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Tuesday, December 30, 2014

होनेवाला जीजा की बहन की चूत


होनेवाला जीजा की  बहन की चूत

उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया और मेरे शर्ट का कोलर पकड के मुझे अपनी और खिंच के मेरे होंठो के ऊपर किस कर लिया. मैंने भी एक भी पल गवाएं बिना सीधे ही उनके बूब्स को हाथ में ले लिया. ब्रा नहीं थी अन्दर सच में और वो सॉफ्ट बूब्स दबाने का बड़ा मजा आ रहा था!

फिर मैंने एक हाथ से उनकी नाइटी ऊपर कर के निकाल फेंकी. सच में उसका गोरा बदन बड़ा ही क़यामत लग रहा था. मेरे होंठो से अब मैं चुन्चियो को चाटने लगा था. उनकी सिसकियाँ निकल रही थी..हम्म्म्म हम्म्म्म अआह्ह्ह आआआआआ….!

मेरा दूसरा हाथ अब धीरे से उनकी चूत की और बढ़ गया और मैं चूत को सहलाने लगा था. चूत एकदम लिसी थी और उसके होंठो पर चिकना पानी निकल चूका था जिसने चूत को चिकनी बना दिया था. अब उस से रहा नहीं गया और उसने हाथ लंबा कर के मेरे लोडे को अपने हाथ में ले के दबाया. मेरा लोडा तो एकदम टाईट हो चुका था. मैं इस चिकनी चूत को चाटने का मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहता था.

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Saturday, December 27, 2014

Big tits booby indian girl hard sex with boyfriend


चूत में खुजली


उमा मुस्करा दी, गद्दी
अलमारी में रख दी और राजीव की पैंट की चैन खोल दी। उसके बाद उसका लौड़ा निकाल
कर चूसने लगी। राजीव ने अपनी पैंट उतार दी। राजीव का लौड़ा सात इंच लम्बा और
तीन इंच मोटा होगा। पूरा लौड़ा लोहे की रॉड की तरह तना हुआ था और उमा लौड़ा लप
लप कर के चूस रही थी।
मैं छुप कर देखने लगी। कुछ देर में दोनों नंगे थे। राजीव उमा को पलंग पर लिटा
कर उसकी चूत चूसे जा रहा था, उमा की आह ऊह ओह की आवाजें कमरे में गूँज रही
थीं। मेरी चूत में जोरों की खुजली हो रही थी। होती भी क्यों नहीं ! आज मुझे








Friday, December 26, 2014

गुरु ने सिकाई चुदाई


गुरु ने सिकाई चुदाई

फिर मेने दरवाज़ा अन्दर से लॉक कर दिया. और निचे उनके सामने बेठ गया. उन्होंने पहले अपना दुपट्टा फेक दिया और फिर अपना कुरता निकालना सुरु किया. में बता नही सकता मेरे को कितनी खुसी मिली हुई…… अब वो मेरे सामने वाइट कलर की ही कॉटन ब्रा में थी और निचे वाइट पजामा…..

अब उन्होंने पजामे का नाडा खोला और उनका पजामा एक सेकंड में निचे गिर गया. उनकी थिंक्स को देख के में बेहोस होते होते बचा क्या मस्त थिंग्स थी यार मिल्की वाइट…. और उनके बड़े बड़े बूब्स…. क्या नज़ारा था यार कौन कहता हे की कश्मीर जन्नत हे बल्कि उससे भी बढ़िया नजारा मेरे आंखोके सामने था उनके चेहरे का रंग एक दम लाल टमाटर की तरह हो गया था और मेरा हल बद से बदतर हो गया था में अपने लंड को ट्राउजर के उपर से ही मसल रहा था अब वो मेरे सामने वाइट ब्रा और सेक्सी ग्रे पेंटी में थी.


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चुदक्कड औरतकी गांड और चुतकी धुलाई


और में फिर रात को नाहा धोकर रेडी हुई और मेने एक डीप गले वाले ब्लाउज पहना जो की पुराना था और काफी टाइट था जिससे मेरे बूब्स ब्लाउज में नही समां रहे थे और आधी चुचिया बहार निकल आई थी और मेने एक पिंक कलर की साड़ी डाल ली और मेकअप किया और रेड कलर की डार्क लिपस्टिक की और बालो का झोडा बना कर उसमे एक फुल लगाया और अपने आप को आईने में देखा तो में बिलकुल कोठे की रंडी की तरह ही लग रही थी. और मन ही मन सोचा की आज तो एक रंडी की तरह ही चुदवाना हे और में अपनी कार लेके निकली घर से और घर से काफी दूर एक सुमसाम सडक पर कार खड़ी की और बहार निकल कर कार के पास खड़ी रही. और अपने पर्स में से एक सिगरेट जलाई और पिने लगी में आप सबको बता दू की में कोई कोई बार ही स्मोकिंग करती हूँ और ड्रिंक भी और फिर में सडक पे से आने जाने वाली कार को देखने लगी और कुछ देर बाद वह से एक कार निकली और उसने थोड़ी आगे जाकर वापिस मूड़ी अपनी कार और मेरे पास आ कर खड़ी कर दी.
और मेने कार में देखा तो उसमे २४ या २५ साल के ३ जवान और हट्टे कट्टे लड़के थे जो की थोड़े अच्छे घर के लग रहे थे और फिर आगे की खिड़की पे एक लड़का बैठा था जो मेरे सामने मुस्कुराया और मेने भी उसके सामने स्माइल कर दी और फिर वो कार में से बहार आया और मेरे पास आ कर खड़ा हुआ और बोला चलती हे क्या तो मेने पूछा कहा पर तो वो बोला मेरे फार्म हाउस पर कोई नही हे तो आज तेरे साथ मजे करेंगे हम तीनो और और तू कितने पेसे लेगी एक रात के ये सब सुनके मुझे कुछ अजीब सा फिल हो रहा था.

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Thursday, December 25, 2014

आराम से चलाइए ना

मैंने उसे चुप कराने के लिए उसका हाथ पकड़ लिया और उसे शांत करने की कोशिश करने लगा ..

इस बीच मैंने महसूस किया कि उसने अपना हाथ छुड़ाने को कोशिश भी नहीं की।

मैं धीरे धीरे अपनी उंगलियों को को उसके हाथों में फिराने लगा… वो चुप रही मेरी हिम्मत बढ़ती गई। फिर मैंने उसके गुलाबी नर्म होंटों पर अपने होंट लगा दिए और फिर चूमता गया उसकी आँखों, माथे और फिर नीचे की ओर गले में ……………………. प्लीज आशु ….. नहीं, लेकिन उसने हाथ को छुड़ाने की कोशिश नहीं की !

फिर मैं अपना दूसरा हाथ उसकी कमर में फिराने लगा

                                                                             

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Wednesday, December 24, 2014

भोजन भी चोदन भी २


भोजन भी चोदन भी २

होटल के कमरे में दाखिल होते ही मेडम ने दरवाजा बंध किया और वो मेरी बाहों से लिपट गई. वो मुझे कान, होंठो और गले के ऊपर बेतहाशा चूमने लगी और मेरे लोडे को भी अपने हाथ से दबा रही थी. मेडम के हाथ मेरे लोडे को जोर जोर से दबा रही थी और वो फुल के बड़ा हो रहा था. मेडम ने अब धीरे से मेरी ज़िप खोली और लोडे को बहार निकाल के अपने मुहं में ले बैठी. उसकी यह हरकत ने मेरी हवस की आग में जैसे पेट्रोल फूंका. मैंने अपनी पतलून को खिंच के उतार दी. मेडम मेरा लोडा अपने मुहं में जोर जोर से चला रही थी और मैं उसके बाल को पकड के अपने लोडे के ऊपर दबा रहा था!

२ मिनिट लंड चूसने के बाद मेडम खड़ी हुई और अपने कपडे खोलने लगी. उसकी साडी उतरते ही उसके ब्लाउज में छिपे हुए बूब्स देख के मुझे अपने बदन में गुदगुदी हो रही थी. मेडम ने ब्लाउज खोला तो मैं उसकी बड़ी चुन्चियो को देखता ही रह गया. ऐसा लग रहा था की बड़ी साइज़ के आम को ठूंस ठूंस के ब्रा में भर दिया गया था. बूब्स का एक बड़ा हिस्सा तो ब्रा के बहार ऊपर उभर के आया हुआ था. मेडम ने अभी ब्रा नहीं खोली थी और मैं उसकी चुन्चियो के ऊपर टूट पड़ा. दोनों हाथ में भी वो बूब्स आ नहीं रहे थे. मैं दोनों बॉल्स को दबा रहा था और बूब्स के उपर के हिस्से को जबान से चाट रहा था.

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भोजन भी चोदन भी १


भोजन भी चोदन भी १

मेरे लोडे को बहार निकाल के उसने मुट्ठी में बंध किया और उसे दबाते हुए हिलाने लगी. मेरी हलकी आह निकल गई. मेडम ने सुपाडे के ऊपर चुम्मा लिया और मेरी और देखने लगी. वो बड़ी ही मादक लग रही थी जैसे की सास बहु सीरियल में आती हुई कोई मॉडल.

उसने अपना मुहं धीरे से खोला और लोडे का आधे से भी अधिक भाग अपने मुह में लिया. मेरे लोडे पर थूंक और गर्मी दोनों का अहसास एक साथ होने लगा. मेडम ने लंड को चाटना और उसके ऊपर अपनी जबान को घुमाना चालू कर दिया था. वाऊ, कितना अच्छा लग रहा था जब वो पुरे जोश के साथ लंड को चूस रही थी. मेरी बीवी मुझे बलोजॉब देती हैं लेकिन इस बलोजॉब की बात ही कुछ और थी. मेडम ने लोडे के तल के भाग को अपनी मुठ्ठी में दबाया हुआ था और वो कस कस के लोडे को अपने होंठो में दबा के चुस्ती जा रही थी.

आह, धीरे से मेडम मैं पानी छोड़ दूंगा.

वही तो मैं भी चाहती हूँ मेरे राजा, इस गर्म पानी से अपनी प्यास बुझाउंगी और फिर रात में अपनी चूत को सिंचुंगी उस से. अभी के लिए तुम्हे मेरे मुहं से ही संतुष्ट होना पड़ेगा डार्लिंग.

इतना कह के वो फिर लोडे को मुह में भर गई. अब वो लंड को निचे से हिला रही थी और ऊपर से चाट रही थी. बाप रे अगर कुछ हॉट था तो वो हम दोनों ही थे उस वक्त. मेरी नजर इधर उधर देख लेती थी, लेकिन किसी का भी ध्यान इस हाइवे पर खड़ी हुई गाडी में नहीं था.

मेडम का यह बलोजॉब और ५ मिनिट चला और मेरे लंड से सच में पानी निकल पड़ा. मेडम ने वीर्य के स्खलन को अपने मुहं में ही होने दिया. बहुत दिन के बाद लंड चुस्वाया था इसलिए ढेर सारा वीर्य निकला था, जिसे यह चुदासी हाउसवाइफ पी गई थी. जब उसने अपना मुहं ऊपर किया तो एक बूंद उसके होंठो पर अभी भी सबूत के तौर पर लगी हुई थी. मेडम ने मुझे देख के आँख मारी और बोली, मजा आ गया!

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Monday, December 22, 2014

जॉब भी मस्ती भी


जॉब भी मस्ती भी
मेने उसके निचले हॉट को अपने होटो में दबा के चूसा उसके लाल हॉट और भी लाल और रसीले हो गये थे और वह एक छोटी वर्क टेबल थी मेने नेहा को उस पे टिकाया और धीरे धीरे उसके गले पे किस करने लगा और काटने लगा ऊह्ह्हह्ह सोनू माय लोवीईईईईईईईईईए धीरे धीरे वो बडबडाने लगी तो मेने उसके गले को लिक करना सुरु किया. उसकी पूरी पर्सनालिटी में उसका गला बहोत सेक्सी लगता था और में उसके गले को लिक करते हुए उसकी सलवार के उपर से हाथ डाल के उसकी चूत को रगड़ने लगा. ऊऊओह्ह्ह्ह ऊऊऊह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह्ह ooooohhhhh ऊऊह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् अह्ह्हाआअ स्स्श्हह्ह्ह्ह स्स्स्शह्ह्ह्ह स्स्श्हह्ह्ह्हह्ह स्स्सस्स्स्सस्स्शह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह स्स्स्सश्ह्ह्ह स्स्सस्स्श्हह्ह्ह स्स्सस्स्श्हह्ह्ह्ह स्स्स्सस्स्शह्ह्ह्ह आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ उसकी सिसकिया तेज हो चुकी थी. और मेरे को डर था की कोई सुन ना ले पर गेलरी के बहार मार्किट का शोर्ट हे जिससे किसी को हमारी आवाज़ नही आती. उसकी चूत रगड़ने पे मेने उसकी सलवार पे मेने गिला पं महसूस किया. और में दुसरे हाथ से उसके बूब्स को द्बाने लगा..

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मेरी दीवानी भाभी

भाभी ने गाउन पहन रखा थां।
भाभी मेरे लिए पानी लेकर आई और चाय के लिए रसोई में चली गई। मैं भी उनके
पीछे-पीछे रसोई में चला गया और उनसे बातें करने लगा।
भाभी ने मुझसे पूछा- तुम मुझे अकसर घूरते क्यों रहते हो?
तो मैंने कहा- भाभी, आप बहुत सैक्सी हो !
भाभी की गांड देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो चला था। भाभी चोरी-छुपे मेरे लण्ड
की तरफ देख रही थी, मैंने भाभी को कहा- क्या देख रही हो?
तो वो घबराने लगी, उन्होंने कहा- कुछ नहीं !
भाभी ने कहा- मैं

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Sunday, December 21, 2014

चुदाई का नशा

भीमा की नजर मेरे स्तन पर पड़ी और मैंने उसकी तरफ देखा. भीमा की तरफ मेरी नजर में पूरी लालच भरी थी जिसे वह भी पढ़ रहा था. मैंने उसे कहा की तुम बहार मत जाना जब तक जय नहीं आता मुझे डर लग रहा हैं और नींद भी आ रही हैं. मैंने भीमा को कहा की मैं पलंग पर लेट जाती हूँ, लेकिन उसे उठने के लिए मैंने मना किया. पलंग सिंगल बेड था और मेरे लेटते ही भीमा की जांघ की साइड पर मेरी जांघ टच होने लगी. मैंने कुछ 1 मिनिट तक आँखे बंध की, भीमा को मैंने आँखे चुपके से थोड़ी खोल के देखा. उसने अपना सर पलंग की बेठक पर जमा दिया था और वोह आँखे बंध करके लेट सा गया था. मैंने अपना हाथ हलाया और भीमा के टांग

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स्कुल प्रिंसिपल की चुदाई


स्कुल प्रिंसिपल की चुदाई

हाय में राहुल नॉएडा से फिर आपके लिए में अपनी सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. मेरी आज की कहानी हे मेरे नेफ्यू (होने) की प्रिंसिपल की में कई बार हनी को स्कूल ड्राप या पिक करने जाता था. एक बार किसी काम से मुझे प्रिंसिपल के पास जाना पड़ा. तो में जेसे ही अन्दर इंटर हुआ तो देखा की वो क्या खुबसूरत सी बाला मेरे सामने बेठी थी. क्या कयामत लग रही टी उन्होंने ब्लैक कलर की साडी पहनी हुई थी और उनके दीप क्ट ब्लाउज से क्लीवेज साफ़ दिख रहा था. उन्होंने मुझे बेठने को कहा और और में बेठ गया और उनसे हनी के बारे में बात करने लगा. और मेरी नजर बार बार उनके क्लीवेज पे जा रही थी.. और वो ये सब नोटिस कर रही थी. फिर मेने लास्ट में निकलते हुए उनका नंबर मांगा और उन्होंने अपना कार्ड दे दिया. और उसके बाद में कई बार हनी को जल्दी लेने चला जाता कॉज जल्दी लेने के लिए प्रिंसिपल की पेर्मिसन लेने होती थी. और एसे ही कई बार मिलने के बाद एक दिन उनका व्हात्सप पे मेसेज आया उसमे एक पिक थी फ्लावर की तो मेने भी रिप्लाई में एक पिक सेंड कर दी. एसे ही हम धीरे धीरे चाट करने लग गए

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Saturday, December 20, 2014

जिन्दगी का मज्जा

जब मैं थोड़ी देर बाद दीदी के कमरे में गया तो दीदी सज-संवर के अपने शादी के जोड़े में घूँघट ओढ़े पलंग पर बैठी मेरा बेसबरी से इंतजार कर रही थी। मैं दीदी के पास गया और प्यार से उनका घूँघट उठाया और उनकी ठुडी को अपने हाथ से ऊपर उठाने के साथ ही उनके होटों का चुम्बन ले कर बोला- ओह दीदी ! आई लव यू ! मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी !
और उनके होटों के नीचे वाले काले तिल को अपने 

जरा नीचे भी,,,,,,,,,

एक बार रात को लगभग १० बजे मुझे ख्याल आया कि मुख्य गेट खुला ही रह गया है। सोने से पहले मैं जब बाहर निकली तो मैंने देखा कि विनय की खिड़की थोड़ी सी खुली रह गई थी। मैंने यूं ही अन्दर झांका तो मेरे बदन में जैसे चींटियां रेंगने लगी।

विनय बिलकुल नंगा खड़ा था और

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Thursday, December 18, 2014

प्यासी आँटी


प्यासी आँटी

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम अपरिचित रेमो। में लखनऊ का रहने वाला हूँ। आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आपको ये जरुर पसंद आएगी अगर आपको मेरी कहानी अच्छी लगे तो प्लीज मुझे ज़रूर बताये।
मैं लखनऊ में अपना बिजनेस करता हूँ और साथ में बीकॉम भी कर रहा हूँ। मेरी उम्र 25 साल की है। मेरी हाईट 5.9 है और बॉडी स्लिम, मुझे हमेशा से यही चाहत रही है की काश कोई शादीशुदा लेडी मेरी लाईफ में आए और कुछ दिनो पहले ऐसा ही हो गया, जैसा कि मैने सोचा था। मैं जिस बिल्डिंग में रहता हूँ, उसी बिल्डिंग में जस्ट मेरे सामने वाले फ्लेट में एक फेमली आकर रहने लगी। उस फेमेली में 6 लोग थे। एक आंटी थी, जिनका नाम निहारिका था। उनकी उम्र 38 साल की थी, फिगर तो कयामत थे, मेरे हिसाब से 38-30-40 उनके बड़े बड़े बूब्स और बड़ी गांड देखकर हमेंशा मेरा लंड खड़ा हो जाता था। वो बहुत ही गौरी थी। मैं हमेशा यही सोचता था कि ऐसा कुछ हो कि मैं इन्हे चोदूं और में उनसे बात करने के मौके ढूँढने लगा था। अक्सर जब उनके घर में कोई नहीं होता था और वो घर पर अकेली होती थी। तब मैं उनसे पानी माँगने या कुछ और समान माँगने के बहाने उनके घर जाया करता था। फिर मैने नोट किया की वो भी मुझसे बात करना चाहती है। एक दिन मैं उनसे पानी माँगने गया तभी मेरी उनसे पहली बार अच्छी तरह से बात हुई।

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Wednesday, December 17, 2014

हॉट कजिन की टैट बुर


हॉट कजिन की टैट बुर

हेलो दोस्तों मेरा नाम राहुल हे. और में लखनऊ में रेहता हूँ. मुझे इन्सेक्ट की कहानिया पढने में बहोत मज़ा आता हे. वेल आज में आपको अपनी लाइफ की रियल स्टोरी सुनना चाहता हूँ. और ये एक दम सच्ची स्टोरी हे. इस लिए प्लीज् आप सब इसे अपने साथ भी अमेजिन कर सकते हे. चलिए अब में अपनी स्टोरी स्टार्ट करता हूँ.
अभी मेरी उम्र २८ साल की हे पर ये बात तब की हे जब में २० साल का था और में अपनी फेमिली यानी की पापा और मोम के साथ अपनी बुआ जी के घर कानपूर गया था. मेरी बुआ जी की लड़की (नेहा) हे उस समय उसकी उम्र १८ साल की थी उर हम दोनों की अच्छी दोसती थी. एक दिन सब लोग मार्किट गए थे और हम दोनों अकेले ही घर पे रुक गए थे क्यू की बहार बहोत धुप थी और मम्मी और बुआजी के साथ मार्किट जाने का हम दोनों का ही मन नहीं था. इस लिए हम दोनों ने ही मन कर दिया की इतनी धुप में हम नहीं जायेंगे.
खेर दोपहर के १२ बजे मम्मी और बुआजी मार्किट के लिए घर से निकल गए और में अपनी कजिन के साथ घर पर ही अकेले रुक गया. मेरी कजिन गोरी और स्मार्ट बिलकुल किसी ऐक्ट्रेस की तरह दिखती हे. और हम दोनों ही घर में अकेले बेठे थे. तो उसने पूछा की भैया चाय पियोगे. तो मेने कहा की ठीक हे. बना लो तो वो चाय बनाने किचन में चली गयी.

Tuesday, December 16, 2014

जवानी की प्यास


जैसे ही मैंने उसको उसके घर पर उतारा तो वो बोली-अन्दर आ जाओ !
मैंने मना तो बहुत किया पर वो मुझे अन्दर ले ही गई। शायद उसका मन भी चुदने का था।

फ़िर धीरे से उसने मुझे अपने पास बिठाया और मुझसे बातें करने लगी।
सच में, मादरचोद, उसकी चूचियाँ देखकर तो मेरे मुँह में पानी आ गया। उसने मुझे देख लिया और बोली- स्वप्निल ! तुम मुझे पसंद करते हो ना?
मैंने भी हाँ कह दिया।

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Monday, December 15, 2014

जॉब भी मस्ती भी


जॉब भी मस्ती भी 

दोस्तो, मेरा नाम रमेश है, मैं एक छोटे शहर का रहने वाला था. मैं पहले पढ़ने के लिए और बाद में नौकरी के लिए बड़े शहर में गया, तो मैं यहीं बस गया.
मैंने पढ़ते-पढ़ते ही नौकरी शुरू कर दी थी और मैंने एक कॉल सेण्टर में काम करना शुरू कर दिया था. लड़का होने के कारण मुझे रात की शिफ्ट में काम करना पड़ता था, रात को मैं काम करता था और दिन में कॉलेज जाता था.
रात में कॉल सेण्टर में ज्यादा लोग नहीं होते थे, केवल 4-5 लोग ही होते थे. एक मेरी बॉस शीला और एक दूसरे विभाग के सर सोहन, मैं, मेरे साथ काम करने वाली लड़की नीता और एक-दो लोग और.
रात में ज्यादा काम नहीं होता था, सिर्फ़ थोड़ा बहुत देखरेख का काम था, इसलिए हम सब काफी मस्ती करते थे.
एक दिन मैं बाथरूम गया, तो मुझे लेडीज़ बाथरूम के बाहर जाने पर उसके अंदर से कुछ आवाजें सुनाई दीं. आआआआ…. ऊऊऊ… आआ.ह्ह्ह…. ऊओह्ह्ह…
और जब मैंने बाथरूम के दरवाजे के बाहर से झिर्री में से झांककर देखा तो पाया कि शीला मैम और सोहन सर एक दूसरे से लिपटे हुए थे और दोनों ही एक दूसरे को चूम चाट रहे थे, उन दोनों के अंग आपस में टकरा रहे थे. मुझे यह सब देखकर मज़ा आ रहा था और तभी मैंने अपना लंड में कड़ापन महसूस किया और मैंने जिप खोल कर लण्ड बाहर निकाल कर देख तो मेरे लंड से कुछ चिपचिपा निकलने लगा.

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Saturday, December 13, 2014

अह ! ओह ! मैंने टाँगें खोल दी !

अच्छे-अच्छे लौड़ों से मैंने खूब चुदाई करवाई है और अब मैं आप सबको शादी के बाद का किस्सा सुनाने जा रही हूँ।
मेरा पति बहुत ढीला है, उसका लौड़ा भी कुछ ख़ास नहीं है। मैं जिस स्कूल में जॉब करती हूँ वो स्कूल बारहवीं कक्षा तक है।
जब मैं चलती हूँ तो मेरी गांड ऊपर नीचे हिलती है। मैं सूट भी भड़काऊ किस्म के पहनती हूँ। लड़कों की नज़र मेरी छाती और गांड पर आ टिकती है। जवान जवान लडके हैं, कई लड़के तो बिल्कुल नहीं डरते और कमेन्ट देने से परहेज़ नहीं करते।

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आह, क्या मस्त चिकनी चूत थी।

हमने कम्बल अपने पैरों पर फ़ैला कर बात करना शुरू किया। मेरा ध्यान बार बार उसकी चूचियों पर जा रहा था, जो उसके स्वेटर पर से भी काफी बड़ी लग रही थी।
जब मैं उसकी चूचियों को देखता तो वो मुस्कुरा देती, इससे मेरा हौसला और बढ़ रहा था।
मैंने फिर अपना पैर कम्बल के अंदर उसके पैर से धीरे से सटाया तो वो कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा दी।
मैं समझ गया कि वो भी मस्ती के मूड में है। मैंने धीरे-धीरे अपना पैर उसके जांघों के बीच में रख दिया और

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छुपेरूस्तम चुदाई

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Thursday, December 11, 2014

बहन बुर की हनीमून


बहन बुर की हनीमून

मेरी बहन को पेपर देने के लिए दिल्ली जाना था इसलिए मैं भी उसके साथ चला गया क्यूंकि मेरी माँ ने मुझे बहन के साथ जाने के लिए कहा था. माँ ने कहा इसके साथ जा और साथ में दिल्ली भी घूम लेना. मैं मन में सोचा की चलो दिल्ली में हनीमून मना के आयेंगे, क्यूंकि इस से पहले भी मैंने अपनी बहन को चोदा था!
हम लोग शनिवार को सुबह दिल्ली के लिए चल पड़े क्यूंकि उसका पेपर सन्डे को था. दोपहर को करीब २ बजे हम लोग दिल्ली में थे. पहले तो हमने एक साउथ इंडियन रेस्टोरेंट में लंच किया और फिर एक मीडियम होटल में कमरा ले के उसमे सामान वगेरह सेट किया. मेरी बहन नहाने के लिए चली गई, मैंने उसे कहा की दरवाजा खुला रख के ही नहाना.
वो हंस के बोली, ठीक हैं, तुम्हारे इरादे तो नैक हैं ना.
मैं हंस पड़ा और उसकी गांड पर एक मार दी.
वो जैसे ही बाथरूम में घुसी मैंने भी अपने कपडे उतारे और उसके पीछे बाथरूम में घुस गया. अंदर वो अपनी चुंचियां पकड के खड़ी हो गई जैसे की मुझ से छिपा रही थी. मैंने कहा, दिखाओ ना!

उसने अपने हाथ को हटा दिया और उसकी बड़ी बड़ी चुंचियां झूल गई. मैं आगे बढ़ा और उसकी चुन्चियों को चूसने लगा. उसकी नीपल्स अकड चुकी थी और वो मदहोश ही थी. मेरा लंड तो कब का खड़ा था उसे चोदने के लिए. लेकिन मैं आज अपनी बहन की सेक्स वीडियो बनाना चाहता था.

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Wednesday, December 10, 2014

क्या नज़ारा था

बात उन दिनों की है जब मैंने बारहवीं के इम्तिहान दिए थे। मेरे भाई-भाभी मुम्बई में रहते हैं, मैं रिजल्ट निकलने तक मुम्बई चला गया। मैं दिल्ली से कभी बाहर नहीं गया था, यह मेरा पहला मौका था पर मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि पहला मौका हमेशा के लिये यादगार रहेगा।
मैं मुम्बई स्टेशन पर पहुंचा, मेरा भाई मुझे लेने के लिए वहां पर आया था। मैं उनके साथ घर चला गया। जब घर पहुंचा तो भाभी से मिला और फिर मैंने फ़्रेश होकर खाना खाया, मेरी भाभी और भाई बहुत अच्छे हैं।
पड़ोस में एक सेक्सी भाभी रहती हैं, उनके पति मेरे भाई के साथ ही काम करते हैं। मेरी उनसे भी जान पहचान हो गई और मैं उनके घर भी जाने लगा और सुजाता भाभी (पड़ोस वाली भाभी) को भी अपनी भाभी की तरह इज़्ज़त देता था। सात-आठ दिनों में मैं उससे घुल-मिल गया जैसे वहीं पर सालों से रहा हूँ और उन्हें जानता हूँ।

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चूत मानती ही नही


चूत मानती ही नही


दोस्तों, मेरा नाम निशा है और मै एक अंडरगारमेंट्स की दूकान चलाती हु |वैसे दूकान तो मेरी पति की है; लेकिन, वो सुबह खोलने और शाम को बंद करने के अलावा कुछ और काम नहीं करते है | सारा दिन इधर-उधर घूमते रहते है | जब मुझे इनकी लापरवाही का पता चला, तो मैने दूकान की सारी जिम्मेदारी खुद के ली | दूसरा मुझे फायदा था, आदमियों को उनके अंडरवेअर दिखाने के बहाने मुझे उनके लंडो को साइज़ पता चल जाता था | मै बहुत ठरकी औरत हु | मेरे पति के लंड ने अब खड़ा होना बंद कर दिया और वो अब मेरी प्यास नहीं बुझा पाते | १०-१५ दिन मे एक बार, वो सेक्स के लिए मानते है और उसमे भी १-२मिनट मे ही झड जाते और मै प्यासी रह जाती हु | मैने उसके लिए काफी दवाईया की; लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ | फिर, मैने उनपर मेहनत छोड़कर बाहर अपनी प्यास बुझाने का तरीका ढूँढना शुरू कर दिया | मैने दूकान मे, एक ट्रायल रूम बनवाया है | ताकि, अगर किसी को साइज़ का पता ना हूँ; तो वो रूम मे जाकर पहन कर देख सकता है | असल मे, मैने वहा पर कैमरे लगा रखे है | और मै बाद मे, लोगो के लंडो को देखती हु |एक बार एक आदमी आया और उसने मुझे अंडरवेअर माँगा और ट्राय करने चला गया |जाने से पहले वो मेरे चूचो को घूर रहा था | मै भी चुपचाप अपने कंप्यूटरपे देखने लगी | उसका लंड वाकई शानदार था | काला, मोटा और लम्बा; ९-१० इंच का रहा होगा |

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Tuesday, December 9, 2014

लंड की प्यास



नाम है मनोरमा, जिसके गोल-गोल चूचे, उठी हुई गांड है !
शुरू से ही मैं अपनी भाभी से एक हद तक मजाक करता था पर मैंने कभी उसके बारे में गलत नहीं सोचा। पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था ! भाई की रात की ड्यूटी लगी हुई थी, मम्मी और पापा भैंसों के प्लाट में सोते थे।
अब मम्मी बोलने लगी- अनिल बेटा, तेरे भाई की रात की ड्यूटी है, तू अपने कमरे में सोने की बजाय अपनी भाभी के

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Monday, December 8, 2014

सेक्सी कविता और उपदेश

सेक्सी कविता 

मोहिनी आओ खेलेंगे
नही आप हमको पेलेंगे
यही तो प्यारकी कसौटी है 
नही, मेरी  चुत बहुतछोटी  है
देख तेरे लिए दिल मुझे कितना प्यार  भरि है 
नही मुझे पता है  आपका बहुत देर से खडा है 
देख ये तेरा हुस्न  और निखार डेगा
जी नही ये मेरी चुत और गांड  दोनो  फाड़ देगा 

 बाबा  चोदोदास का उपदेश

तिन चीज़ जिंदगीमे नहीं मिलती
१ लंड
२. पहली चुदाई
 ३.जवानी

तिन चीज़ सोच कर उठाओ
१ लंड
२.हतौडा
३.दारू संग सोडा

तिन चीज़ सोच कर  करो 
१.पड़ोसन की चुदाई
 २.खेतमे खुदाई
३.दोस्तकी बिदाई

तिन चीज़ किसी इंतजार नहीं करती सोच कर उठाओ
१. रंडी की चूत
२.बिगाड़ा हुआ पूत
३.आता हुआ मूत

तिन चीज छोटी ना समाजो
१. सोया लंड
२. आती ठण्ड
३.म्यूच्यूअल फण्ड

तिन चीज हमेशा दर्द देती है 
१. कुंवारी चूत
२. डाकू की लूट
 ३.अटका हुँवा  मूत

तिन  चीज हमेशा खुस आपको रखेंगी
१.चोदने  की खुमारी
२.भोजन की तयारी
३. मेरी यारी

सेक्स के मारे पागल हो रही थी

आज फिर रात हो हो गई .. सोचा आज तो किस्मत साथ दे दे। मैं सेक्स में ये भी भूल गया था कि वो मेरी माँ है। हम सोने की तय्यारी कर रहे थे . भाई बहन सो चुके थे, पापा भी घर में नहीं थे. माँ ने मेरे सामने ही अपना ब्लाउज उतारा और अपनी पीठ खुजाने लगी. माँ ने आज सफेद ब्रा पहनी थी, धीमी रोशनी की वजह से माँ और

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Saturday, December 6, 2014

भाभी की मस्त बुर


भाभी की मस्त बुर
मै उस समय 15 साल का था। मेरे लंड पर बाल उग आए थे। मै अक्सर रात को अपने बिस्तर पर नंगा लेट कर अपने लंड के बाल को सहलाया करता था। एवं अपने लंड को खड़ा कर उसे सहलाता रहता था। एक रात मै अपने लंड को सहला रहा था । उसमे मुझे बहूत आनंद आ रहा था। अचानक मै जोर जोर से अपने लंड को अपने हाथ से रगड़ना शुरू किया । मुझे ऐसा करना बहूत अच्छा लग रहा था। अचानक मेरे लंड से मेरा माल निकलने लगा । उत्तेजना से मेरी आँखे बंद हो गई। 5-6 मिनट तक मुझे होश ही नही रहा। ये मेरा पहला मुठ था। इसके पहले मुझे इसका कोई अनुभव नही था। मै बाथरूम में जा कर अपने लंड को धोया और बेड पे आया तो मुझे गहरी नींद आ गई।
अगली सुबह मै अपने रूम से बाहर निकला तो देखा की भइया अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहे हैं। उनकी शादी हुए 2 साल हो गए थे। भाभी मेरे साथ बहूत ही घुली मिली थी। मै अपनी हर प्रोब्लम उनको बताया करता था। मेरे माता-पिता भी हमारे साथ ही रहते थे। थोडी देर में भईया अपने ऑफिस चले गए। पिता जी को कचहरी में काम था इस लिए वो 10 बजे चले गए। मेरे पड़ोस में एक पूजा था सो माँ भी वहां चली गई। मैंने देखा की घर में मेरे और भाभी के अलावा कोई नही है। मै भाभी के रूम में गया। भाभी अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी। मै उनके बगल में जा कर लेट गया। मेरे लिए ये कोई नई बात नही थी। भाभी को इसमे कोई गुस्सा नही होता था। भाभी ने करवट बदल कर मेरे कमर के ऊपर अपना पैर रख कर अपना बदन का भार मुझे पे डाल दिया
और कहा- क्या बात है राजा जी ? आप कुछ परेशान लग रहें हैं।

.....धीमे धीमे उसके .....

वाशबेसिन में हाथ धोने के बहाने बिल्कुल उससे सट कर लण्ड उसके चूतड़ों पर अड़ा दिया और हाथ धोए।

मीतू ने पलट कर मेरी तरफ देखा और मैं उसे स्माईल दे रहा था।

वह भी हंस पड़ी।

फिर क्या, अब तो हरा सिग्नल मिल गया था मुझे, केवल सही पटरी पर चलना था बस।

मैंने मीतू को कहा- मीतू, खाने में क्या बनाया है?

मीतू बोली- करेला आलू, अरहर की दाल और चावल-रोटी !

मैं हंसा और बोला- मुझे कभी रोटी बनानी नहीं आई और अब तो अच्छा रूम मिल गया तो खाना मुझे ही बनाना है कुछ दिनों में!

मीतू बोली- कोई बात नहीं चाचू, मैं आपको सिखा दूँगी बाद में!

मैंने कहा- बाद में क्यों?


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Friday, December 5, 2014

मैडम के साथ फ़ोन सेक्स-19

अंशिका : हाय..क्या कर रहे हो.
मैं : मुठ मार रहा हूँ
अंशिका (गुस्से में) : तुम फिर शुरू हो गए..मैंने कहा था न की ये काम सिर्फ मेरे साथ करना, या सिर्फ मेरे सामने
मैं : यार, तुम्हारे सामने जो किया था उसे ही याद करके मेरा लंड तो अब पूरा दिन खड़ा रहता है, वो तुम्हारे फ़ोन ने सब गड़बड़ कर दिया
अंशिका : जो होता है अच्छे के लिए ही होता है
मैं : अच्छा सच बताना, उस दिन मैं अगर तुम्हे चोदने की जिद्द करता तो क्या तुम मुझे अपनी चूत मारने देती ?
अंशिका :ओहो…तुम्हारी सुई उसी दिन पर अटकी पड़ी है..मैंने तुमसे कल भी कहा था की सही समय और जगह मिलते ही मैं तुम्हे खुश कर दूंगी. और वो दिन और समय सही नहीं था

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Thursday, December 4, 2014

दीदी की चूत की धोबी धुलाई


दीदी की चूत की धोबी धुलाई

मेरा नाम समीर है, यह कहानी मेरी और मेरी दीदी की है, कहानी एकदम सच्ची है।
बात तब की है जब मैं दिल्ली अपनी मौसी की लड़की यानि मेरी दीदी के घर गया था। उनका नाम चारू था। धीरे-धीरे मेरी और दीदी की अच्छी पटने लगी और हम खुल कर हर बारे में बातें करने लगे। हम सेक्स के बारे में भी बात कर लेते थे।
एक दिन जब मैं जब घूम के घर लौटा तो मैंने दरवाज़ा खुला पाया और जैसे मैंने अन्दर जाकर देखा तो दीदी कपड़े धो रही थीं और उनकी साड़ी काफ़ी ऊपर तक उठी हुई थी और उनके सारे कपड़े भीग गए थे, जिससे उनकी अन्दर की ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी। उसी वक्त मेरा लंड खड़ा हो गया।
क्या फिगर था उनका…! बड़े-बड़े मम्मे, भारी कूल्हे, पतली कमर….हय क्या मस्त जवानी थी !
मैंने अपने रूम में जाकर अपना लंड ठीक किया और और उन्हें पेलने के बारे में सोचने लगा। फिर मैं बाहर आ गया। दीदी रसोई में थी । मैं वहीं जाकर खड़ा हो गया और बात करने लगा। मैंने दीदी से उनके और जीजा जी के सेक्स के बारे में पूछा।
पहले तो दीदी कुछ नहीं बोलीं, फिर मुस्कुरा कर कहा- क्या जानना चाहता है?
मैंने हिम्मत करके पूछा- जीजा जी तो बहुत परेशान करते होंगे आपको?
तो वो बोलीं- वो क्या परेशान करेंगे अब…! मुझे परेशान करना इतना आसान नहीं है।
मैंने कहा- मैं परेशान करूँ आपको?
वो हँसी और बोलीं- तू क्या कर पाएगा, तू तो अभी बच्चा है। आज तक ऐसा मर्द ही नहीं हुआ जो मेरी चीखें निकलवा सके।
मैं समझ गया कि वो मुझे खुद को चोदने का निमंत्रण दे रही हैं। मैंने तुरंत अपना गेम खेला और कहा- आपने कभी मौका ही नहीं दिया कि मैं आपकी चीखें निकलवा सकूँ.. और मैं बच्चा हूँ या मर्द, ये तो बाद में पता चलेगा।

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Wednesday, December 3, 2014

तेरी जैसी मस्त भोसड़ी देख कर सब्र नहीं होता

हम दोनों आपस में लिपटे हुए थे। वो कभी मेरी चूचियों को मसल रहा था और कभी मेरी गाण्ड पर हाथ फेर रहा था। मेरी साड़ी का पल्लू भी नीचे गिर गया था और मेरे ब्लाउज में से दिख रहे गोल गोल उभारों पर अपनी जीभ रगड़ रगड़ कर चाट रहा था। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। उसका लण्ड एकदम सख्त हो चुका था। मैं सोफे पर ही

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आधुनिक चाची की मस्त गांड

        आधुनिक चाची की मस्त गांड


ये स्टोरी आज से कुछ दीन पहले की हे बात एसी हे की में रोज़ जब भी घर से निकल क्र अपने जॉब पर जाता हूँ. मेरे घर के थोडा फासले पर एक स्कूल हे वही मेरा रोज़ आना जाना रहता हे और जेसे ही में स्कूल के पास पहोंचता हूँ तो एक आंटी अपने चाइल्ड को स्कूल ड्राप करने आती हे और रोज़ रोज़ मेरा और उनका फेस देखते थे और वो अक्सर मुझे देख क्र स्माइल भी देती थी. वो स्कूटी पे आती थी और जब वो गाडी खड़ी करके अपने बच्चे को स्कूल में ले जाती तो में वही पर खड़े हो कर उनका वेट करता और कई दिन एसे ही गुज़र गए और मुझे आंटी की गांड देखने में बहोत मज़ा आता था. आंटी की गांड मस्त बड़ी थी थी और बूब्स भी बड़े बड़े थे. तो मेने उनको कई बार प्यासी नजरो से देखता था तो इसी लिए में उनको चोदने का प्लान बनाने लगा. और अब में रोज़ उनके आने से पहले ही स्कूल के पास पहोंच कर उनका वेट करता था और कई बार मेने उनसे बात करनी चाही लेकिन हिम्मत नहीं होती थी. फिर एक दिन में अच्छी तरह ड्रेसिंग मार के स्कूल के पास जाकर खड़ा हो गया और उनका वेट करने लगा. और जेसे ही आंटी आई तो मेने उनको घुर घुर कर देखने लगा वो अपने चाइल्ड को स्कूल में ड्राप करके वापस आई और अपनी स्कूटी स्टार्ट करने लगी लेकिन कई बार किक मारने के बाद भी स्टार्ट नहीं हो रही थी. फिर आंटी थक कर इधर उधर देखने लगी और फिर मुझे उन्होंने इशारा किया. में: क्या हुआ आंटी…?


Tuesday, December 2, 2014

नाजुक कमर पकड़ कर उसे बिस्तर पर लिटा दिया और…

मैंने कहा- ठीक है, कल क्लास में मिलते हैं।
तो बोली- नहीं, अभी मिलना है, कुछ काम है।
मैं बोला- ठीक है, पर कहाँ?
तो अपने घर पर बुलाया, मैं तैयार होकर अपनी बाइक से उसके घर
गया तो वो घर में अकेली थी।
मैंने पूछा तो बताया- सब लोग बाहर गए हैं शाम को आयेंगे।
उस समय रानी ने एक प्यारा सा टॉप और कैप्री पहने थी पर मैंने
ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं किसी भी लड़की को गलत नजर से
नहीं देखता और लड़की की इज्जत करता हूँ, मैंने पूछा- क्या काम
है?

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होली में चाची चूत मे लंड की पिचकारी, Hindi Sex Storie


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मेरा नाम राहुल है और मैं दिल्ली में रह कर नौकरी करता हूँ। मेरे चाचा और चाची पटना में रहते हैं। चाचा एक दुकानदार हैं। काफी दिनों से उनलोगों से मुलाकात नहीं हुई थी। चाची ने मुझे एक दिन फोन किया और होली के समय पटना आने को कहा। चाची की बात मैं टाल नहीं सकता था। मैं बेसब्री से होली का इंतज़ार करने लगा। मुझे हर रात चाची का हुस्न याद आने लगा। चाची इस वक़्त 32 साल की होगी। चाची का हुस्न मैं जब भी देखता था मदमस्त हो जाता था। चाची भी मुझसे काफी घुल-मिल गयी थी। पिछली बार जब मैं पटना गया था तो चाची मेरे साथ कई बार सिनेमा देखने पटना के मोना थियेटर गयी थी। हम दोनों एक दोस्त की तरह रहते थे। मेरे चाचा की उम्र लगभग 40 साल की है। उन दोनों की उम्र में काफी फासला होने के कारण उन दोनों में हंसी मजाक नहीं होता था। मेरी उम्र लगभग 29 साल की है। इसलिए चाची और मेरी खूब जमती थी।
खैर ! होली के 2 दिन पहले ही मैं पटना पहुँच गया। वहां चाचा और चाची मुझे देख कर अत्यंत ही खुश हुए। होली के एक दिन पहले चाची ने मुझे अपने साथ लिया और दिन भर मार्केटिंग करती रही। हम दोनों इतने घुले मिले थे कि कई दुकानदार मुझे और चाची को पति-पत्नी समझ रहे थे।

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Monday, December 1, 2014

जेठजी के लंड


जेठजी के लंड

में डिम्पल उम्र २८ साल और मेरे पति निलेश उम्र २९ साल
मेरे जेठजी उम्र करीब ३१ ( पति के बड़े भाई )
में मुंबई में रहती हूँ मेरे पति एक एम् एन सी में बे दी एम् है और में हाउस वाइफ हूँ मेरा एक
लड़का है जो की ३ साल का है
मेरे जेठजी नागपुर में अपने मम्मी पापा के साथ में रहेते है और उनकी वहा पर एक शो रूम है और
वे अक्सर मुंबई आते है और हमारे घर पर ही
रुकते है और जब आते है है तो हमरे लिए मिठाई और गिफ्ट भी साथ लाते है
वैसे तो मेरे जेठजी एक सरीफ आदमी है
एक साल के पहेले दुपहर को मेरे जेठजी यहाँ हमारे घर आये और मुजे कहा की निलेश कब आयेगा
तो मेने कहा की वो ४ दिन के लिए हैदराबाद गए है और २ दिन के बाद आएंगे कियोंकि उन्हें जा
कर दो दिन हो गए थे
तो जेठजी ने कहा अच्छा और बोले जल्दी से चाय और नास्ता लगा दो मेने उनसे कहा की खाना तैयार
है जी खा लीजिये तो बोले मुजे देर हो रही है में शाम को आकर खाऊंगा
और वो गेस्ट रूम चले गए और में किचेन में उनके लिए चाय और नास्ता तैयार करने लगी
मेने चाय और नास्ता लेकर हल में गयी और मेरे जेठजी ने चाय और नास्ता किया और जाते समय
बोले में खाना शाम को ८ बजे आकर करूँगा
और चले गए मेने प्लेट वापस रखकर में सोने को चली गयी ( में हर रोज़ दुपहर को २ या ३
गनते सोती हूँ नइटी पहेनकर जो की फुल बॉडी को कवर करती है और आगे चार पुश बटन है
करीब ६ बजे उती और चाय बनाकर पि बादमे जेठजी और मेरे किये खाना तैयार किया और में हॉल
टी.वि देखने लगी
करीब ८.३० बजे डोर बेल बजी और मेने डोर खोला और देखा की जेठजी एक दम गबराए और परेसान
से एक हाथ में बैग लेकर खड़े है मेने उनको अन्दर आने कहा और वो अन्दर ए
मेने उनसे पूछना जरुरी नहीं समजा और कुछ नहीं पुछा जैसे ही अन्दर आये और सीधे गेस्ट रूम में

सेक्सी कबिते

सेक्सी  कबिते

लडकेका तनखा और  लड़कीका पीरियड एक  जैसी  होती है 
तिस दिनमे  एक बार आती है 
छे  सात दिनमे खत्म हो  जाता है
लेट आया  तो  भी टेंसन
नै हुवा  ओ भी टेंसन 

सेक्सी कबिते

सेक्सी कबिते

एक पुरुष चार पैग पीने के बाद अपना होश खो देता है और एक औरत चार चुंबन के बाद।