लत है वो कहने लगी कि में तुमसे प्यार करती हूँ और वो मेरे लंड को सहलाने लगी.

मामी का चूत बना है डार्लिंग मेरे लिय

मामी का चूत बना है डार्लिंग मेरे लिय 

सुबह में उठकर दूसरे कमरे में चला गया और तब तक वो दोनों उठकर तैयार हो चुके थे और फिर धीरे धीरे समय निकलता गया और अब मेरी अपनी मामा के साथ बहुत अच्छी बात होने लगी, में अक्सर अपने स्कूल की छुट्टियों में उनके यहाँ पर जाता और पूरा दिन मामी के साथ रहता और अब मेरा मामी के साथ बहुत प्यार बन गया था तो वो भी मुझसे अब बहुत सारी बातें शेयर करने लगी और जब में बड़ा हुआ तो वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछती तो में उन्हें मज़ाक में कहता कि आप हो ना तो वो कहती क्यों? तो में कहता कि में आपसे हर एक बात शेयर करता हूँ तो वो हंस दी और मेरी हाँ में हाँ मिलाती और वैसे मैंने उन्हे अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में सब कुछ सच बता रखा था, में उनसे अपनी बहुत सारी बातें करता और वो भी मुझे अपनी बहुत सारी बातें थी. वो अपनी लाईफ से बहुत खुश थी और इस दौरान उनको एक लड़का हुआ, जिसके साथ में बहुत लता था और बहुत मस्ती करता था. फिर धीरे धीरे जब मुझे सेक्स के बारे में पता चला तो मुझे वो रात याद आई और मेरे समझ में आया कि उस दिन मामा और मामी नंगे क्यों थे? सेक्स के बारे में जानने के बाद मेरा भी मन सेक्स करने को करता है और फिर एक बार में अपने मामा के घर गया तो वहां मेरे पहुंचने के बाद मामा अपनी नौकरी के सिलसिले में इंडिया से बाहर जाने की बात हुई और उन्हें जुलाई में बाहर जाना था. फिर उन दिनों मामी बहुत उदास रहने लगी, लेकिन वो बहुत खुश भी थी, क्योंकि मामा पहली बार काम के सिलसिले में बाहर जा रहे थे और में अपनी मामी के साथ बिल्कुल अकेला रहने वाला था और अब में उनके साथ रहकर बहुत अच्छा महसूस कर रहा था.
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Thursday, March 10, 2016

बॉडी मालिश और खड़े लंड को मिली चूत

बॉडी मालिश और खड़े लंड को मिली चूत 

में उस लेडी को लेकर रूम में गया और कहा कि मेडम आपको अपना ऊपर का पूरा ड्रेस निकालना पड़ेगा नहीं तो आपकी ड्रेस तेल के कारण खराब हो सकती है. तो उसने कहा कि आप कैसे भी करो? लेकिन मेरा दर्द कम कर दो. फिर मैंने उसे पेट के बल लेटने को कहा और तो वो लेट गयी. अब उसके ऊपर सिर्फ़ एक टावल और नीचे सलवार था. फिर मैंने टावल को खोलकर गर्दन से पीठ तक ऑयल लगाया और मसाज करना शुरू कर दिया. फिर 10 के बाद उसकी गर्दन पर मेरे हाथ लगने के कारण उसके मुँह से कुछ आवाजे निकलने लगी तो मैंने सोचा कि दर्द के कारण होगा लेकिन थोड़े टाईम के बाद ऐसा लगा कि ये तो कुछ और हो रहा है. अब मुझे भी कुछ हो रहा था, अब में उसकी चूची साईड से टच करने लगा, अब उसके मुँह से बस म्‍म्म्ममम म्‍म्म्मममम आवाज़ निकल रही थी. अब मैंने उसकी पीठ मसाज स्टार्ट कर दी और उसको कहा कि ये आपका सलवार थोड़ा और नीच कर दूँ, तो वो मान गयी. अब मुझे उसके आधे चूतड़ नज़र आ रहे थे और कुछ देर तक मालिश करते-करते सलवार और नीचे कर दिया. अब में उसको पॉइंट मसाज देने लगा और पीठ पर मसाज करते-करते कभी मेरा हाथ उसकी गांड की दरार में चला जाता. अब ये करते-करते मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था.

मेरी लम्बी लंड ने ली भाबी की गहरी चूत की नाप

मेरी लम्बी लंड ने ली भाबी की गहरी चूत की नाप 

मैंने तुरंत घबराकर अपना हाथ पीछे खींच लिया और एकदम सीधा होकर बैठ गया और टी.वी. देखने लगा, लेकिन उसी समय भाभी की नज़र मेरे तंबू पर पड़ गई और वो अब मेरे लंड को कुछ देर देखकर मेरी तरफ मुस्कुराकर मुझसे कहने लगी कि देवर जी अब आपके हावभाव को देखकर लगता है कि आपकी शादी हमे बहुत जल्दी करवानी पड़ेगी. फिर मैंने भी उनकी तरफ मुस्कुराकर मजाक में कहा कि हाँ जरुर करवा दो, क्या कोई लड़की है आपकी नजर में? फिर वो बोली कि बताओ आपको कैसी लड़की चाहिए? में बहुत जल्दी वैसी ही लड़की आपके सामने लाकर आपकी उससे शादी करवा दूंगी. फिर मैंने तुरंत उनसे कहा कि मुझे एकदम आपके जैसी लड़की चाहिए तो वो ज़ोर से हंसकर मुझसे धत कहकर सोने चली गई. दोस्तों उन्होंने शायद मेरी उस बात को मजाक समझ लिया था और जब कि में उनसे उस रात को अपने दिल की सभी सच सच बातें कह चुका था और जिन्हें सुनकर वो अपने कमरे में चली गई, लेकिन में अब उनके कामुक जिस्म के बारे में सोचकर मुठ मारकर अपने लंड को ठंडा करके सो चुका था.

Wednesday, March 9, 2016

जगह कहीं भी हो लंड को चूत की भनक लगती हे

जगह कहीं भी हो लंड को चूत की भनक लगती हे 

अब में सपना आंटी के पीछे खड़ा था और अब मेरा दिल उनकी बाहर निकली हुई गांड देखकर मचलने लगा तो मैंने सोचा क्यों ना एक चान्स मारा जाए? फिर मैंने अपना लंड जो कि आधा खड़ा था वो आंटी की गांड पर टच कर दिया और वो झट से पीछे पलट कर देखने लगी, तो में डर गया, लेकिन आंटी ने एक नॉटी स्माइल देकर फिर आगे देखने लगी. अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था. अब में और आगे होकर लंड को गांड पर महसूस करने लगा और वो भी अपनी गांड पीछे करके लंड को दबाने लगी. फिर मैंने इधर उधर देखा तो अब हमें कोई नहीं देख रहा था और फिर में अपना एक हाथ आंटी की गांड पर रखकर आगे झुककर देखने लगा और फिर धीरे-धीरे गांड को सहलाने लगा. फिर सब वहाँ से हटने लगे और में थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया. फिर आंटी मेरे पास आई और मुस्कुराते हुए बोली कि मज़ा आया तो में बोला कि अभी कहाँ मज़ा आया? तो वो बोली जब रात में सब सो जायेंगे तो पीछे स्टोर रूम में आ जाना. अब में बहुत खुश हो गया और सबके सोने का इंतजार करने लगा.

बहुत ही मज़ा हुई दोस्त की बीवी के साथ

बहुत ही मज़ा हुई दोस्त की बीवी के साथ 

मेरे दोस्त का नाम है दीपक है और वो मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है. में उसी के यहाँ पर रात रुकता था और उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन दीपक मेहनती बहुत था वो मार्केटिंग की नौकरी किया करता था जो कि मैंने अपनी पहचान से लगवाई थी और फिर उसने मेहनत करके अच्छी जगह पा ली, लेकिन वो मेरी यह बात हमेशा याद करता था, क्योंकि वो भी मेरे गावं का रहने वाला था, लेकिन वो अपनी नौकरी की वजह से यहाँ पर रहता था और अभी करीब एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. उसकी पत्नी का नाम प्रिया था और वो दिखने में एकदम अच्छी थी, बिल्कुल गोरी गोरी मस्त सा फिगर, लेकिन मेरी नज़र उस पर ऐसे कभी नहीं थी, प्रिया स्वभाव में तो अच्छी थी, लेकिन दीपक से ज़्यादा खुलकर मुझसे बातें किया करती थी और वो भी एक प्राईवेट स्कूल में नौकरी किया करती थी. हाँ तो अब में भी अपनी बात पर आता हूँ, में हमेशा दीपक के घर पर रुकता था और उसकी शादी के बाद भी प्रिया को मेरे बारे में सब कुछ पता था कि दीपक की नौकरी मैंने लगवाई है तो वो मेरा पूरा पूरा ध्यान रखती थी और मेरे लिए खाना बनाकर रखती, क्योंकि में हमेशा उन्हें बताकर आता था और फिर हम लोग बस ऐसे ही गप्पे मारते और बातें किया करते थे. यह बात गर्मियों की है और में मुंबई से आ रहा था तो उस दिन गलती से मैंने दीपक को फोन नहीं किया. में सीधे उसके घर पर जाने लगा और रास्ते से उसको फोन किया और बोला कि दीपक में घर पर आ रहा हूँ तो वो मुझसे बोलता है कि हाँ चला जा तो में बोला कि चला जा का क्या मतलब, तू क्या घर पर नहीं है क्या? तो वो मुझसे बोला कि यार में इस समय पुणे हूँ और यहाँ पर एक मेरी महीने की ट्रनिंग है.