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Thursday, April 14, 2016

टीचर की कमीना गिरी

टीचर की कमीना गिरी

मैं आपको एक नई कहानी सुनाने जा रही हूँ जो की बिल्कुल सच्ची कहानी है मैं 19 साल की हूँ और सुंदर लड़की हूँ। मेरी कहानी एक माँ और उसके आशिक़ द्वारा एक मासूम लड़की को गंदे कामों में धकेलने की है मेरे पापा एक बैंक में काम करते हैं और उनकी मम्मी के साथ पटती नही है वे हमेशा देर से घर आते हैं और खाना खा कर सो जाते हैं मेरी तरफ़ उनका ज़रा भी ध्यान नहीं है ये कोई 5 साल पहले की घटना है तब में 18 साल की थी। मम्मी ने मुझे पढ़ाने के लिए एक टीचर रखा था जिसकी उम्र क़रीब 28 साल की होगी। पहले ही दिन मम्मी ने उन्हें और मुझे अपने कमरे में बुलाया और हिदायतें देना शुरू कर दी। मम्मी ने मुझसे टीचर के लिए चाय बनाने को कहा और मैं चली गई जब में चाय लेकर आई तब मैने देखा की मम्मी के कपड़े अस्त व्यस्त थे और टीचर के शर्ट पेर मम्मी के लंबे बाल थे। मम्मी का पावडर भी उन पर लगा हुआ था। में समझ गई थी कि वे दोनो प्यार कर रहे थे।

मेरी कामुक मम्मी

मेरी कामुक मम्मी

मैं पोवदेर कमर पर बलोवसे के अनदर हथ देकर मलने लगा अहिसता अहिसता पुरि कमर पर मलते हुए सिदे से बूबस भि मसलने लगा फिर मैने सिदे से बूबस पर पोवदेर लगते लगते दबने लगा उसको मज़्ज़ा आ रहा था। फिर मैन कहा कि समने घुमो गरदन के पस भि लगा देता हुन। वो घुमि तो बलोवसे के बुत्तुन खुले हुए थे और बूबस बहर ननगे थे। ।बदे बदे बूबस बहुत सेक्सी लग रहे थे, मैने तुरनत गरदन और फिर बूबस पर पोवदेर लगने लगा और अब तो बूबस भि मसल रहा था वो कुच नहि बोल रहि थि। फिर मैने मसलते मसलते हथ बूबस के निचे पेत पर फिर नवहि पर मसला और धिरे से उनका पेतिकोत का नरा खोल दिया, और अपने हथ अनदर दलकर जनघ पर फेरते फेरते बुर पर भि पोवदेर लगने लगा वो बोलि ये कया कर रहे हो मैने कहा थिक से लगा देता हु फिर निनद भि थिक से आ जयेगि। फिर मैने हथ उनके गोल गोल चुतर पर फेरने लगा सच मे बदा मज़ा आ रहा था – मैने पुचा कया मज़ा आ रहा है अरम मिल रहा है अब तो अछा लग रहा है, मैने चुतर पर हथ फेरते फेरते उनके उपर चद गया और बोला अब बान भि दब जयेगा फिर मैने कमर के निचे से बूबस पकद कर जोर जोर से दबने लगा अब वो पुरि तदप रहि थि मैने कहा कितब वला ससेने करते है मेरे बदन मे जोर जोर से गुदगुदि हो रहि है फिर अचनक वो बोलिये कया कर रहे हो, मैने कहा दरवजा बनद है, किशि को पता नहि चलेगा, मैं किसिसे नहि कहुनगा,तुमहरि कसम, और मज़ा भि आ जयेगा,पलेअसे मना मत करो।

पुष्पा भाभी की गरम चूत

पुष्पा भाभी की गरम चूत

तब भी मैं कहा प्लीज़ मुझे यह सब भी पसंद नहीं है, तब भाभी थोड़ा गुस्सा कर के कहा अगर यह भी मुझसे नहीं किया तो मैं पूरे बल्डिंग वाले को जगा दूँगी कि तुम मेरे घर जबरजस्ती आए हो, और मुझे परेशान करते हो, तब मैं और घबरा गया. पर भाभी सेक्सी फिल्म देख कर बहुत ही गरम हो गयी थी. इसलिए वो नहीं मान रही थी और मैंने भाभी को कहा कि अगर तुमने मुझे अब छुआ तो मैं यंहा से चले जाऊंगा. बाद में भाभी भी कहने लगी के ओके तब मैंने कहा ओके सिर्फ़ तुम मेरे साथ खेल सकती हो पर मैं तुम्हें नहीं चोद सकता. उसने कहा ठीक है. भाभी अपने कपड़े पूरी तरह से निकाल दिया और मेरा वाइट टी - शर्ट उतार लिया. वो मुझसे कहने लगी कि अब मेरे ये बूब्स के निप्पल को थोड़ा अपने हाथ के उंगली से मसल और मैं मचलने लगा. और बाद मेँ कहा अपना मुँह ज़रा मेरे मुँह के पास लाओ, जब मैं मेरा मुँह उसके करीब ले गया तो उसने अपने हाथ से मेरा सर पकड़के उसका मुँह मेरे मुँह से किस करने लगा, और वो ज़ोर ज़ोर से स्मूच करने लगी, मैंने कहा अब बस करो मेरा दम घुट रहा है, तब वो और भी जोश में आके उसने करीबन १८-२० मिनिट तक स्मूच किया.

पडोसी के सेक्सी भाबी की प्यासी बुर

पडोसी के सेक्सी भाबी की प्यासी बुर

अब पड़ोसन भाभी का हमारे घर आना जाना शुरू हुआ, मैं उनके लड़के को अच्छे से ट्रीट करता था, जो उन्हें भी अच्छा लगता था! और हम लोगो का घर में आना जाना, एक दुसरे के घर खाना एक्सचेंज करना एक नार्मल सी बात हो गयी थी! हम लोगो की, पड़ोसन भाभी से एक अच्छी tuning, बैठ गयी थी! कभी कभी हम दोनों एक दुसरे को नॉन वेज जोक्स (गन्दे चुटकले) भी सुना देते थे! एक बार मैं घर पर अकेला था, और पड़ोसन भाभी काली साड़ी में अपने बेटे के साथ घर पर आ गयी! उस दिन भाभी गज़ब की लग रही थी! मैं अपने कमरे में था तो, वो मेरे कमरे में आ गयी और अपने बेटे को (जो सो चुका था) मेरे बिस्तर पर लिटा दिया! जैसे ही भाभी नीचे झुकी, उनकी साडी का पल्लू नीचे गिर गया और भाभी के स्तन पूरी तरह से आज मैं देख सकता था! देखते ही मैंने एक कमेंट कसा और कहा! लगता है ये बहुत juicy हैं? भाभी शर्मा गयी और धीरे से बोली तुम भी taste कर लो! मैंने वो अल्फाज़ सुन लिए थे और बोला, तो taste करवाओ! भाभी बोली उसके लिए करीब आना पड़ता है!

Tuesday, April 12, 2016

दीदी के साथ सेक्स चाटिंग

दीदी के साथ सेक्स चाटिंग

दीदी ने लैपटॉप ऑफ किया और मम्मी के पास जाके बातें करने लगी मैं धीरे से अलमारी के पीछे से निकला और कैमरा उठाया और उसे चेक करने लगा की क्या 2 रिकॉर्ड हुआ है कैमरा ओन किया तो मेरी ठुक गयी उसमे बैटरी लो का साइन आ रहा था मैंने उसे चार्जिंग पे लगाया और विडियो क्लिप देखि वो 57 mins की थी मैंने सोचा ये क्या हुआ इतनी छोटी क्लिप केसे हो गयी क्योंकि कैमरा तो बहुत पहले ही एडजस्ट कर दिया था मैंने उस क्लिप को प्ले करके देखा एंड के 27 मीन्स की क्लिप में काम का बस ये रिकॉर्ड हुआ था दीदी आयी लैपटॉप ओन किया स्क्रीन पे फ्लाइंग किस्स किया बस यहाँ तक रिकॉर्ड हुआ था फिर कैमरा ऑफ हो गया था मुझे फिर इतना गुस्सा आया की मैंने बैटरी क्यू नहीं चेक की पहले फिर मैंने उस क्लिप को लैपटॉप मे डाला और जब दीदी पासवर्ड डाल रही थी तब zoom करके क्लिप को बार 2 pause कर कर के देखा और मुझे मजा आ गया क्योंकि मुझे दीदी का पासवर्ड मिल चूका था उनका पासवर्ड था " I love you janu " अब मैंने browsing हिस्ट्री चेक की पहले दीदी ने gmail खोला था तो मैंने दीदी की ID डाली और पासवर्ड बॉक्स में I love you janu डाला और उनका अकाउंट ओपन हो गया मैं खुद पर बहुत फक्र महसूस कर रहा था..

जीजाजी, पहली बार दर्द बहुत होगा, धीरे करना

जीजाजी, पहली बार दर्द बहुत होगा, धीरे करना

रात खाना खाने के बाद मैडम फ्रेश होकर नाईटसूट में बेडरूम में आ गई तो मेरी साली बोली- मैं भी चेन्ज करके आती हूँ। उसके जाते ही मैंने मैडम से कहा- फटाफट से एक किस दे दो। मेरी बीवी बोली- आपकी साली सो जाय तब हमसे चिपक लेना ! "ठीक है मेरी जान, जैसी मर्जी आपकी ! इतने में साली साहिबा फैंसी मैक्सी पहन परफ्यूम लगा कर बेडरूम में आई। उसकी खूबसूरती देख मेरी सांसें कुछ पल थम गई। बैड पर मैं बीच में लेटा था, इधर उधर वे दोनों ! साली की मैक्सी का गला बड़ा था जिसमें से उसकी आकर्षक चूचियों के उभार मेरे मन को कामुक कर रहे थे। पतली कमर पर डोरी कसी देख मेरा लण्ड फूलकर चिपचिपा हो रहा था। खैर गपशप करते सो गए, नीद में करवट ली और कब मैं अपनी साली से चिपक गया, पता नहीं। खैर रात में जब मेरी नींद जब खुली तो देखा कि सालीजी नागिन की तरह मुझसे चिपकी हुई थी, उसकी चूचियाँ साफ दिख रही थी।

Monday, April 11, 2016

गज़ब की प्यासी दो बुर की कहानी

गज़ब की प्यासी दो बुर की कहानी

अब मैंने रात को पूनम का नाम लेकर 2 बार मूठ मार ली थी और अब में उससे मिलने के लिए बैचेन था और काफ़ी टाईम हो गया था और अब अंजली भाभी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा था. फिर लगभग 2 दिन के बाद अंजली भाभी का दोबारा फोन आया और बोली कि आज हमारे साथ मूवी देखने आओगे, तो मैंने कहा कि यार कब से तुम्हारे फोन का इंतजार कर रहा हूँ, तो उसने कहा कि तुम उसी मॉल में आ जाओ जहाँ हम पहले मिलते थे. फिर लगभग 2 बजे हम मॉल में मिले और फिर मैंने अंजली से कहा कि कितने दिन हो गये यार तुम्हें अपना लंड चुसवाये, कुछ जुगाड़ करो ना. फिर अंजली बोली कि यार जब से मेरी दोस्त आई है तब से मेरा देवर कही बाहर जाता ही नहीं है और मेरी दोस्त पूनम के साथ वो दिन में 2-3 बार चुदाई करता है.


कुंवारी बुर की चुदाई तिन दिन तक

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Saturday, April 9, 2016

उसे भी अपनी चूत चुदाने की इच्छा हो रही थी

उसे भी अपनी चूत चुदाने की इच्छा हो रही थी

वो शायद मुम्बई से आई थी और कुछ दिनों के लिये शहर में थी। उसने मेरा थैंक्स बोला और पूछा मे आई नो योर गुडनेम मतलब क्या मैं आपका नाम जान सकती हूं। मैने कहा रहमान और अपना कालेज क्लब का विजिटिंग कार्ड दे दिया जिसपर मेरा नाम फोन नम्बर लिखा था। मैं जानता था कि तीर सही निशाने पर लगा है, और शाम को उसने फोन किया। अपना पता बताया और सीधा मुझे बुला लिया। मैं जब उसके मकान पर पहुंचा तो वो दरवाजे पर खड़ी मेरा इंतजार कर रही थी। बताया कि कोई नहीं है अंदर आजाओ। आज मुझे शहरी चूत मिलने के पूरे आसार दिख रहे थे। वो मुझे सीधा अपने क्वीन साईज्ड बेडरुम में ले गयी और वहां उसने टीवी आन कर दिया। वो मेरे पास ही बैठ गयी थी। उसने ढीठता दिखाते हुए अपने बाजू मेरे हाथों में सटा दिये थे, मैं तो पहले से ही खिलाड़ी था, सो आराम से उसके पैरों पर हाथ रख दिया और रिमोट दबाने लगा।

मामी कि मुह मै डाली गरम लण्ड

मामी कि मुह मै डाली गरम लण्ड

तो दोस्तो, मेरी मामी घर में गाउन पहनती थीं, उनका बड़ा लड़का सुबह 8 बजे स्कूल जाता था और 4 बजे आता था। छोटा सिर्फ़ 3 साल का था। मैं मेरी मामी के साथ ही पूरा दिन बात करता और टी।वी। देखता था। सुबह मैं अक्सर देर से ऊठता था पर मामी सुबह जल्दी नहा लेती थीं। ऐसे ही एक दिन नहाने के बाद, मामी ने मुझे उठाया और मैं जब नहाने बाथरूम में गया तो देखा कि मामी की काली पैंटी सुख रही थी… उसी दिन दोपहर को मैंने और मामी ने खाना खाया और फिर मैं टीवी देख रहा था और मामी किचन में थीं। दोस्तो, ना जाने मुझे क्या सूझा, मैं उठा और किचन में जा कर सीधे मामी को पीछे से कस के पकड़ लिया। मैं सच कह रहा हूँ, मुझे पता ही नहीं चला कि उस वक्त मुझे क्या हुआ… मैं पागलों की तरह, मामी के बूब्स दबाने लगा। मामी बोलीं – ये क्या कर रहे हो तुम, पागल हो गये हो क्या? मैंने कुछ सुना नहीं और बस मामी को यहाँ-वहां दबाने लगा। फिर मामी ने मुझे ज़ोर से धकेला और बोला – पागला गये हो क्या? ये सब क्या कर रहे हो?


Thursday, April 7, 2016

प्यासी स्टूडेंट रूपा की चूत चाट कर चोदा टीचर ने

प्यासी स्टूडेंट रूपा की चूत चाट कर छोड़ा टीचर ने

वो फर्स्ट बेंच पर बैठती थी. क्लास में वो मुझे हमेशा घूरती रहती थी. लेकिन जब मैं उसको देखता, तो वो शर्माकर नज़रे झुका लेती थी. एक हफ्ते की क्लास की बाद, एक दिन रूपा मेरे पास आई. उसदिनमैंने पहली बार उसकी आवाज़ सुनी.वो बोली – सर, एक प्रॉब्लम है. मुझे सारे सब्जेक्ट समझ आते है, लेकिन मैं कंप्यूटर में बहुत विक हु. प्लीज आप मुझे एक्स्ट्रा टाइम देके समझा देंगे. मैंने कहा – कॉलेज में तो एक्स्ट्रा टाइम देना थोड़ा मुश्किल है. तो उसने बोला – फिर आप मुझे हमारे घर पर प्राइवेट टूशन पढ़ा दीजिये. मैं सोचने लगा, वो बहुत रिक्वेस्ट कर रही थी. ये सुनकर मैं खुश भी हुआ. मुझे थोड़े पैसों की जरूरत भी थी. मैंने उसको कहा – ठीक है, आज शाम को ६ बजे मैं तुम्हारे घर आऊंगा. तब शुरू हुआ, मेरा और रूपा के घर रोज आना जाना. उसके मम्मी- पापा दोनों ही जॉब करते थे और वो उनकी अकेली लाडली लड़की थी. हम लोग रोज़ २ से २:३० घंटे साथ में बिताते थे. थोडा पढ़ते और बहुत बातें करते थे. रात को वो मुझसे फ़ोन पर भी बातें करने लगी थी.

मेरा पहला लेस्बियन सेक्स का अनुभव

मेरा पहला लेस्बियन सेक्स का अनुभव

जब मै उसके घर में घुसी, तो कोई जश्न का माहौल नहीं था; बल्कि उसके माँ-बाप को तो मेरे जन्मदिन के बारे मालूम भी नहीं था. हम लोगो ने किसी आम दिन की तरह खाना खाया और सोने के लिए उसके कमरे में चले गए. घर में सब सो चुके थे और रीमा और मै भी लाइट बंद करके लेट गए थे. रीमा की उंगलिया मेरे बदन पर चल रही थी और वो मुझे नंगा कर रही थी. मैने उसके हाथ पर मारा और बोली, क्या कर रही है शैतान? उसने हँसकर बोला, जानेमन अभी नहीं. थोड़ी देर में लाइट जलाकर जादू दिखाउंगी और जब रीमा ने लाइट जलायी; तो मै दंग रह गयी. रीमा ने मुझे एक कामुक और सेक्सी नाइटी पहना दी थी. उसमे बड़ी मुश्किल से मेरे चुचे ढक रहे थे और उसकी लम्बाई मेरी चूत को और गांड के छेद को बड़ी मुश्किल से ढक पा रही थी. मैने रीमा के गाल पर बड़ी प्यारी से चपत लगायी और बोली, तू बड़ी बदमाश है, क्या चाहती है? रीमा बोली, जानेमन; आज की रात लूट जाने का अरमान है और कुछ लूटने का अरमान है और बड़ी जोर से हँसने लगी.


टीचर को मिली कुवारी चूत चोदनेको

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Wednesday, April 6, 2016

पड़ोसन रूचि दीदी की मस्त चुदाई

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एनआरआई कजिन की चूत का स्वाद

एनआरआई कजिन की चूत का स्वाद

अब उसका फिगर ३४-२८-३२ का हो गया था और उसे देखकर मेरा लंड पगला गया. मैं उससे नज़रे नहीं मिला पा रहा था. उसने मुझे देखा और घूरने लगी. फिर मैं जाके रूम में बैठ गया, तो वो मेरे पास आई और कहने लगी. देखो, वी आर फ्रेंड्स और मुझे तुम्हारी फ्रेंडशिप चाहिए. फिर, हम दोनों की बातें शुरू हो गयी. काफी टाइम गुजर गया. मेरी समर वेकेशन थी, तो मैं उसके घर रहने चले गया और वहां जब वो मेरे सामने आती, तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था. एकबार, वो घर में बाथ कर रही थी और घर में कोई नहीं था. उसने मुझसे टॉवल माँगा और जैसे ही, मैं उसे देने लगा. तो बाथरूम में लगे मिरर से मुझसे उसकी बॉडी दिख गयी और मैं पगला गया. एकदम गोरी बॉडी, मेरी तो लंड खड़ा हो गया. मैं भाग के टॉयलेट गया और मुठ मारने लगा. फिर सोचा, कि मुझे इसे चोदना ही है. फिर बस प्लान बनाने लगा, कि उसे कैसे चोदु? फिर मैं उसे किसी ना किसी बहाने से टच करने लगा. उससे चिपक कर बातें करने लगा. उसने भी वो नोटिस किया और शायद उसे भी अच्छा लगने लगा था और सब एन्जॉय करने लगी.

Tuesday, April 5, 2016

कमसिन हसीना जैसी मेरी भाबी की जवानी

कमसिन हसीना जैसी मेरी भाबी की जवानी

मेरे भाई का घर भी अहमदाबाद में ही है और शादी के बाद उनका हमारे घर पर आना जाना बढ़ गया था, मेरी और भाभी की बहुत अच्छी बनती थी और उस वक्त मेरे पास एक नया फोन था तो एक दिन बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों इस फोन में कोई सुंदर सी लड़की का मोबाईल नंबर तो होगा ना? तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि नहीं आपने मुझे अभी तक आपका कोई नंबर दिया ही नहीं. तभी उन्होंने भी मुझे एक शरारती स्माईल दी और अपना मोबाईल नंबर बताया और मैंने एक मैसेज करके अपना नंबर भी उन्होंने दे दिया, लेकिन अब मेरी कभी भी हिम्मत नहीं हुई उनसे चेट करने की, लेकिन में कभी कभी उन्हें कोई मैसेज जरुर भेज दिया करता था और एक दिन सुबह सुबह उनका एक मैसेज आया जिसमें गुड मॉर्निंग लिखा हुआ था.

आज सारा माल डाल दे मेरे भाई

आज सारा माल डाल दे मेरे भाई 

एक दिन मौसम बड़ा खराब था तो दीदी बाहर गयी थी, शायद उस साल की वो पहली बारिश थी. उस टाईम रात के 9 बज चुके थे और उतने में ही मुझे दीदी का कॉल आया, उसकी गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही थी. उसने मुझे उसकी दोस्त के घर लेने बुलाया. फिर मैंने अपने छोटे भाई बबलू से कहा कि में दीदी को लेने जा रहा हूँ तू खाना खाकर सो जाना. फिर मैंने मेरी बाईक निकाली और उसकी दोस्त ऋतु के घर चला गया. फिर उसकी दोस्त ऋतु ने कहा कि आज रात यही रुक जाओ मौसम बहुत खराब है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा छोटा भाई घर पर अकेला है तो हमें जाना होगा. इतने में रिमझिम बारिश स्टार्ट हो चुकी थी. फिर में और दीदी निकल पड़े और थोड़ी ही देर में जोर की बारिश होने लगी तो दीदी और में एक जगह रुक गये. फिर लगभग रात के 11 बजे के करीब बारिश कम हो गयी तो दीदी ने कहा कि वो बाईक चलाना चाहती है तो दीदी बोली कि तू पीछे बैठ में सब संभाल लूंगी.

Monday, April 4, 2016

मेरी प्यासी मामी की चूत चाटकर चोदी

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दादाजी का बूढ़े लंड का स्वाद

दादाजी का बूढ़े लंड का स्वाद

जब बारिश का महीना था और हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गयी थी, बस स्टॉप पर सिर्फ़ हम दोनों उतरे. हम दोनों के पास छाता ना होने की वजह से हल्की-हल्की बारिश में भीगते हुए हम घर की और बढ़े, बस स्टॉप से घर करीब 10 मिनट पैदल जाने की दूरी पर है, हम बस स्टॉप से 2-3 मिनट ही चले थे कि बारिश जोर से होने लगी तो हम दोनों तेज-तेज चलने लगे, लेकिन ज़्यादा बारिश होने की वजह से दादा जी बोले कि साईड के बड़े पेड़ के नीचे इंतजार कर लेते है और तेज की बारिश की वजह से में मान गयी और हम दोनों साईड के पेड़ के नीचे चले गये, लेकिन तब तक हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे और हमारे कपड़े गीले हो चुके थे, उस वक़्त में स्कूल ड्रेस पहने हुई थी जो कि सफ़ेद शर्ट और ग्रे स्कर्ट थी, में पूरी तरह से भीग चुकी थी और मेरी सफ़ेद शर्ट पारदर्शी होकर चिपक गयी थी. मैंने अन्दर ब्रा पहनी हुई थी, लेकिन गीली शर्ट से मेरे बूब्स के शेप का मालूम चल रहा था. फिर मैंने दादा जी की तरफ देखा तो उनकी नज़र मेरी भीगी हुई शर्ट में दिख रहे बूब्स और क्लीवेज पर थी.

Sunday, April 3, 2016

बहन की गरम बुर को ठंडा किया

बहन की गरम बुर को ठंडा किया 

में और करण अपने रिश्तों में बहुत आगे निकल चुके थे और में उस टाईम वर्जिन थी, लेकिन लगता था कि करण ही मेरी सील तोड़ेगा. हम रोजाना रात रातभर चैट किया करते थे और फोन सेक्स के बिना तो मुझे नींद ही नहीं आती थी. फिर एक दिन में देर रात तक करण से चैट करती रही और अपनी चूत में फिंगरिंग भी कर रही थी, में अपने पूरे जोश में थी और उस रात को मेरी चूत से बहुत ज्यादा पानी निकला. अब में और करण सेक्स चैट में इतने डूब गए कि पता ही नहीं चला कि कब हमें नींद लग गई. मुझे रोज सुबह माँ उठाती थी, लेकिन उस दिन अभिषेक आ गया, में तो सोई हुई थी तो वो मुझे घूर-घूर कर देखने लगा. फिर उसने मेरा मोबाईल फोन उठा लिया और मेरी चैट पढ़ने लगा, अब में तो सोई हुई थी. फिर पूरी चैट पढ़ने के बाद उसने मुझे उठाया, अब मुझे उसके चेहरे पर एक कमीनी मुस्कान साफ दिखाई दे रही थी, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. अब मेरा भाई और ज्यादा मुझ पर नज़र रखने लगा था, फिर एक दिन मुझे करण का कॉल आया.

चुदासी माँ बनी लंड प्यास में रंडी

चुदासी माँ बनी लंड प्यास में रंडी 

दोस्तों मेरी माँ वहां पर भी हमेशा उनके सामने अपना रंडीपन दिखाती थी और मेरे पापा के ऑफिस चले जाने के बाद वो सजसवर के नीचे मकान मालिक के घर पर पहुंच जाती थी और वो उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ किया करती थी. एक बार की बात है, मैंने रवि को मेरी माँ की गांड पर हाथ रखे हुए भी देख लिया था, लेकिन फिर भी माँ उससे कुछ भी नहीं बोल रही थी क्योंकि शायद वो भी अब उससे इन सभी कामों को करवाने की उम्मीद करती थी और वो भी यही सब अपने साथ करवाना चाहती थी. दोस्तों मेरी माँ की रवि और राकेश के साथ बहुत ज्यादा बात होती थी और वो मेरी माँ से बहुत हंस हंसकर बातें किया करते थे और हमेशा मेरी माँ को गंदी गंदी नजरों से देखा करते थे और उन दोनों लोगो की नज़र मेरी माँ की गांड, बूब्स और उनके गदराए हुए सेक्सी बदन पर ही होती थी जिसकी वजह से मुझे मेरी माँ पर पूरा पूरा शक था कि वो मेरे मकान मालिक से अपनी चुदाई भी करवाती है और एक दिन मेरा शक वो सब कुछ देखकर यकीन में बदल गया जिस दिन मैंने वो सब देखा.


हरामजादे का बहन चोदकर बदला लिया

हरामजादे का बहन चोदकर बदला लिया 

मैंने देखा कि निशा अपने बेड पर नहीं थी. में रूम में जाकर देखने लगा तो में जब रूम में अन्दर गया तो अचनाक से दरवाजा बंद हो गया. फिर निशा ने मुझे पकड़कर बेड पर पटक दिया और वो मेरे ऊपर आकर लेट गई. फिर मैंने कहा कि निशा ये क्या कर रही हो? तो उसने कहा कि प्यार जो में तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा करती हूँ. फिर मैंने कहा कि तुम मेरे दोस्त की बहन हो और मेरे पहले से ही एक गर्लफ्रेंड है. फिर निशा ने कहा कि तो फिर ठीक है और आज से तुम्हारे 2 गर्लफ्रेंड है. फिर मैंने कहा कि में ये नहीं कर सकता. फिर निशा ने कहा कि मुझे पता था कि तुम ऐसे नहीं मानोंगे. फिर निशा ने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और मेरे हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिए और वो मुझे लिप किस करने की कोशिश करने लगी. फिर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और निशा को धक्का मारकर साईड में कर दिया और उठकर चला गया. उस दिन के बाद में कुछ दिन तक राज के घर नहीं गया.


उसका बड़ा लंड देखकर होश गुम हो गया

उसका बड़ा लंड देखकर होश गुम हो गया 

मेरे कॉलेज में बहुत सुंदर-सुंदर लड़कियां है, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वाभाव का हूँ, इसलिए कभी किसी से जाकर बात नहीं कर पाता था, में हर आती-जाती लड़की की चूची को देखता रहता था और उन्हें घूरता था कि काश वो मुझे दबाने को मिल जाए. जब में कोंचिंग में था तो कम से कम दबा लेता था, लेकिन इधर 2 साल से कुछ भी हाथ नहीं लगा है और दूसरी तरफ मेरी जवानी रोज़ रात को उफान मारती थी. मेरे दोस्त काफ़ी अच्छे है और मुझे बहुत ही उत्साहित करते है कि में किसी लड़की से बात करूँ और उसकी जमकर चुदाई करूँ, लेकिन कहते है ना कि किस्मत से पहले और वक़्त से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिला है और मुझे लगता है कि ऐसा ही मेरे साथ भी है. फिर ऐसे ही दिन गुज़रते गये, लेकिन कभी ना कभी तो किस्मत को खुलना ही था तो एक दिन मेरे फोन पर एक लड़की का कॉल आया. में लोगों को अपनी बातों में काफ़ी आराम से लपेट लेता हूँ, अगर वो फोन पर हो तो, लेकिन सामने से मुझे शर्म आती है खासकर लड़कियों के साथ. उस लड़की ने ग़लती से मेरा नम्बर लगा दिया था, रात का वक़्त था और उसने सॉरी बोलकर फोन कट कर दिया. फिर मैंने दुबारा से उसे कॉल किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया.



Thursday, March 31, 2016

बिहारी चिकनी चूत को चोद के लाल बनादिया

बिहारी चिकनी चूत को चोद के लाल बनादिया

अब तो कभी हमारी नज़र टकराती तो बस इशारों का सिलसिला चालू हो गया था | वो हमेशा सूट – सलवार पहना करती थी जिसमें उसका तंग बदन मुझे खूब रिझाया करता था | बस मन में हमेशा यही पुकार लगी रहती की अभी जाकर इसे अपनी बाहों में दबोच लूँ | मैंने जैसे तैसे कुछ अपनी आकंशायाओं पर काबू रख ही लिया और एक दिन मेरे पल्ले ऐसा सुहाना मौका भी आ लिया जिस दिन भरी दोपहर वो बस अपनी दूकान में अकेली ही थी | हमारी इशारों में हाय – हेल्लो बताओ हो रही थी तभी मैंने उसे कहा की क्या मैं कुछ देर के लिए उसके पास आकार बता कर सकता हूँ | उसने भी हामी भर दी और मैं जब गया तो वहीँ कुछ देर बात करने लग गए और मैं उसकी भरके तारीफों के फुल बांधे जा रहा था | मैंने उसे कहा की मैं उसे कुछ दिखलाना चाहता हूँ जिसके लिए वो कुछ देर के लिए अपनी दूकान बंद कर सकती है और हम अंदर कुच्छ बात कर लेंगे . .!! उसे मेरी हरकत समझ में आ गयी और थोडा मस्का मारा तो उसने अपनी दूकान बंद कर ली और अब अँधेरे में दूकान में ही थे |

एयरहोस्टेस की चुत का बना हवाई अड्डा

एयरहोस्टेस की चुत का बना हवाई अड्डा

उसके बाद से वो जब कभी भी अपनी छुट्टियाँ बिताने आती तो मैंने उसे अपने दोस्त के खाली बड़े बड़े से फार्म – हाउस में ले जाया करता जिससे उसके उप्पर मेरा भी व्यक्तितत्व भारी पड़ने लगा था और वो मुझसे शादी करने के लिए बेचैन हुई जा रही थी | मैं तो केवल उसके साथ सुहागरात ही बनाना चाहता था और एक दो बार की मुलाकात के बाद उसे मैं जी भर के लिए चूम लिया करता | एक रोज के बाद जब वो अपने लंबे काम से आई तो मैं भी उसकी चुत के दर्शन करने लिए बहुत ही तड़पा जा रहा था और इस बार मैंने पहली रात को चुदाई के आलम को पूरी तरह से तैयार कर चूका था | रात को मैंने उसे अपनी तरफ खींचा ओर उसके हाथ को सहलाते हुए उसे गर्म करने लगा |

Wednesday, March 30, 2016

शिमला में कुंवारी बुर तोड़ चुदाई हुई

शिमला में कुंवारी बुर तोड़ चुदाई हुई 

यह सब देखकर में एकदम से बहुत डर गई और में कहने लगी कि यह आपने मेरे साथ क्या किया? तो अंकल मुझसे हंसकर बोले कि उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया, लेकिन वो बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. अब मैंने उनसे कहा कि मुझे अपने रूम पर जाना है, तो अंकल मुझसे बोले कि तुम प्लीज एक बार मेरे साथ सेक्स कर लो उसके बाद तुम अपने रूम पर चली जाना. फिर मैंने उनसे कहा कि प्लीज मुझे जाने दो, वो मुझसे बोले कि अगर तुम गई तो में तुम्हारी फोटो नेट पर अपलोड कर दूँगा प्लीज मेरे साथ एक बार सेक्स करो तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो इसलिए मैंने तुम्हे अभी तक कुछ नहीं किया. दोस्तों अब मेरे पास कोई और चारा भी नहीं था और अब में उनकी यह बात चुपचाप मान गई. अब अंकल ने मुझसे कहा कि तुम एकदम सीधी लेट जाओ पहले मुझे तुम्हे सेक्स के लिए तैयार करना है और फिर में उनके कहने पर बेड पर सीधी लेट गई अंकल मेरे दोनों पैरों के बीच में आकर बैठ गए और अब वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे.

कामुक भाबी की जिस्म की गर्मी

कामुक भाबी की जिस्म की गर्मी 

दोस्तों में हमेशा से ही अपनी पड़ोस में रहने वाली सेक्सी भाभी को हवस की नज़रों से देखता था और उनको चोदने के ख्यालों को सोचकर मुठ मारा करता था. में हमेशा सोचता था कि जब में अपनी भाभी को चोदूंगा तो मुझे कितना मज़ा मिलेगा? में सबसे पहले उनकी चूत को चूसूंगा और उनकी गीली चूत का पानी पी जाऊंगा और जब यह सब करने का मुझे मौका मिला तो मैंने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया और आज तक भी उठता आ रहा हूँ. दोस्तों यह बात इसी साल की है और उस समय मेरी भाभी के घर पर हम सब रिश्तेदार गए हुए थे और में उनके घर पर ऐसे ही घूम रहा था और जब मैंने देखा कि भाभी ने अपने कुछ कपड़े धोकर सुखा रखे है तभी मैंने देखा कि उन कपड़ो में भाभी की ब्रा और पेंटी भी थी. तो में वहाँ गया और फिर इधर उधर देखकर चुपके से उनकी पेंटी को उठाकर चाटने लगा.

Tuesday, March 29, 2016

Kamuk Desi Bhavi Fucked By Skinny Guy

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बेचारी मेरी कुंवारी बुर का हुवा तमाशा

बेचारी मेरी कुंवारी बुर का हुवा तमाशा 

अब हर नॉर्मल दिन की तरह उस दिन भी मेरा प्रेक्टिकल एग्जॉम था और मेरे पास एक मरीज आया था, वो करीब 22 साल का था, लेकिन सच में बहुत सुंदर और मस्त बंदा था. मेरा दिल एक ही बार में फिसल गया. अब में उसे घूर रही थी और ये बात उसने भी नोटीस कर ली थी. अब मुझे उसके दाँत की फिलिंग करनी थी, पहला दिन तो बिना कुछ बोले ऐसे ही चला गया. फिर अगली बार वो जब आया तो वो मेरे लिए एक गिफ्ट लेकर आया तो मैंने ले लिया और फिर मेरी उससे बहुत सारी बातें हुई. फिर उसने मेरे बारे में सब कुछ पूछा और बताया भी और फिर मुझसे मेरा फोन नम्बर ले लिया. दोस्तों पता नहीं मुझे क्या हुआ था? अब रात के 11 बज रहे थे और अब मेरी आँखों में जैसे नींद थी ही नहीं, बस बहुत बेताबी सी थी. फिर अचानक से मेरा फोन बजा तो मैंने एक रिंग में ही फोन उठा लिया और अब मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी, उसने मुझसे पूछा कि में अभी तक सोई क्यों नहीं हूँ?

मेरी कामुक चाची और उनका लंड प्यार

मेरी कामुक चाची और उनका लंड प्यार 

उस समय गर्मी के दिन चल रहे थे तो में पानी लेने अपनी चाची के पास चला गया. मैंने दरवाजे पर खड़े रहकर आवाज़ लगाई, दरवाजे को बहुत बार ठोका बजाया, लेकिन मेरे बहुत इंतजार करने पर फिर भी कोई भी दरवाजा खोलने नहीं आया. फिर मैंने दरवाजे को थोड़ा सा अंदर की तरफ धकेल दिया. मैंने देखा कि वो पहले से ही खुला हुआ था और फिर वो खुल गया और में अंदर चला गया और अंदर आने के बाद मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज सुनाई दी तो में बाथरूम के पास में चला गया और एक छोटे से छेद से अंदर झाककर देखने लगा, दोस्तों वो क्या मस्त नज़ारा था? चाची पूरी नंगी होकर नहा रही थी और उनके रसीले बड़े बड़े लटकते हुए बूब्स क्या सेक्सी मस्त लग रहे थे और मैंने देखा कि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और वो एकदम साफ सुथरी थी, जिसको देखकर मेरा तो लंड वहीं पर खड़ा हो गया, मेरा तो मन कर रहा था कि अभी बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर घुस जाऊँ और उनको वहीं पर चोद डालूं, लेकिन मैंने जैसे तैसे अपने आप पर बहुत कंट्रोल रखा, लेकिन अपने लंड को पेंट में सीधा करने के चक्कर में मेरे हाथ से पास में रखी एक बोतल गिर गई और उस बोतल की आवाज़ सुनकर चाची डर गई और वो ज़ोर से चिल्लाकर पूछने लगी कि कौन है? फिर मैंने तुरंत वहां से थोड़ा दूर जाकर उनकी बात का जवाब दिया कि हाँ में हूँ चाची मेडी तो उन्होंने संतुष्ट होकर जवाब दिया कि अच्छा तो तुम हो, चलो थोड़ी देर बैठो, में अभी आती हूँ. फिर में जाकर बैठ गया और कुछ देर बाद चाची साड़ी पहनकर बाहर आई, शायद उन्होंने उस समय ब्रा नहीं पहनी हुई थी, इसलिए उनके बूब्स कुछ ज़्यादा साफ, बड़े और उनकी निप्पल बिल्कुल साफ साफ नजर आ रही थी और वो उनके चलने पर कुछ ज्यादा उछल भी रहे थे, जिसको देखकर में मन ही मन उनकी तरफ आकर्षित होता जा रहा था और में लगातार उनके बूब्स को घूर घूरकर देखता रहा. दोस्तों कुछ देर बाद चाची ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे पूरी तरह ऊपर से नीचे तक हिला दिया, तब जाकर में अपने होश में आ गया और वो मुझसे मुस्कुराकर पूछने लगी कि क्यों ऐसे कहाँ खो गए, क्या आज तुम मुझे कच्चा ही खा जाओगे? फिर मैंने तुरंत अपनी गर्दन नीचे झुकाकर उनकी बात का जवाब दिया और उनसे कहा कि चाची मुझे थोड़ा ठंडा पानी चाहिए था. फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर झट से किचन के अंदर पानी लेने चली गई और मैंने उनसे पूछा कि क्यों चाचा कहीं नहीं दिखाई दे रहे? फिर उन्होंने कहा कि हाँ वो इस समय घर पर नहीं है, क्योंकि वो तीन दिन के लिए बाहर गये हुए है और फिर वो मुझसे कहने लगी कि क्यों तुम आज एक काम करो ना कि तुम आज रात यहीं पर रुक जाओ.

Monday, March 28, 2016

बर्षा आंटी की बुर की बरसात से भीगी लंड

बर्षा आंटी की बुर की बरसात से भीगी लंड

आंटी ने मुझे अंदर आने को कहा और में सबसे पहले एक बात दूँ कि हमारे पास में जो आंटी का घर है उसमे एक हाल और एक किचन ही है और हॉल में एक बेड है, उसी पर वो लोग सोते है. आंटी ने मुझसे कहा कि आप यहाँ बेड पर ही सो जाईएँगे तो मुझे लगा कि यार मेरी तो आज निकल पड़ी. फिर हम लोग एक ही डबल बेड पर रज़ाई ओढ़कर सोने लगे और सोने से पहले मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में ही सोने लगा. आंटी मेरा चेहरा देखने लगी तो मैंने उनसे पूछा कि मेरी ऐसे ही सोने की आदत है आपको कोई आपत्ति तो नहीं है ना? तो वो हल्की सी स्माइल देकर मेरे लंड की तरफ देखकर बोली कि नहीं मुझे इसमे कोई समस्या नहीं है. दोस्तों उस समय मेरा लंड मेरी अंडरवियर में खड़ा होकर तंबू बन चुका था क्योंकि मुझे उनके बड़े बड़े बूब्स झूलते हुए दिख रहे थे. फिर सोते समय आंटी ने अपनी साड़ी का पल्लू अपने बूब्स पर से थोड़ा नीचे कर लिया और अब उनके बड़े बड़े बूब्स मुझे और भी साफ साफ दिख रहे थे और मेरे लंड का तो हाल ही बहुत बुरा था. फिर थोड़ी देर बाद मौका देखकर मैंने अपना काम शुरू कर दिया.

माँ का दूध पिया दूध वाले ने

माँ का दूध पिया दूध वाले ने 

एक दिन में घर पर वापस एक काम से पेपर लेने आया और घर की एक चाबी मेरे पास भी है तो मैंने आराम से गेट खोला और अंदर आ गया. जैसे ही में घर के अंदर आया तो मुझे माँ की हंसने की आवाज़ आ रही थी और साथ में कोई आदमी भी था. अब में समझ गया कि बेटा तू आज टाईम से ही आया है और में आराम से अंदर की तरफ गया और जैसे ही खिड़की के पास खड़े होकर देखा तो में वहीं खड़ा हो गया. मैंने अंदर देखा कि मेरे दूध वाले अंकल थे और मम्मी उनके बिल्कुल पास बैठी थी और वो दोनों हंस हंसकर बात कर रहे थे. फिर उन अंकल ने बोला कि भाभी आप बहुत अच्छी हो और बहुत मज़ाक करती हो, घर में आपके साथ तो दिल लग जाता है. तो माँ ने बोला कि अरे कहा भाई साहब बस यहाँ वहाँ की कर लेती हूँ और भाभी जी कैसे है? बच्चे कैसे है? ऐसे ही बात चल रही थी.

नशीली गांड और दमदार चूची वाली चाची

नशीली गांड और दमदार चूची वाली चाची

जैसे ही मैं चाची के चुन्चो से टकराया मेरी और चाची की नजर मिली, मैंने देखा की चाची की हलकी मुस्कान उसके होंठो पर फेल गई, मुझे लगा की चाची को भी इससे अच्छा लगा होगा | अब में जान बुझ कर हर छोटे खड्डे में भी उससे टकराने लगा और चाची भी कभी कभी सामने से टकरा जाती | मेरी हिम्मत खुल गई, ऐसे भी खाना हो गया था इसलिए शायद ही ट्रक अब रुकने वाला था और अगर रुका भी तो इतना वक्त तो मिल ही जाएगा..! ट्रककी केबिन से पीछे कुछ दिखे इसकी भी गुंजाइश ढेर से सामान के खिड़की को ढँक देने से खत्म हो गई थी |मैंने अब अपने हाथ चलाने शरू कर दिए, एक खड्डे पर मैंने चाची के चुंचे पर रखे हाथ हटाए नहीं बल्कि धीमे ससे हाथ उनकी गांड पर ले गया और उनकी चुन्चो जितनी ही मुलायम गांड सहेला दी | चाची ने एक लंबी सांस ली और वह कुछ बोली नहीं | मैंने अब हाथ को गांडके ऊपर चलाना शरू कर दिया और चाचीने चद्दर खिंच ली ताकि उसका शरीर ढँक जाएं | चाची का मतलब था की करेंगे लेकिन बहार नहीं, चद्दर के अंदर…! मैंने अब चाचीकी गांडसे हाथ ले लिया और में उसके सेक्सी कड़े स्तन दबाने लगा, चाची कुछ नहीं बोल राही थी ट्रक के धक्को में वह भी उत्तेजित हुई पड़ी थी |



लंदन में इंडियन रंडी की चूत मारी

लंदन में इंडियन रंडी की चूत मारी

मैंने उसके रूम के बाहर जाकर डोरबेल बजायी. एक २० के करीब इंडियन गर्ल ने दरवाजा खोला. इस लड़की की शकल ईस्ट – इंडिया की लग रही थी. लेकिन, उसकी हिंदी काफी अच्छी थी. मैंने उससे कहा – मैंने फ़ोन किया था. उसने इधर – उधर देखा और मुझे अन्दर लिया. ये कोई स्टूडेंट फ्लैट था, जिसमें एक बड़ा हॉल था. जिस में एक साइड पर किचन था और सेण्टर में पलंग रखा हुआ था. साइड में, शायद और एक छोटा रूम था. लड़की ने मुझे पलग पर बिठाया और वो बोली – मेरी रेट ४५ पौंड है, २० मिनट का एक शॉट. और इस मैं पूरी सर्विस शामिल है. पूरी सर्विस, समझा नहीं…. ? लेकिन, मैंने कुछ पूछा नहीं. क्योंकि अगर रंडी को पता चला, कि पंछी नया है, तो पूरा काट लेती. उसने पहले पैसे मांगे. मैंने जब से उसे १० पाउंड्स के पांच नोट दिए. इंडियन गर्ल ने उस अलग बने दरवाजे से नॉक किया. अन्दर से दरवाजा खुला और उसने पैसे अन्दर किसी को दिए. मैं देख नहीं पाया, कि अन्दर कौन था. लेकिन, वो जरुर कोई आंटी या अंकल होगा. जो इस लड़की से ये काम करवा रहा था. लड़की ने आते ही कपड़े उतारने के लिए कहा. मैंने कपड़े उतारे, मेरा पूरा लंड बिलकुल खड़ा था और फडफडा रहा था. लड़की ने साइड में पड़े एक पैकेट को खोला, जिसमे कुछ रुई थी. उस ने रुई को एक दवाई में डुबोकर मेरे लंड को मस्त साफ़ किया. इसके बाद उसने एक कंडोम लगाकर मेरे लंड को ढक दिया. इंडियन गर्ल मेरे लंड को धीरे – धीरे सहलाने लगी. मेरा लंड तो कब से टाइट था. वो उसे हिलाने लगी, उसके हिलाने से मेरे लंड में एक लहर सी उठ रही थी. लड़की अब नीचे झुकी और उसने कंडोम लगा लंड अपने मुह में ले लिया. वो केवल लंड के सुपाडे को चूस रही थी. लेकिन बहुत मज़ा आ रहा था. जीन्नत भाभी के साथ ओरल सेक्स किये ४ साल हो गये थे. बंगाली गर्लफ्रेंड लंड चूसती ही नहीं थी. इसलिए, आज मैं स्वर्ग में उड़ने का अहसास कर रहा था.

Saturday, March 26, 2016

कुंवारी बुर की मधहोस करदेने वाली खुसबू

कुंवारी बुर की मधहोस करदेने वाली खुसबू 

मेरी पढ़ाई में उन्हें कोई रूचि नहीं थी, लेकिन दोस्तों मैंने कभी भी उसे सेक्स की नज़र से नहीं देखा था और वो भी मुझे पसंद करती थी, वो हर एक सवाल को मुझसे ही पूछती थी और हर पल मेरी तरह देखकर मुस्कुराती रहती थी. एक दिन में कंप्यूटर नोट बुक चेक कर रहा था तो तभी मैंने उसकी नोटबुक में उसके घर का फोन नंबर देखा और मैंने उससे पूछा कि यह क्या है? तो उसने मुझसे बहुत धीमी आवाज़ में कहा कि सर यह आपके लिए है आप जल्दी से इसे अपने पास लिखकर रख लो, लेकिन मैंने जल्दबाज़ी में ठीक से वो नंबर देखा नहीं था और ना ही उसकी उस बात का इतना कोई गलत मतलब निकाला था और फिर चार दिन बाद उस लड़की की कंप्यूटर क्लास थी और वो दो घंटे पहले ही आ गई. फिर मैंने उससे कहा कि आप इतनी जल्दी क्यों आई हो? तो उसने मुस्कुराकर कहा कि बस में आपके लिए आ गई. फिर मैंने उसे बैठने के लिए कहा और दस मिनट के बाद वो कहने लगी कि आप भी मेरे साथ बैठ जाइए तो में समझ गया कि इसके मन में कुछ बात ज़रूर है. अब में उससे थोड़ा दूर होकर बैठ गया, लेकिन तभी उसने एक बार फिर से कहा कि सर आप मुझसे इस तरह डर क्यों रहे हो? आप थोड़ा मेरे पास आकर बैठो ना, तो में कुछ सोचने लगा, लेकिन कुछ ही मिनट के बाद उसके पास जाकर बैठ गया और अब उसने मुझसे कुछ नहीं बोला बस वो मेरी तरफ देखकर अब भी मुस्कुरा रही रही. में भी अब बिल्कुल चुपचाप बैठा हुआ था.


ऑफिस में सेक्रेटरी की गांड मारी

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पेहले भी चोदा और अब भी चुदती हे

पेहले भी चोदा और अब भी चुदती हे 

हमलोग, शनिवार की रात को ट्रेन से चले गये और नेक्स्ट मोर्निंग में होटल में चेक- इन किया. सन्डे होने की वजह से कोई काम नहीं था. तो हम लोग फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट करके टीवी देखने लगे. हम दोनों बात कर रहे थे. वो बोली – इतनी दूर आकर भी, हम लोग टीवी देख रहे है. राज, क्या हम इतनी दूर सिर्फ टीवी देखने आये है? बोलो राज… बोलो ना… मैंने कहा, तो फिर तुम ही बोलो; क्या करना है? उसने कहा, पहले जाकर तुम कंडोम लेकर आओ. हम लोगो के पास तीन दिन है और जब भी टाइम मिलेगा, हम सेक्स करेंगे. इसलिए तो तुम्हारे साथ आई हु, राज. मैं बहुत प्यासी हु राज. मुझे सेक्स करना है. मुझे प्लीज बहुत तेज चोदो.. बहुत जोर से… मेरी प्यास बुझा दो… बुझाओगे ना .. राज. वो बहुत मासूम लग रही थी. फिर उसने मुझे थोड़ा डांटते हुए बोला – जल्दी जाओ ना… लेकर आओ कंडोम. नहीं तो मैं ऐसे ही कर लुंगी सेक्स… तुम समझो ना.. अगर कुछ गड़बड़ हो गयी, तो प्रॉब्लम हो जाएगी.. फिर जब मैं कंडोम लेकर आया रूम में.

आंटी हो या माँ हमें सिर्फ चोदने से मतलब हे

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Thursday, March 24, 2016

कैसे कैसे चूत मिलते हे क्या बताऊँ यारों

कैसे कैसे चूत मिलते हे क्या बताऊँ यारों 

मेरी नजर दूसरी लड़की पर पड़ी, जो वहीँ भीड़ में खड़ी थी और बहुत थकी लग रही थी, जैसे शादी के फ्न्शन से आ रही हो. तब मौसम भी शादियों का चल रहा था. वो ऊपर हुक पकड़ कर खड़ी थी. उसके अंडरआर्म (बगल के बाल) दिख रही थी. दिखने में भी बड़ी मस्त थी. मन कर रहा था, कि जाके चोद दू. दिखने में हेरोएन जैसे थी. फिगर ३२-३०-३२ का होगा. फिर उसे मेरे पास थोड़ी जगह दिखाई दी, तो वो मेरे पास आकर खड़ी हो गयी और जहाँ मेरा हाथ रखा था. वो बहुत थकी हुई लग रही थी. जहाँ मेरे हाथ थे, वहां उसके बूब्स लग रहे थे. मैं तो बड़ा मस्त हुए जा रहा था. वो मेरे हाथ पर अपने बूब्स लगा रही थी. मुझे लगा, कि वो नीद में है. पर वो हिल – हिल कर एडजस्ट हो रही थी. मेरे हाथो में उसके बूब्स थे. पहले मैं डर रहा था. पर जब वो आँखे बंद करके एन्जॉय करने लगी, तो मैं भी आगे बड़ा और उसके बूब्स में ऊँगली करने लगा. वो भी मस्त मजे ले रही थी. उसने जीन्स और टीशर्ट पहनी हुई थी. मैं टीशर्ट के ऊपर से उसकी ब्रा खीचने लगा और उसकी ब्रा को साइड में कर दिया और अच्छे से चूची को दबाने लगा. बट एक ही बूब दबा पा रहा था. अब वो जरा दूसरी तरफ घूम गयी और मेरी तरफ अब उसकी पीठ आ गयी थी. मैंने आगे हाथ बढ़ा कर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. वो बड़ी मस्त हो रही थी. अभी उसकी ऐज शायद २१ इयर्स की होगी. उसने फिर मुझे मस्त होते हुए देखा, तो मैंने उसे आँख मार दी.

वो बोली सूंघना छोड़ जल्दी चोद हरामी

वो बोली सूंघना छोड़ जल्दी चोद हरामी 

एक महीने बाद, मेरी और उसकी पहली सैलरी आई. वो और मैं बहुत खुश थे. मैंने उसे बोला, मुझे पार्टी कब दे रहे हो? तो उसने बिना शर्माए बोला, जब आपका मन करे, तब ले लेना. वैसे भी, आपने मेरी बहुत हेल्प करी है. हमने सैटरडे का दिन फ़ाइनल किया. क्योंकि सन्डे को हमारी छुट्टी होती है. सैटरडे को वो और मैं एक साथ ऑफिस से बाहर निकले और ग्रामीण सेवा पकड़ कर, मेरे फ्लैट पर चल दिए. रास्ते में, मैंने पूछा – कुछ ड्रिंक लेना पसंद करोगी? उसने बोला – हाँ, थोड़ी वोडका ले लुंगी. मैंने रास्ते से एक बोटेल वोडका और कुछ खाने का सामान लिया और मेरा फ्लैट पर चल दिए. वहां जाकर, हमने २-२ पेग लिए और बातें करने लगे और उसने मुझे हेल्प करने के लिए थैंक्स बोला. वो बात करते – करते रोने लगी और बोली – अगर, आप नहीं होते. ये जॉब नहीं होती मेरे पास. मैंने उसे चुप करवाया. उसके आंसू पूछे और वो एकदम सा मेरे गले लग गयी. उसकी चूची मेरी छाती पर लगने लगी. पहले मुझे कुछ अजीब सा लगा. फिर बाद में, मुझे भी मज़ा आने लगा. मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पा घुमाने लगा और उसे समझाने लगा. मेरा ऐसा करने से शायद वो गरम हो गयी थी.

Wednesday, March 23, 2016

पड़ोसन भाबी की चुदाई

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हॉस्पिटल मे मनाया चूत चुदाई का जश्न

हॉस्पिटल मे मनाया चूत चुदाई का जश्न

मेरे सब फ्रेंड मुझे ताने देने लगे थे, कि इतना सुंदर होने के क्या फायदा, अगर चूत का मज़ा ना लिया तो. बस मैंने ठान ली थी, कि अब कुछ दिनों में एक अच्छी सी चूत का मज़ा लेना है. जॉब अच्छी चल रही थी. सब काम ठीक था. मेरे स्टाफ में, मेरे अंडर दो लडकिया थी. सब आधी उम्र की. मज़ा ही नहीं आता था. बस उनमे एक चीज़ मस्त थी, उनके मम्मे पामेला अन्द्रेसन की तरह थे. बस सारा दिन, उनके मम्मो के दर्शन में बीत जाता था.
फिर, एक दिन बहुत ही मस्त बात हुई. मेरे स्टाफ की एक औरत को बाहर जाना पड़ा कुछ दिनों के लिए. वो अपनी जगह अपनी लड़की को काम के लिए छोड़ गयी. हाँ, क्या मस्त माल थी यार. शब्दों में उसकी खूबसूरती का बयां करना बहुत ही मुश्किल है. बिलकुल रानी मुखर्जी जैसी लगती थी साली. बस, फिर तो सोच लिया था, कि अगर चोदना है तो बस इसी को चोदना है. बट हॉस्पिटल में और वो भी किसी दूसरी लड़की के सामने ये होना बहुत ही मुश्किल था. बट उसे चोदना ही था, तो मैं तरकीब सोच रहा था. फिर उसको काम सिखाने के बहाने से मैं उसको ज्यादा से ज्यादा अपने साथ रखने लगा. जब पेशेंट नहीं होते थे, तो उससे बातचीत करने लगता था. बस फिर क्या था, धीरे-धीरे वो मुझसे खुलने लगी.

Tuesday, March 22, 2016

जोर जोर से दबाओ राजा

जोर जोर से दबाओ राजा

जंगल की वीरानियों को चीरता हुआ एक रथ बहुत तेजी से भागा जा रहा था। उस रथ पर सवार वीर्यपुर की महारानी चूतनन्दा सवार थी। उन्हें शिकार का बहुत शौक था। इस समय भी उनके हाथ में धनुष था और निशाना एक सुन्दर हिरण था। चूतनन्दा गज़ब की सुन्दर स्त्री थी। उसके लाल लाल होंठ मानो रस भरे अंगूर हों जिन्हें देखकर मन करता था कि उसके होंठों का रस पी जायें। उसकी चूचियाँ इतनी मुलायम थी मानो मक्खन।
तभी उसके रथ के सामने वो हिरण आया और चूतनन्दा ने तीर चला दिया और हिरण मारा गया। चूतनन्दा रथ से उतरी और हिरण के पेट में घुसा हुआ तीर निकाल के जैसे ही वो मुड़ी उसकी नज़र एक योगी पर पड़ी। उसने देखा कि वो योगी पूरा नंगा खड़ा होकर ध्यान-मग्न है। तभी चूतनन्दा की नज़र उसके सोये हुये नंगे लण्ड पर पड़ी, उस लण्ड को देखकर चूतनन्दा के मुँह में पानी आ गया, वो योगी के पास गई और बोली- ए साधु ! उठो ! जागो ! देखो वीर्यपुर की महारानी चूतनन्दा तुम्हारे सामने खड़ी है और तुम्हें आदेश देती है कि तुम मेरी प्यास बुझाओ। पर उसकी आवाज़ का असर उस योगी पर नहीं पड़ा।