दोस्तों आज में आप सभी को उसने जो सब कुछ मेरी माँ के साथ किया और उन्हें किस तरह से चोदा, वो सब आज बताने वाला हूँ. दोस्तों एक दिन की बात है में उसे अपने घर पर ले गया. उस दिन के बाद वो मेरी माँ का दीवाना हो गया और उनकी चुदाई की कहानी भी उसी दिन से शुरू हुई. अब मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई तो मेरी माँ ने दरवाजा खोला और फिर सुमित को देखते ही मेरी माँ की आखों में एक अजब की चमक आ गई और अब सुमित भी माँ को देखता रह गया. उसने माँ से कहा कि हैल्लो आंटी और माँ भी उसे हैल्लो बेटा कहा और उन्होंने उससे बैठने के लिए कहा. फिर माँ किचन में चली गई तो मैंने सुमित को देखा तो वो अब भी माँ की मटकती हुई गांड ही देख रहा था मुझे बहुत अजीब लग रहा था, लेकिन मैंने उस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. धीरे धीरे अब सुमित और मेरी माँ में अच्छी दोस्ती हो गई और अब जब भी में अपने घर पर नहीं रहता तो सुमित मेरे घर में आकर माँ से बातें करता और वो दोनों एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे और कभी कभी तो वो मेरी माँ से नॉनवेज मज़ाक भी किया करता था और माँ भी जवाब में मुस्कुरा देती थी.
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Saturday, January 30, 2016
बहन तेरे चूत बिना नहीं रहना रे
बहन तेरे चूत बिना नहीं रहना रे
अब में मन ही मन उन्हें हाथ लगाने की सोच रहा था, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई. अब में बस उसे देखकर ही गर्म हो रहा था. अब में दीदी के पूरे शरीर को आँखो से निहार रहा था. मुझे आज पहली बार एहसास हुआ कि मेरी दीदी कितनी सुंदर है, अब मेरे मन में हवस पैदा हो गई थी और फिर मैंने हिम्मत करके धीरे-धीरे मेरा हाथ दीदी की छाती की तरफ सरकया तो अब मेरा हाथ कांप रहा था. फिर मैंने हल्के से मेरे सीधे हाथ की पहली उंगली उसके स्तन पर रख दी और 5 मिनट के बाद धीरे से मैंने अपना हाथ उसके स्तन पर रख दिया. अब में उसके स्तन का गोल शेप महसूस कर सकता था. फिर मैंने इंतजार किया कि कहीं दीदी जाग ना जाए, लेकिन वो गहरी नींद में थी. जब रात के 2 बज गये थे और अचानक से दादी नींद में खांसने लगी तो मैंने झट से मेरा हाथ दीदी के स्तन के ऊपर से हटा लिया और अपनी आँखे बंद कर ली. अब में कुछ वक़्त तक खामोश रहा और करीब 10 मिनट के बाद मैंने मेरी आँखे खोली तो मैंने देखा कि दीदी अब सीधी लेटी हुई थी. अब मैंने फिर से हिम्मत करके मेरा हाथ उसकी छाती पर रख दिया. अब मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. फिर मैंने धीरे-धीरे उसके स्तन को दबाया, तो क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे एकदम से करंट सा लग गया. अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और हवस का नशा मुझ पर पूरी तरह से चढ़ गया था, अब मेरी हिम्मत बढ़ गयी थी और अब में रुक रुककर दीदी के बूब्स दबाने लगा था.
Friday, January 29, 2016
Thursday, January 28, 2016
दीदी के देवर ने चोद डाला
दीदी के देवर ने चोद डाला
मेरा नाम सीमा है, मैं अभी २२ साल की हु, ये कहानी आज से ४ साल पहले की है, जब मैं पहली बार सेक्स की थी, मैं देखने में बहुत ही अच्छी हु, और सबसे खूबसूरत पार्ट जो मेरे शरीर में है वो है मेरी दोनों टाइट बड़ी बड़ी चूचियाँ और मेरे चूतड़ जो गोल गोल पीछे के तरफ निकला हुआ काफी सेक्सी है, मेरे होठ बहुत ही गुलाबी और रसदार है, मैं काफी मोर्डर्न तो नहीं हु, क्यों की मैं गाँव की रहने बाली हु, पर माल टंच हु, आपको ऐसी माल कही शहर में नहीं मिलेगा पुरे देसी हु, और एक नम्बर की चुदक्कड़. मेरे जब स्तन उगने सुरु हुए थे तब से ही मैं लड़को में मशहूर थी, सब मेरे ऊपर मरते थे, पर मैं किसी पे नहीं मरती थी क्यों की मेरे घरवाले बड़े ही स्ट्रिक्ट थे, मैं मन मसोस के रह जाती थी, ऐसे भी मैं गाँव में रहती थी तो वह के कायदे क़ानून होते है, पर जब से मेरे चूत में बाल और चूचियाँ बड़ी बड़ी होने लगी तब से मुझे लगा की ये चुदाई क्या बला है मैं चखना चाहती हु, मैंने एक पोर्न मूवी देखि अपने मोबाइल पे तब से तो और भी जख्मी शेरनी जैसी हो गई थी मुझे लगता था की कैसे मैं लंड को चखु, पर ये सब सम्भब नहीं था, मैंने कोई प्लान भी नहीं किया था की कब चुदुंगी मैं तो सोच रही थी की शादी के पहले तो कोई उपाय नहीं है चुदाई का, पर ये सब शादी के पहले ही सच हो गया है कैसे आगे बताती हु,
Wednesday, January 27, 2016
हरामी ने मुझे और मेरी दोनों बेटी को एकसाथ चोदा
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मेरा प्यासा लंड को मिला दो बहन की बुर
मेरा प्यासा लंड को मिला दो बहन की बुर
दोस्तों कहानी 3 साल पहले की है जब में 12वीं क्लास में पढ़ती थी, तब मेरी उम्र 19 साल की थी और मेरी दीदी 24 साल की थी. दीदी ने डॉक्टर का कोर्स किया है और वो अभी गावं में ही सरकारी हॉस्पिटल में काम करती है. वो पिछले 5 सालों से कॉलेज हॉस्टल में ही रहती थी इसलिए उसका और मेरा ज्यादा रिलेशन नहीं था और मेरा भाई भी 2 साल से पूना के मिलेक्ट्री कॉलेज में डॉक्टर का कोर्स कर रहा है. मैंने अभी-अभी 11वीं की परीक्षा देकर 12वीं क्लास में पढना शुरू किया था. मुझे सभी विषय सरल लगते थे, लेकिन साइन्स थोड़ा कठिन लगता था, मैंने साइन्स के लिए एक्सट्रा क्लास भी लगाई है. में रोज अच्छी पढाई करती हूँ, क्योंकि मुझे भी अपने भाई-बहन की तरह डॉक्टर बनना था. मेरा एक छोटा रूम है जिसमें में अकेली पढाई करती थी, लेकिन अब दीदी का कोर्स पूरा होने के कारण दीदी ने भी मेरा रूम शेयर कर लिया है. अब हम दोनों बहनें अच्छी तरह घुल मिल गये थे, अब दीदी मेरी अच्छी सहेली बन गयी है और अब वो मुझे मेरी पढाई में भी मदद करती थी. अब रोज का एक काम फिक्स हो गया था, वो हॉस्पिटल जाती और में कॉलेज जाती और जल्दी घर आकर पढाई करती थी.
Tuesday, January 26, 2016
भाबी को घोड़ी बनाकर चोदा
भाबी को घोड़ी बनाकर चोदा
मैंने धीरे से एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी. वो तुरंत ही मौन करने लगी. फिर मैंने धीरे-धीरे से उंगली डाली तो उसको मज़ा आने लगा. फिर मैंने एक साथ उसमें 4 उंगली डाल दी और वो चिल्लाने लगी और बोली कि भड़वे निकाल तेरी उंगलियां. लेकिन मैंने उसको दबोच लिया और मैंने उसे छोड़ा ही नहीं. अब उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे. फिर मैंने कहा कि शांत रहो में आज तेरी हर बॉडी पार्ट को लचीला कर दूँगा और उंगली के साथ लंड भी घुसा दिया और वो तो अब मानों बेहोश सी हो गई थी. अब में इतने से नहीं रुका और फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया और पूरा हाथ उसकी चूत में डालकर ज़ोर से हिलाने लगा, अब उसका पानी निकलने लगा था. थोड़ी देर में तो मेरा पूरा हाथ गीला हो गया. अब वो भी इन्जॉय कर रही थी तो रानी बोली कि अब बस भी करो और अपना लंड मेरी चूत में पेल दो. फिर मैंने कहा हाँ अभी तो मैंने सिर्फ़ हाथ डालकर तेरी चूत फाड़ी है. अब में लंड से उसे फाड़ता हूँ और तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा. अब वो नॉर्मल पोज़िशन में आ गई और अब उसने मेरे सामने अपनी चूत फैला दी.
Monday, January 25, 2016
मेरी बीवी हमेशा लंड की प्यासी थी
मेरी बीवी हमेशा लंड की प्यासी थी
पुजा भी कभी-कभी अपने आप ही मेरा लंड पकड़कर अपनी गांड में घुसवा लेती है. सच में मेरी पत्नी की गांड मारने का मन हर देखने वाले का करता होगा. पूजा को भी मेरा लंड चूसने में काफ़ी मज़ा आता है. कई बार वो अपनी मर्ज़ी से एकदम नंगी हो कर बिस्तर पर आ जाती है और मेरा लंड चूसने लग जाती है. हम सेक्स में हर तरीका अपनाते है. हमें इसमें काफ़ी मज़ा आता है. हम नेट पर पॉर्न भी देखते तो कभी-कभी सेक्स करते वक़्त में अपने दोस्तों की बीवीयों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो उसे कोई परेशानी नहीं होती थी, लेकिन जब में उसको मेरे दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो वो मना कर देती, लेकिन उसे और मुझे सेक्स में इन बातों से बहुत मज़ा आता था. अब गर्मियों की छुट्टियों में हम अपने दोस्तों और बच्चो के साथ घूमने गये थे, लेकिन वहाँ भी कोई चान्स नहीं लगा. शायद वो इसके लिए राज़ी भी नहीं होती, क्योंकि वो मेरे सभी दोस्तों की बहुत इज़्ज़त करती थी, लेकिन सेक्स में उसका स्टाईल ही ऐसा था कि इस दौरान मेरी इच्छा होने लगी कि कोई मेरे सामने पूजा को चोदे. ऐसा काफ़ी टाईम तक चलता रहा. फिर एक दिन में मार्केट से वाइब्रेटर लेकर आया और रात को पूजा को सरप्राइज दिया. फिर जब में उसकी गांड मार रहा था तो मैंने वाइब्रेटर उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा तो पूजा आअहह आआआआआआअहह की आवाज़े निकालने लगी और एड्जस्ट करके अपने हाथ से पूरा का पूरा अंदर ले लिया. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था, तभी में बोला.
हमेशा चाची ने मेरी बिस्तर गरम की
हमेशा चाची ने मेरी बिस्तर गरम की
दोस्तों अब में आप सभी को थोड़ा बहुत विस्तार से अपनी चाची के बारे में बता देता हूँ, उनकी उम्र करीब 40 साल की होगी और इस रात से पहले मैंने कभी भी चाची के फिगर और बूब्स की तरफ इतना ध्यान नहीं दिया था और उस रात में खाना खाने के बाद 9 बजे के करीब चाची के घर पहुंच गया. चाची की बेटी अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी और उस समय चाची बेड पर बैठकर टीवी देख रही थी और फिर में भी उनके साथ बैठकर टीवी देखने लगा और हम टीवी देखने के साथ साथ कुछ इधर उधर की बातें भी करने लगे. तभी टीवी पर कुछ देर बाद अचानक से एक किस्सिंग सीन चलने लगा. वो करीब दो मिनट का था और यह सब देखकर में चाची के सामने थोड़ा सा शरम महसूस करने लगा, लेकिन चाची मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी. फिर जैसे ही मुझे लगा कि चाची के ऊपर सेक्स का भूत चड़ने लगा है और अब वो मेरे हाथों को छूने लगी थी, लेकिन मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है? फिर कुछ देर बाद चाची बेड से उठकर जाने लगी और जाते जाते उन्होंने एक बार मेरे लंड को छूकर देखा, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद वो फिर से वापस आ गई और फिर से मेरे लंड को छूने लगी. दोस्तों अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, लेकिन में बहुत डर भी रहा था क्योंकि मेरी चाची की लड़की भी उस समय घर पर थी.
Sunday, January 24, 2016
माँ की चूत और गांड की प्यास
माँ की चूत और गांड की प्यास
एक दिन में कपड़े बदल रहा था तो तभी मेरी माँ ने मुझे देख लिया, लेकिन मैंने उन्हें ऐसे दिखाया कि मुझे कुछ मालूम नहीं है. फिर थोड़े ही दिनों के बाद मैंने माँ में अजीब सा परिवर्तन देखा, वो हमेशा मेरे नज़दीक आने लगी और मुझे किसी ना किसी बहाने से टच करने लगी. तभी वो बोली कि अरे तुझे तो मसाज़ की ज़रूरत है. तू दोपहर को मेरे पार्लर पर आ जा, अगर तू आ रहा है तो में पार्लर आज दोपहर को खुला रखती हूँ. फिर मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और में कॉलेज चला गया. उन दिनों परीक्षा के दिन थे तो में कभी-कभी लेट या जल्दी आता था. फिर में रात को देर से घर आया और पापा ने कहा कि तू आज दोपहर को माँ के पार्लर पर क्यों नहीं गया? माँ तेरा इंतजार कर रही थी. मैंने कहा कि मुझे कुछ काम था. फिर पापा ने कहा कि माँ बोल रही थी कि तेरी बॉडी की मसाज़ करनी ज़रूरी है तो मैंने कहा कि मेरी मसाज़ जिम के सर करते है तो पापा ने कहा कि कोई बात नहीं इस बार तेरी माँ करेगी. तभी माँ आई और उसने कहा चल अब खाना खा ले और कल आ ही जाना, तो मैंने हाँ कहा.
भाबी ने चुसी मेरी खड़ा लंड
भाबी ने चुसी मेरी खड़ा लंड
मे फिर भाभी के गाल पर क़िस करने लगा तो भाभी ने कहा कोई आ जायेगा तो मे हट गया ओर इस तरह मे कभी भाभी के गाल पर किस करता तो कभी भाभी के लिप्स पर कभी कभी तो मे भाभी की बेक पर हाथ फेरता रहता था भाभी बस मुस्कुरा देती थी ओर मेरी हिम्मत बडती गयी ओर एक दिन मे किचन मे पानी पी रहा था तभी भाभी आ गई तो मेने हिम्मत करके भाभी के गाल पर क़िस करते हुये भाभी के बूब्स को प्रेस कर दिया भाभी चोंक गयी ओर जल्दी से अपने रूम मे चली गयी मे थोड़ा सा डर गया था की कहीं भाभी किसी से कुछ कह नहीं दे पर भाभी ने कुछ नहीं कहा ओर इस तरह से मे कभी कभी भाभी के बूब्स भी प्रेस करने लगा मेने देखा की भाभी भी इसका मज़ा लेती थी उन दिनो गर्मियो का मोसम था ज्यादातर घरवाले छत पर सोना पसंद करते है और मे भी.
Saturday, January 23, 2016
खूब चूसने को मिला जेठजी के काला लंड
खूब चूसने को मिला जेठजी के काला लंड
यह कहानी तब की है जब में 21 साल की थी और जब मेरी शादी हो गयी थी, लेकिन मेरी विदाई शादी के तीन साल के बाद हुई क्योंकि हमारे यहाँ गोना की परंपरा है जिसमे शादी के कुछ दिनों के बाद विदाई होती है, लेकिन दोस्तों जब में 18 साल की थी तब मुझे सेक्स के बारे में थोड़ा थोड़ा पता चलने लगा था और मैंने कई बार छुप छुपकर भैया-भाभी का सेक्स भी देखा था और अब मेरे इंतजार की घड़ी खत्म हो गई और मेरी सुहागरात की रात आ ही गई, में जिसके बारे में सोच सोचकर मन ही मन बहुत खुश थी. फिर वो मेरे पास आए और मुझसे बिना कुछ बोले ही वो अपने कपड़े उतारने लगे और फिर पूरे नंगे हो गये. मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने भी अपने सारे कपड़े खुद ही उतार दिए क्योंकि आग दोनों तरफ लगी हुई थी. वो स्माईल करते हुए मेरे ऊपर टूट पड़े. मैंने सोचा कि वो पहले मेरे होंठ पर स्मूच करेंगे, लेकिन स्मूच तो बहुत दूर था और उनका हमला मेरी चूत पर हुआ तो में जोश में आ गई क्योंकि मुझे ऐसा एहसास पहले कभी नहीं हुआ था और दस मिनट तक वो मेरी चूत को चाटते रहे और में पड़ी पड़ी सिसकियाँ लेने लगी उह्ह्ह आह्ह्हह्ह अब मुझसे भी रहा नहीं गया और में भी उनका लंड पकड़कर रगड़ने लगी.
तनिक धीरे धीरे देवर जी गांड फाड् दोगे क्या
तनिक धीरे धीरे देवर जी गांड फाड् दोगे क्या
हमारे घर पास पास थे, तो वो रोज सुबह बालकनी पर कपड़े सुखाने आती थी तो में भी बालकनी पर पहुँच जाता और बातें भी करता रहता था और में उनकी बालकनी से उनकी पेंटी चुरा लेता और उनकी पेंटी को चाटता और मुठ मारता. एक दिन उनके परिवार वाले गावं जाने वाले थे और सिर्फ़ मेरा कज़िन और भाभी ही घर पर थे तो भैया ने मुझसे कहा कि वो आज उनके घर रुक जाए और भैया ऑफिस चले गये. भाई के जाने के बाद में उनके घर गया तो भाभी ने गेट खोला उन्होंने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी. वो क्या मस्त लग रही थी? और हम अंदर आ गये. फिर, वो मेरे लिए नाश्ता लेने गई और फिर हम दोनों ने नाश्ता किया. फिर उन्होंने कहा कि में कपड़े धोने जा रही हूँ तुम बैठो, तो में उनके बेटे के साथ खेलने लगा, फिर थोड़ी देर बाद वो सो गया तो मैंने उसे बेड पर लेटा दिया. फिर मैंने सोचा भाभी के साथ बात कर लेता हूँ, वो बाथरूम में कपड़े धो रही थी. फिर में बाथरूम के पास गया तो गेट खुला था और जैसे ही मैंने देखा तो वो टायलेट कर रही थी और मुझे देखकर अचानक से उठी जिससे उनकी साड़ी गंदी हो गयी और कहा कि जाओ यहाँ से और में पीछे हट गया और फिर वो गुस्से से बाहर आई और मुझे गुस्से से देख रही थी. फिर मैंने भाभी से कहा मुझे पता नहीं था. फिर उन्होंने पूछा तुम यहाँ क्यों आए थे? फिर मैंने कहा भाभी मुन्ना सो गया था इसीलिए मैंने सोचा आपके साथ बात कर लेते है.
Friday, January 22, 2016
बहुत खुजली थी भाबी की भोसड़ी में
बहुत खुजली थी भाबी की भोसड़ी में
दोस्तों कुछ दिनों पहले भैया और भाभी अपने नये मकान में रहने चले गये क्योंकि उनका एक बड़ा सा घर बना है, लेकिन जब से वो वहां पर गए है तब से में उनसे मिलने नये घर में नहीं जा पाया और भाभी ने बहुत बार मुझे फोन भी किया था और फिर एक दिन मैंने आखिरकार वहां पर जाने का प्लान बना ही लिया. मेरे भैया अधिकतर समय अपने बिज़्नस टूर पर ही रहते है और वो अधिकतर समय रात को बहुत लेट आते है. यह बात मुझे बहुत अच्छी तरह से पता थी और दोनों बच्चे दिन में अपने स्कूल चले जाते है और वो शाम को चार बजे तक वापस आते है. अब में भाभी को अचानक वहां पर पहुंचकर हैरान करना चाहता था और उनके ऊपर तो में पहले से ही बहुत आकर्षित था. में उनके साथ सोने के लिए हमेशा सोचता रहता था, लेकिन कभी मुझे कोई अच्छा मौका मिल ही नहीं पा रहा था इसलिए मैंने सोचा कि में अचानक से दिन में जाऊंगा तो भाभी घर पर अकेली होगी और में उन्हे चकित कर दूँगा तो उस दिन में वहां पर पहुंच ही गया. दिन के करीब दो बजे थे. में सीधा उनके घर पर पहुंच गया और फिर मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और छुप गया. तभी भाभी दरवाजे पर आई और उन्होंने दरवाजा खोलकर बाहर देखा और मैंने साईड में से एकदम से आकर उन्हे डरा दिया.
Thursday, January 21, 2016
बहन की बुर की रस मिला पीनेको
बहन की बुर की रस मिला पीनेको
अब में धीरे से निशा की नाईटी उठाने लगा. उसने लाल रंग की पारदर्शी पेंटी जो कि साईड से थ्रेड की थी. अब में धीरे से उसकी पेंटी के पास लेटा और उसकी पेंटी के ऊपर सूंघने लगा. अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पेंटी पर एक हल्का सा किस कर दिया. अब मुझे नशे की वजह से कुछ समझ में नहीं आ रहा था. फिर मैंने धीरे से उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी चूत को सहलाने लगा. फिर जैसे ही मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला तो वो थोड़ा हिली और उसके मुँह से आआआहह इसस्स्स्स हममममम्मम्म की आवाज़ आई. फिर मैंने धीरे से उसकी पेंटी उतारने की कोशिश की तो उसकी आँखें खुल गयी. अब मुझे उस समय बहुत डर लगा तो उसने देखते ही कहा भाई आप ये क्या कर रहे हो? तो मैंने कुछ नहीं बोला, तो वो हँसी और बोली भाई इसके लिए में कितने दिनों से इंतज़ार कर रही थी, लेकिन आपने कभी ऐसा किया ही नहीं था.
लंड देखकर बावला हो गयी मेरी बहन
लंड देखकर बावला हो गयी मेरी बहन
दोस्तों असली कहानी यहाँ से शुरू होती है और जब में शहर में अपनी पढ़ाई पूरी करने आया तो अपने सभी रिश्तेदार से मिला और तब मैंने दीपा को वहां पर देखा तो में बिल्कुल चकित रह गया. उसके बूब्स बहुत बाहर आ चुके थे और बहुत मोटे मोटे दिखाई दे रहे थे. में तो उसे देखता ही रह गया, शायद उसने भी इस बात पर गौर कर लिया था. वो बोली कि तेरा ध्यान कहाँ है? तो मैंने कहा कि कहीं नहीं और ऐसे ही बहुत दिन गुज़र गये और फिर एक दिन में अपने पास के शहर से अपनी कार में वापस घर आ रहा था तो अचानक मुझे रोड पर दीपा और उसकी माँ और उसकी दो पड़ोसने दिखाई दी. फिर मैंने अपनी गाड़ी रोककर उनसे पूछा कि क्यों घर जाना है तो वो बोली कि हाँ भगवान का शुक्र है कि तुम मिल गये वर्ना हम पैदल ही घर जाते, क्योंकि इस जगह से हमें कोई साधन भी नहीं मिलता और फिर दीपा फटाफट से पिछली सीट पर बैठ गई. तभी उसकी माँ बोली कि दीपा तू आगे बैठ जा हम तीनों पीछे बैठते है और में पीछे की तरफ मुहं करके देखने लगा. वो अंदर से ही आगे वाली सीट पर आने लगी तो उसका एक बूब्स कपड़ो से बाहर आकर मेरे मुहं पर लगा और उसने उस समय काले कलर का सूट पहना हुआ था जो कि बहुत टाईट था और जब उसने आगे आने को अपनी एक टाँग फैलाई तो मुझे उसके पैरों के बीच में बहुत सारा पसीना आया हुआ दिखाई दिया, वो बिल्कुल गीली थी और फिर में झट से समझ गया था कि उसने उस समय पेंटी नहीं पहनी हुई थी.
Wednesday, January 20, 2016
टीचर के साथ उनकी गर्लफ्रेंड को भी चोद डाला
टीचर के साथ उनकी गर्लफ्रेंड को भी चोद डाला
दोस्तों में दिल्ली में नया था और अपने इन्स्टिट्यूट में भी नया था. फिर कुछ दिन के बाद एक लड़की किसी दूसरी ब्रांच से ट्रान्सफर लेकर आई, उसको देखकर सबका मुँह खुला रह गया. फिर कुछ ही दिनों में मेरी उससे दोस्ती हो गयी, वो बहुत परेशान रहती थी. जब भी में उससे पूछता था कि क्या बात है? तो वो बताती नहीं थी.
एक दिन मैंने उसको कसम देकर पूछा तो उसने मुझे उसी इन्स्टिट्यूट के दूसरी ब्रांच के टीचर के साथ रिलेशनशिप के बारे में बताया और साथ में ये भी बताया कि वो उसके साथ बिल्कुल खुश नहीं है और वो केवल उसको चोदना चाहता है. फिर मैंने उसकी हेल्प की और उसका उस टीचर से रिलेशनशिप ख़त्म करा दिया. अब वो मुझ पर बहुत विश्वास करती थी. फिर कुछ दिन के बाद मैंने उसको प्रपोज़ कर दिया और उसने भी हाँ कर दिया. जिस दिन मैंने उसको प्रपोज़ किया उसके दो दिन के बाद मेरा बर्थ-डे था. फिर हम घूमने गये और जब शाम को वापस आए तो मैंने उससे बोला कि में उसको घर छोड़ आता हूँ तो उसने मना कर दिया और बोली कि वो मेरे साथ ही मेरे फ्लेट में रहना चाहती है.
आंटी ने गांड चुदाया दूकान में
आंटी ने गांड चुदाया दूकान में
जब भी में उनकी दुकान पर जाता था और वो मेरे गाल खींचती थी और कहती थी कि क्या चाहिए? और कभी मेरी गांड पर चाटा मारती थी तो कभी मेरे गाल या होठों पर किस ले लेती थी क्योंकि में बहुत क्यूट था. एक दिन में जब उनकी दुकान पर पहुंचा तो वो सुबह-सुबह कोई किताब लिए बैठी थी. उस समय सुबह के 7 बज रहे थे. अब में उनके सामने खड़ा था, लेकिन उन्होंने मुझे देखा ही नहीं. फिर आज मुझे भी शरारत सूझी तो में चुपचाप दुकान के अंदर पहुँच गया, लेकिन आंटी ने मुझ पर ध्यान नहीं दिया, वो तो आँखे किताब में गढ़ाकर बस चुपचाप बैठी थी. मुझे शरारत सूझी और सोचा आज आंटी को डराता हूँ. फिर में जैसे ही आंटी के पीछे से जाकर उन्हें डराने गया तो मेरी नज़र उस किताब पर पड़ी जो वो बड़े मन से पढ़ रही थी. मेरे तो होश उड़ गये, उस किताब में बड़ी-बड़ी नंगी चुदाई की तस्वीरे थी. मेरे जिस्म में कपकपी होने लगी. फिर में चुपचाप कुछ देर तक वहीं खड़ा रहा और फिर ना ज़ाने क्यों मुझे मस्ती सी चढ़ने लगी? इतने में आंटी ने मुझे देख लिया और बोली ओह हो तो पीछे से दूरदर्शन हो रहे है. सुबह-सुबह होने के कारण ग्राहक बहुत ही कम होते है जो एक दो होते भी है वो भी मेरे जैसे छोटे बच्चे ही होते थे. अब में उनकी बात सुनकर शरमा गया और बोला आंटी गंदी बात मत करो और मुझे चॉकलेट दे दीजिए, मुझे स्कूल जाना है. वो बोली हाँ हाँ जितनी चाहे चॉकलेट ले ले, लेकिन मुझे भी चॉकलेट खिलानी होगी.
Tuesday, January 19, 2016
अपनी बहन को मैंने बनाया बच्चें की माँ
अपनी बहन को मैंने बनाया बच्चें की माँ
मेरी बहन का नाम पूजा है, वो अभी २१ साल की है, और मैं २३ साल का, दिल्ली में रहता हु, पर मैं जयपुर का रहने बाला हु, मेरी बहन बहुत ही अच्छी और सुन्दर लड़की है पर अब वो औरत हो गयी है, मेरे मम्मी और पापा नहीं है दोनों उत्तराखंड की त्रासदी में गुजर गए, हम भाई बहन साथ रह गए, हम दोनों को जयपुर का घर ठीक नहीं लगने लगा था तो हम दोनों वह से दिल्ली आ गए थे, और दोनों पढाई करने लगे, मेरे पास काफी पापा का दिया हुआ फिक्स्ड डिपाजिट और जीवन विमा था इस वजह से आज तक किसी चीज़ की कमी नहीं हुयी यहाँ तक की अगर हम काम भी ना करें तो ज़िंदगी पूरी चल सकती है. हम दोनों मुखर्जी नगर जो की दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास है किराये के फ्लैट में रहने लगा, पहले साल भर तो अच्छा नहीं बिता क्यों की हम दोनों को माँ पापा की याद बहुत आने लगी थी, फिर दोनों ने अपने दिल को समझाया और पढाई पर ध्यान दिया, और अच्छे तरीके से रहने लगे ! मेरी बहन बहुत ही खूबसूरत है, उसका फिगर भी काफी अच्छा है, मस्त मस्त चूचियाँ, गोल गांड, होठ गुलाबी, मुझे अच्छा नहीं लगता था जब उससे लड़के देखते थे, जब भी वो बाहर जाती उससे लोग घूर घूर कर देखते क्यों की वो है ही बड़ी खूबसूरत, तो मैंने सोचा ऐसा कुछ हो जाये की मेरी बहन को कोई नहीं देखे, मैं अपने बहन से काफी फ्रेंडली व्यव्हार करने लगा वो भी काफी खुल गयी, अब तो हम दोनों एक साथ घूमने लगे, वो मुझे भैया कहती थी पर मैंने कह दिया देखो तुम मुझे आज से विवेक कहो मुझे अच्छा लगेगा, वो मान गयी और वो मुझे विवेक कहने लगी.
भीनी सी सुगंध मिली बहन की चूत की
भीनी सी सुगंध मिली बहन की चूत की
ये बात तब की है जब में अपने घर पर अकेला रहता था क्योंकि मेरे पापा सरकारी जॉब में है, तो उनका ट्रान्सफार दूसरी सिटी में हो गया था इसलिए मेरी पूरी फेमिली भी वही शिफ्ट हो गई थी और में जा नहीं सकता था क्योंकि मेरी 12वीं क्लास थी, लेकिन मेरी मम्मी के कहने पर मेरी नानी मेरे खाने और मेरी देखभाल के लिए मेरे पास आ गई थी और सब कुछ ठीक चल रहा था और अब मेरी परीक्षा भी हो गई, लेकिन उसके बाद मुझे कॉम्पीटिशन की तैयारी के लिए वहीं रहना पड़ा और इसी दौरन मेरी मौसी और उनकी बेटी सीमा नानी से मिलने आए. सीमा भी 12वीं की परीक्षा देकर आई थी तो उसकी छुट्टियाँ चल रही थी और मौसी तो 2 दिन रुक कर चली गई, लेकिन मेरी कज़िन सीमा वहीं रुक गई. सीमा की उम्र उस टाईम 19 साल होगी और वो एक नंबर का माल थी. फिर हम दोनों आपस में काफ़ी फ्रेंक थे और दोस्तों उसका फिगर 34-27-34 होगा और में उसके बारे में सोचकर बहुत बार मुठ मार चुका था.
Monday, January 18, 2016
रात भर चोद डाला देवर जी ने
रात भर चोद डाला देवर जी ने
दोस्तो, मेरा मानना है कि सबके जीवन में कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो एक अच्छी कहानी का शक्ल ले सकता है।मेरी बात अभी से 2 साल पहले की है.. जब मेरा ट्रान्सफर राँची हुआ था। मैंने राँची के अच्छे इलाके में एक घर ले लिया था, वहाँ पड़ोस में 3 परिवार और रहते थे।मैंने भी रहना शुरू कर दिया.. मेरे घर का डिज़ाइन ऐसा था कि एक परिवार का और मेरा एंट्रेन्स गेट एक की बरामदे से था।उनकी फैमिली में 3 लोग थे। हज़्बेंड.. उनकी वाइफ.. और 6 साल की बेटी।मेरे आने के 4-5 दिन बाद उन लोगों से परिचय हुआ।भाभी का नाम रेनू था।
कुछ दिनों के बाद मैं उनसे घुल-मिल गया.. पर घर आना-जाना लगभग ना के बराबर था। मैं रोज़ ठीक 9 बजे नहाता था.. तो अपना तौलिया सूखने डालने बरामदे में आता था।एक दिन भाभी भी नहा कर बाहर आई थीं। मैं तो उस दिन उनको देखते ही रह गया.. क्या सुंदर लग रही थीं। गीले बाल.. बालों से उनका क्रीम कलर का सूट भी हल्का गीला हो रहा था। मेरी तो नज़र ही नहीं हट रही थी।उस दिन भाभी मुस्कुराईं.. तभी मेरा ध्यान टूटा..
भाभी के बारे में आपको बता दूँ कि वो एक क़यामत माल थीं। शादी को 13 साल हो गए थे.. उमर 35 की पर लगती थीं बिल्कुल 28 साल की..उनकी चूचियाँ 34 इंच की.. लचकती कमर 32 इंच की.. ऊपर की ओर उठे हुए चूतड़ 36 इंच साइज़ के.. मतलब बिल्कुल चोदने लायक माल..
भाई हमें तो मिली मौसी की झांट वाली चूत
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Sunday, January 17, 2016
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भाभी ने दुबारा मुझे गले लगाया तो मैंने भी उनको जवाब में गले लगा लिया और उनको कमर से पकड़कर जकड़ में ले लिया. अब मेरा तो हाल बुरा हो रहा था और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था, जिसका शायद भाभी को पता लगने लगा था. भाभी बोली अब छोड़ दे तो मैंने उन्हें छोड़ दिया. फिर हम बात करने लगे और भाभी कपड़े प्रेस करने लगी. फिर बातों-बातों में मैंने फिर से उनको पीछे से गले लगा लिया, जिसकी वजह से मेरा लंड भाभी की गांड में दबने लगा. भाभी बोली कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी बड़ा अच्छा लग रहा है और मन कर रहा है कि में आपको ऐसे ही गले लगाये रखूं. फिर भाभी ने भी कोई जवाब नहीं दिया और में ऐसे ही गले लग कर खड़ा रहा. फिर भाभी ने मुझे हटाया और फिर हम बात करने लगे और थोड़ी देर के बाद में चला गया. फिर में नॉर्मली उनके घर आने जाने लगा और भाभी को गले मिलकर मिलता. फिर एक दिन भाभी ने मुझे फोन किया कि बच्चों का होमवर्क निकालकर ला दे. भाभी ने फोन पर लिखवा दिया और में फिर होमवर्क निकाल कर सीधा उनके घर दोपहर को 12 बजे गया, जब भैया भी घर नहीं होते और बच्चे भी स्कूल गये होते है. में जैसे ही घर गया तो मैंने मौसी को नमस्ते करके उनका हाल चाल पूछा और फिर पूछा कि भाभी कहाँ है? बच्चों का होमवर्क देना है तो मौसी बोली ऊपर है, ऊपर ही चला जा.
Saturday, January 16, 2016
कुंवारी चूत थी खुनी चुदाई की
कुंवारी चूत थी खुनी चुदाई की
एक बार में किसी काम की वजह से उससे कुछ दिनों तक चैट नहीं कर पाया तो वो गुस्सा करने लगी. फिर मैंने उसे समझाया कि में व्यस्त था इसलिए बात नहीं कर सका तो उसने मुझसे मेरा फोन नम्बर मांगा. मैंने उसको नंबर दे दिया. उसके बाद वो मुझे फ़ोन करने लगी और हमारी फोन पर भी बातें होने लगी, फिर कुछ टाईम नॉर्मल बात होने के बाद उसने मुझे प्रपोज कर दिया. मैंने भी स्वीकार कर लिया. फिर हम फोन पर घंटो बातें करते थे. फिर कुछ टाईम के बाद वो मुझे डबल मीनिंग मैसेज भेजने लगी और इस तरह हम फोन पर सेक्स की बातें करने लगे. फिर एक बार मैंने उससे मिलने को कहा तो में सहारनपुर चला गया, फिर हम मिले और हमने मूवी देखने का प्लान बनाया. फिर मूवी में जैसे ही रोमांटिक सीन आया तो मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और सहलाने लगा, जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, क्या फीलिंग थी यार? उसके मस्त मोटे-मोटे बूब्स थे.
बुर चोदने दी और जान छुटाई
बुर चोदने दी और जान छुटाई
तभी उसने मेरे मुहं को पकड़ा और उसने मुझे होंठो पर एक बहुत हल्का सा किस किया, लेकिन फिर भी मैंने उसका कोई साथ नहीं दिया. में तेज तेज सांसो को लेकर उसे घूरकर देखने लगी. उसने एक बार फिर से एक धीरे से किस किया, लेकिन मैंने फिर भी उसका साथ नहीं दिया. उसने मुझे देखा तो उस समय मेरी दोनों आखें बंद थी और अब में उससे एक और किस की आशा कर रही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद किस ना करने पर मैंने आखें खोली तो वो मेरी तरफ मुस्कुरा रहा था. फिर उसने तुरंत ही मुझे एक बहुत लंबा किस किया और अब में भी उसका साथ देने लगी थी. उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं में अंदर तक डालकर मुझे कई मिनट तक किस किया. हमारे होंठ बहुत देर तक चूसने की वजह से बिल्कुल लाल हो चुके थे. अब उसने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरे टॉप को भी निकालने लगा और कुछ ही पल में उसने मेरी ब्रा को भी उतार दिया अब में उसके सामने सिर्फ़ अपनी जींस में थी और वो भी अब अपनी जींस में था. तभी उसने मेरा एक हाथ उसकी ज़िप पर रख दिया. मैंने भी उसका इशारा समझकर उसकी पेंट को उतार दिया और अंडरवियर को भी उतारकर फेंक दिया. तब मैंने देखा कि उसका लंड करीब 8 इंच का था और एकदम तना हुआ.
Friday, January 15, 2016
क्यों भाबी मज़ा आया न लंड चुसके ?
क्यों भाबी मज़ा आया न लंड चुसके ?
ये उनको भी पता चल गया था कि में उनको देखा करता हूँ और जब भी वो बाहर निकलती तो में भी बाहर आ जाता था. ये तब हुआ जब मेरे घरवाले किसी प्रोग्राम में गए हुए थे और में घर में अकेला था और में अपने रूम में बैठकर अपने लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देख रहा था और जब मेरे घरवाले बाहर जाते है तो मेरे लिए खाना भाभी ही बनाकर देती है तो मुझे खाना बनाना नहीं पड़ता था. अब में मस्ती से बैठकर बी.एफ देख रहा था, उतने में ही भाभी ने गेट खटखटाया और मैंने स्क्रीन बंद कर दी और दरवाजा खोला तो भाभी खाना लेकर आई थी. फिर मैंने खाना लिया और वो पूछने लगी कि क्या कर रहे थे? मैंने कहा मूवी देख रहा था तो वो कहने लगी कौन सी? तो मैंने कहा ऐसे ही हॉलीवुड मूवी है तो वो कहने लगी कि में भी फ्री हूँ, में भी देखूँगी. अब मुझे डर लगने लगा कि वो ये देखेगी तो क्या कहेगी? अब में कुछ कर भी नहीं सकता था. अब मुझे मजबूरी में लेपटॉप का स्क्रीन उठना पड़ा और वो देखकर चौंक गई कि उसमें सेक्स मूवी चल रही थी.
Thursday, January 14, 2016
नौकरों से चुद गयी मेरी माँ
नौकरों से चुद गयी मेरी माँ
अब में आपको अपनी जो स्टोरी बताने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है. ये बात 2011 सितम्बर महीने की है. मेरा छोटा भाई स्कूल गया हुआ था और मेरे पापा हमेशा की तरह काम से बाहर दूसरे शहर में थे. उस दिन मेरी तबीयत खराब थी और में कॉलेज नहीं गया था. हमारे घर हमारा नौकर जोगिंदर रोज़ काम करने आता था. उसकी उम्र 25 साल थी और रंग काला था और वो पंजाबी था. मेरा रूम फर्स्ट फ्लोर पर था और मेरी माँ उस दिन नीचे जोगिंदर से काम करवा रही थी. मेरी माँ ने उस दिन सलवार कमीज़ पहनी थी. हमेशा की तरह सुबह 10 बजे जोगिंदर काम करने आया था. जोगिंदर पहले भी रोज़ मेरी माँ को गंदी नज़र से देखता था. उस दिन में ऊपर अपने रूम के बाहर बालकनी में खड़ा था और मैंने देखा कि घर में एक और आदमी अंदर आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया और लॉक लगा दिया.
घर के आंगन में मिली बड़ा लंड
घर के आंगन में मिली बड़ा लंड
दोस्तों उस समय मेरी दीवाली की छुट्टियाँ चल रही थी और मुझे कुछ दिन घूमने, आराम करने के लिए गाँव जाना था, लेकिन मेरे साथ घर वाले नहीं जा सकते थे क्योंकि माँ और पापा को अपने ऑफिस जाना था और भाई की कोचिंग क्लास अभी तक शुरू थी, लेकिन मेरी बुआ का परिवार भी गाँव जाने वाला था. हर साल एक परिवार को वहां पर जाकर दीवाली से पहले का सब काम करना रहता है, लेकिन इस साल मेरे सभी चाचा भी बहुत व्यस्त थे. मेरी बुआ ने कहा कि वो लोग वहां का सब काम कर लेंगे और मेरी बुआ को हमारा गाँव उनके ससुराल के गाँव से कुछ ज़्यादा पसंद था क्योंकि हमारा गाँव एक टापू के पास में है. तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे पापा ने मुझसे कहा कि में भी उन लोगो के साथ गाँव जा सकती हूँ. मेरी बुआ का बेटा निखिल मेरे बराबर ही है और मेरी उसके साथ अच्छी जमती है तो में भी अब उनकी यह बात सुनकर राज़ी हो गई और फिर हमने दस दिन का प्लान बनाया.
Monday, January 11, 2016
कामुक भाबी और उनकी बेटी की प्यास बुझाई
कामुक भाबी और उनकी बेटी की प्यास बुझाई
दोस्तों एक दिन अपनी ऋतु भाभी की ब्रा को चाट रहा था और जब भाभी ने मुझे देख लिया और फिर मुझसे चुदवाया. यह कहानी ऋतु भाभी ने रीता भाभी को भी बता दी थी और उन्होंने यह भी बता दिया कि मेरा लंड 7 इंच का काला और चूत का बहुत प्यासा है. एक दिन रीता भाभी आई हुई थी और में भाभी के घर पर अचार पहुँचाने गया हुआ था और फिर जैसे ही ऋतु भाभी किचन की तरफ गई तो रीता भाभी मेरे लंड पर हाथ रगड़ने लगी और मुझे चूमने लगी. फिर मैंने भी उनके स्मूच का पूरा पूरा साथ दिया और फिर भाभी की नीयत देखकर मेरा लंड और भी बड़ा और तनकर खड़ा होता जा रहा था. स्मूच करते हुये भाभी मुझसे बोली कि मैंने सुना है कि तूने ऋतु को पटक पटककर चोदा है, कभी मुझे भी अपना जलवा दिखा? तो उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझे जोश आ गया और अब में क्या बोलता? मैंने झट से हाँ कर दी और फिर हम दोनों थोड़ी देर तक स्मूच करते रहे और ऋतु भाभी ने हमें स्मूच करते हुए देख लिया था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला, क्योंकि वो तो मुझे जानती ही थी और इसके बाद में ऋतु भाभी को उनके बाथरूम में ले जाकर चूमने, चाटने लगा और कुछ देर बाद अपना माल उनके मुहं में छोड़ दिया और अब में वहाँ से निकल गया.
Sunday, January 10, 2016
पड़ोसन सरदारनी की मस्त गांड
पड़ोसन सरदारनी की मस्त गांड
मेरा जॉब शिफ्ट के समय से होता है और कभी-कभी नाईट शिफ्ट्स होती है तो पूरा दिन ही घर पर ही रहता हूँ. ये फेमिली सरदार की है और सरदार बहुत ही फ्रेंक होते है. यह बात कुछ 2-3 साल पहले की है जब भी वो लड़की टंकी देखने आती थी तो 10-15 मिनट बात ज़रूर करके जाती थी, क्योंकि उसे लगता था कि मुझसे ज़्यादा समझदार लड़का कॉलोनी में नहीं है. एक बार की बात है जब वो टंकी देखने आई तो उसे ऊपर से खोलकर अंदर देखने लगी और कहने लगी कि देखो ना अंदर से कितनी गर्म-गर्म हवा आती है, लेकिन मैंने नहीं देखा और एक स्माईल पास कर दी. फिर बाद में मैंने सोचा कि मैंने तो एक मौका मिस कर दिया, क्योंकि मैंने सुना था कि लड़की नई-नई उम्र में लाईन देती है. फिर अगले दिन जब वो आई तो फिर से वही काम करने लगी और टंकी खोलकर उसमें अपना चेहरा देखने लगी और कहने लगी कि देखो कितना साफ पानी है. अब मुझसे भी रहा नहीं गया और में जानबूझ कर उसके पीछे से चिपकता हुआ टंकी के पास चला गया और अंदर देखने लगा. इसी बीच मैंने अपना पप्पू उसकी गांड पर लगा दिया. क्या फीलिंग थी वो यारों? पप्पू तो बस अंदर ही घुस जाना चाहता था. उस टाईम उसने निक्कर ही पहनी थी.
Saturday, January 9, 2016
दो बुर की प्यास बुझाई मेरी लंड ने
दो बुर की प्यास बुझाई मेरी लंड ने
मेरी यह बात सुनकर एक बार फिर से ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी तो मैंने बात को और आगे बड़ाने के लिए उनसे पूछा कि क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है? तो वो बोली कि नहीं मुझे उनकी यह बात सुनकर महसूस हो गया था कि वो थोड़ी उदास है, लेकिन फिर वो मुझसे कहने लगी कि चल हम घर पर बिना बताए कहीं बाहर घूमने चलते है. मैंने बहुत खुश होकर झट से कहा कि ठीक है चलो हम कोई फिल्म देखने चलेंगे और फिर में उनके बताए हुए ठीक समय पर और पते पर पहुंच गया और हम लोग फिल्म देखने चले गये और वहां पर पहुंचने के कुछ घंटो बाद बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे पूछा कि तू क्या मेरा बॉयफ्रेंड बनना चाहेगा? में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और झट से बोला कि हाँ क्यों नहीं? तो उन्होंने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और एक किस भी किया. उनके दोनों बूब्स मेरी छाती से दब गये थे और मैंने भी जोश में आकर उनके बूब्स पर हाथ रख दिए, लेकिन तभी उन्होंने कहा कि अभी नहीं, आज तो बस हम आराम से फिल्म देखकर घर पर जाएगें और यह सब फिर कभी करेंगे. ऐसे ही एक दो सप्ताह निकल गये और अब हम घंटो तक छुप छुपकर फोन पर बातें किया करते थे. फिर एक दिन बातों ही बातों में उन्होंने मुझे बताया कि वो अभी तक वर्जिन है, लेकिन वो कभी कभी छुपकर ब्लूफिल्म देखती है और अपनी चूत में उंगली भी कर लेती है. मैंने हंसकर कहा कि में भी यही सब करता हूँ और फिर हम लोग फोन सेक्स करने लगे. ऐसा करने से हमें बहुत मज़ा आता था. फिर एक दिन उनका फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि आज घर पर कोई नहीं है और में बिल्कुल अकेली हूँ, तुम जल्दी से आ जाओ.
Friday, January 8, 2016
ससुर ने चोदा अपने छोटे बहु को
ससुर ने चोदा अपने छोटे बहु को
शाम को हम सब ने खाना खाया और सोने के लिए चले गये. में रात को उनकी चुदाई के बारे में सोच रहा था कि तब करीब 11 बजे हल्की सी आवाज़ हुई. में उठकर देखने के लिए दरवाजे के होल पर आ गया. अब भाभी ने अपनी तरफ का दरवाजा खोला और पेटीकोट और ब्लाउज में ही अपने ससुर के सामने आ गयी, क्यों आज मन नहीं कर रहा क्या? तुम्हें पता है में दो दिनों से प्यासी हूँ. भाभी ने ये कहकर उसने ससुर के होठों पर अपने नरम और रसीले होंठ रख कर उनको चूसने लगी और लुंगी के ऊपर से ही अपने हाथों से लंड को सहलाने लगी. ये दिखाते हुए जैसे उनकी चूत लंड के लिए कितनी भूखी है. अब बाबूलाल ने भी अपनी बहु का साथ देना शुरू कर दिया और धीरे से पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया और फिर ब्लाऊज भी उतार दिया. निमो अब पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और बाबूलाल ने भी अपनी लूँगी उतार दी. अब तो लंड खड़ा हो गया था. अब भाभी नीचे बैठी और लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. फिर थोड़ी देर में ही लंड महाराज खड़े हो गये. भाभी अब खड़ी हो गयी और ससुर जी ने बहु को पलंग पर बैठा दिया और दोनों टाँगे खोलकर उनकी रसीली चूत को चूसना शुरु कर दिया. भाभी सिसक उठी आह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह ऊहह आआअई ईशश आह्ह्ह और ज़ोर से मजा आ रहा है. में दो दिन से प्यासी हूँ, चिंता मत कर मेरी निमो रानी, में तेरी दो दिनों की प्यास बुझा दूँगा, इतना कहकर अब वो पलंग पर आ गये.
Thursday, January 7, 2016
Wednesday, January 6, 2016
तब जाके चुद गयी मुझसे मेरी बहन-1
तब जाके चुद गयी मुझसे मेरी बहन-1
एक बार 15 दिन से ज़्यादा हो गये थे, लेकिन मैंने चूत का मज़ा नहीं लिया था तो मैंने मेरी एक गर्लफ्रेंड अंकिता को फोन किया और कहा कि आज मेरे एक फ्रेंड के रूम की चाबी मेरे पास है तो क्या तुम शाम को आ सकती हो? तो उसने बहुत नाटक किया और हाँ बोल दिया और शाम को एक बियर पीकर मेरे फ्रेंड के रूम पर उसका इंतज़ार करने लगा और वो 9 बजे आई थी. मैंने उससे पूछा वो लेट कैसे आई? तो उसने कहा रात को आना बहुत मुश्किल होता है और फिर हम दोनों ने खाना खाया और बेडरूम में आ गये और वो अभी भी चुदवाने के लिए बहुत नाटक कर रही थी. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने फोर्स करते हुए उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया और उसने गुस्से में आकर कह दिया कि तुमने आज तक मुझे बहुत बार चोदा है तो आज छोड़ नहीं सकते हो. में ऐसा करूँगी कि तुम मुझे टच भी नहीं कर सकोगे. वो ये कहकर टी-शर्ट लेने के लिए आ गई. तब में उसकी ब्रा निकालने के लिए गया तो वो मुझसे मज़ाक करते हुए कहने लगी कि मुझे मत लूटो तो मुझे गुस्सा आ गया और मैंने कहा तुम ऐसा क्यों कह रही हो? में तुम्हारा बॉयफ्रेंड हूँ. तभी उसने कहा कि अगर आज रात तुम मुझे चोदने के लिए आए हो तो में तुम्हें भैया ही कहूँगी और तुम मुझे चोद भी नहीं सकते. ये कहते हुए वो मेरे सामने ही अपनी ब्रा निकाल कर सिर्फ़ टी-शर्ट पहनने लगी.
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