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Thursday, July 31, 2014

चचेरी बहन की कुँवारी चूत, Hindi Sex Stories

uuयह मेरी अन्तर्वासना में पहली कहानी है। मैं एक मुंबई रहने वाला १९ वर्षीय युवक हूँ। यह बात उस वक्त की है जब मेरे दादाजी का देहांत हुए एक साल हो चुका था और उसी वजह से सबको गाँव जाना था। लेकिन मेरी परीक्षा के कारण मु्झे रुकना पड़ा लेकिन मेरी देखभाल के लिए किसी को तो रखना था। उसी वक्त मेरी चचेरी बहन नौकरी के कारण मुंबई हमारे पास आई हुई थी। और उसी की जम्मेदारी पे घरवाले मुझे छोड़कर गाँव चले गए।

मेरी चचेरी बहन का नाम वंदना(बदला हुआ) है। उसकी उमर २८ की थी लेकिन उसकी शादी नहीं हुई थी। ओर उस वक्त मेरी उमर १८ की थी। पाँच दिन बाद मेरी परीक्षा ख़तम हो गई। इसी के कारण मैंने बाज़ार से ब्लू फ़िल्म की सीडी लाकर मेरे सीडी प्लेयर के नीचे छुपा दी थी। उस वक्त दोपहर का समय था। उसी वक्त एक दोस्त आकर मुझे खेलने के लिए ले गया। मेरी चचेरी बहन घर पे ही थी। न जाने कैसे सफाई करते वक्त वो सीडी उसके हाथ लग गई और उस सीडी के कवर के ऊपर नंगे फोटो भी थे।

उसी वक्त मैं घर में आ धमका, और उसके हाथ में वो सीडी देखकर दंग रह गया और घबरा के सर नीचे झुका लिया।


चुदासी भाभी की कुम्भकर्णी नींद, Hindi Sex Stories


दोस्तो, मेरा नाम संजू गुप्ता है, उम्र 24 साल, अभी मेरी शादी नहीं हुई है। मेरे परिवार में 7 लोग हैं।
मैं, मेरा भाई, मेरे माँ-बाप, भाभी और भाभी के दो बच्चे।
मेरी भाभी का फिगर 36-30-38 एकदम कामुक लगती हैं। उनका रंग गोरा है, उम्र 28 के करीब होगी।
यह कहानी नहीं, सच्ची घटना है जो आप के साथ भी कई बार घटी होगी।
बात एक साल पहले की है, गर्मियों का मौसम था, हम सब छत पर सोते थे।
मैं छत पर खाट बिछा कर सोता था और सभी लोग छत पर बिस्तर बिछा कर सोते थे। मेरी भाभी मेरे पलंग के बाएं ओर नजदीक ही सोती हैं। वो बहुत गहरी नींद में सोती हैं।
एक दिन जब हम सभी छत पर सो रहे थे। लगभग रात को एक बजे मेरी नींद खुली, मुझे प्यास लगी थी, मैंने सोचा कि पानी पीकर फिर से सो जाता हूँ।
मैंने अपनी बाएं तरफ जैसे ही उतरने को हुआ तो देखा मेरी भाभी का ब्लाउज खुला है और पेटीकोट ऊपर को खिसक गया है। भाभी अन्दर ब्रा और नीचे पैन्टी नहीं पहने थीं इसलिए दोनों मम्मे बाहर लटक रहे थे।
भाभी करवट लेकर सो रही थीं इसलिए उनकी पूरी पिछाड़ी दिख रही थी। चाँद की रोशनी बहुत तेज़ होने से सब साफ नजर आ रहा था। ये देख के मेरे होश उड़ गए।

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फूफा जी ने मेरी माँ चोद दी, Hindi Sex Stories

yyमेरा नाम मोनू है। मैं 26 साल का लड़का हूँ। मैं सीकर का रहने वाला हूँ। मैं आज आपको मेरी मम्मी और मेरे फूफा जी के बारे में बताता हूँ। बात शायद 15-16 साल पुरानी है, मेरी मम्मी बड़ी ही सुंदर और गोरी हैं, देखने में बहुत ही मस्त लगती हैं। मुझे यह कहने में ही शर्म आ रही है, मगर क्या करूँ, मेरी मम्मी ने काम ही कुछ ऐसा किया था।
मेरी मम्मी बहुत ही लड़ाकू किस्म की महिला हैं। वो मेरे पापा और दादा-दादी से लड़ती रहती थीं। ऐसे ही एक बार मेरी मम्मी सब से लड़ कर मेरे नाना-नानी के घर पर आ गई थीं। हम लोग नाना-नानी के घर पर एक महीने से ज़्यादा समय से रह रहे थे।
एक दिन मेरे फूफा जी जो कि जयपुर में रहते हैं, हमारे घर आए। वो वहाँ पर किसी काम से आए थे और उन्हें 3-4 दिन वहीं पर ही रुकना था। उन्होंने खुद के लिए एक होटल में कमरा किराए पर ले रखा था। एक दिन वो हमारे घर आए। मेरे फूफा जी हमें बहुत अच्छे लगते हैं क्योंकि वो हमेशा हमारे लिए बहुत सा सामान लाते थे। मेरे फूफा जी 6 फुट लंबे गोरे और स्मार्ट हैं। उस समय उनकी उम्र 28 साल के लगभग रही होगी।

ट्रेन में देवरानी-जेठानी चुदाई , Hindi Sex Stories


hhh 2यह सत्य घटना है चूँकि मैं सेल्स प्रोफेशन से हूँ, कई बार जल्दी में बिना रिजरवेशन के भी यात्रा करनी पड़ती है।
इसी तरह मुझे ठंड के दिनों में कटनी जाना था, मैं सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल कोच में बैठ गया। मेरे बाजू में दो औरतें बैठी थी। ट्रेन चलने के थोड़ी ही देर बाद मुझे नींद आने लगी। नींद में मेरी कोहनी बगल में बैठी औरत की छाती से टकराने लगी। कुछ देर बाद उसने मुझे अपने से दूर कर दिया जिससे मेरी नींद खुल गई पर मुझे समझ आ गया कि उसे कुछ मजा आ रहा है। मैं फिर नींद का बहाना कर जानबूझ कर उसकी छाती को अपनी कोहनी से दबाने लगा।
उसे धीरे-धीरे मजा आने लगा था और मेरी हिम्मत भी बढ़ने लगी थी। चूँकि ठंड के दिन थे अतः वो शाल ओढ़े हुई थी। मैंने धीरे से अपना हाथ बढ़ा कर उसके छाती को दबाया वो भी नींद का बहाना करने लगी थी पर मुझे समझ आ रहा था कि वो भी मजे लेना चाह रही है।
मैं अपने हाथ से धीरे धीरे उसके स्तनों को उसकी शाल के अंदर दबाने लगा था। उसकी हल्की हल्की सिसकारियाँ निकलने लगी थी। उसने मुझे इशारा किया कि लाइट जल रही है, कोई देख सकता है। मैंने उसकी शाल से हाथ बाहर निकाल लिया।
थोड़ी देर बाद मैं पेशाब जाने के बहाने उठा वापिस आकर मैं बोला- लाइट बंद कर दो, नींद नहीं आ रही है।
तो लाइट बंद हो गई। चूँकि ठंड के दिन थे इसलिए खिड़कियाँ भी बंद थी इससे उधर अँधेरा हो गया और मुझे आजादी मिल गई।

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Tuesday, July 29, 2014

भाई का लंड बहन की चूत में, Hindi Sex Stories


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हाई दोस्तों मेरा नाम गुलशन (नाम बदला हुआ) हैं और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ. यह बात कहते हुए मुझे थोड़ी सी शर्म और बहुत सारा गर्व हैं. यह कहानी हैं मेरी और मेरी बहन की चुदाई की. मेरी बड़ी बहन का नाम दिव्या हैं और वो कोलेज के सेकण्ड इयर में हैं. 19 साल की हैं और मैं उस से एक साल छोटा हूँ. उस दिन से पहले मैंने अपनी बहन के बारे में अभी ऐसे नहीं सोचा था. लेकिन उस दिन जो हुआ वो बहुत ही मजेदार और सेक्सी था. मेरे माँ और बाबूजी किसी की शादी के रिसेप्शन में कल्यान गए थे और वो रात को लेट आने वाले थे. घर में मैं, दिव्या और हमारी नौकरानी रीटा थे. रीटा ने शाम का खाना जल्दी बनाया और वो अपने क्वार्टर में चली गई जो किचन के पीछे पड़ता था.दिव्या दीदी सोफे के ऊपर बैठ के टेलीविजन देख रही थी. मुझे बोर लग रहा था इसलिए मैंने सोचा की लाओ एकाद सेक्स स्टोरी पढ़ के मन बहला लूँ. अपने कमरे में जाके मैंने लैपटॉप में इसी साईट की बड़े लंड वाली स्टोरी को पढ़ा. देसी स्टोरी पढ़ के किसका लंड खड़ा नहीं होता. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ. मेरा लौड़ा फट से तन गया और मेरे बरमुडे को टकराने लगा. मैंने सोचा की चलो लगे हाथ मूठ भी मार लूँ ताकि खाने से पहले सब काम निपट जाएँ. मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला और अंदर बाथटब भर लिया. गर्मी के दिन थे इसलिए मैंने ठंडा पानी ही भरा था. सौभाग्य से मैं उस दिन बाथरूम का दरवाजा बंध करना किसी तरह भूल गया. शायद हस्तमैथुन का भूत सवार था मेरे मन पे इसलिए ही मैं भूल गया था. मैंने अंदर जाके बाथटब में अपने आप को भिगोया और फिर टब की साइड वाली जगह के ऊपर बैठ गया



स्टोर रूम के अंदर नंदोई साथ मस्ती, Hindi Sex Stories

888aहाय मेरा नाम रिया शर्मा हैं और मेरी उम्र 32 साल की हैं. मेरी शादी को 10 साल हो गए हैं. और आज मैना अप को जो कहानी बताउंगी वो मेरी और मेरी नंदोई यानी के मेरे पति के जीजा की हैं. मेरे पति की सिर्फ एक ही बहन हैं. वो मेरे पति से 3 साल बड़ी हैं. वो अपने पति के साथ दिल्ही में रहती हैं. वो बड़ी सुन्दर हैं और उसके पति यानी की मेरे नंदोई उस से भी सुन्दर हैं. वो एक चौड़े सीनेवाले मर्द हैं जैसे की हर औरत चाहती हैं.
मेरे नंदोई काफी मजाकिया हैं और मेरी उनके साथ अच्छी बनती हैं. क्यूंकि मेरी ननंद मुझ से उम्र में बड़ी हैं इसलिए मैं नंदोई के साथ मजाक कर सकती थी. लेकिन फिर मुझे लगा की नंदोई के मन में कुछ चल रहा था क्यूंकि वो अलग ही भाव से मुझे देखते थे. आर जब मैं अकेली होती तो कभी कमर के ऊपर चिकोटी या कभी मेरे इतने करीब आ जाते की मैं उनकी साँसे सुन सकती थी. उनकी यह हरकतें मुझे अंदर से अच्छी लगती थी लेकिन मैं नाटक करती थी की मुझे पसंद नहीं हैं ऐसा सब.
तब होली का मौका था और मेरी ननंद अपने पति के साथ आई थी मेरे ससुराल में. हमारें यहाँ होली बड़ी शान से मनाते हैं और फिर जीजा साले वगेरह में तो कोई भी त्यौहार मस्त ही होता हैं. उस दिन भी ऐसा ही हुआ. ननंद तो 10-15 मिनिट होली खेल के बैठ गई लेकिन मेरे नंदोई तो मेरे पीछे ही पड़ गए थे जैसे. उन्होंने मुझे खूब रंगा और सब के सामने ही मेरी कमर तक को रंग से लपेड दिया. मैं भाग के अपने कमरे में घुसी और वो वहां भी पीछे आ गए. मैंने दरवाजा बंध करने का प्रयास किया लेकिन वो उसे खोल के अंदर आ घुसे. और अंदर घुसते ही उन्होंने अपने हाथो से मुझे दबोच लिया.

सेक्सी मस्त पंजाबन कुडी ! नंदीनी

सेक्सी मस्त पंजाबन कुडी ! नंदीनी
मेरा नाम है नंदिनी ! मैं एक दिलफेंक पंजाबन हूँ, मेरी पतली कमर, गोल-गोल गांड है, दो खरबूजे जैसे आकार में आ चुके मेरे मम्मे, जिन पर शायद ही किसी मर्द की नज़र न जाती होगी। मेरे मम्मों पर तो औरतों तक की नज़र टिकने लगती है। मैं एक शादीशुदा लड़की हूँ। स्कूल से ही मैं एक चालू लड़की रही हूँ। फिर कॉलेज में तो मैं हसीन रंडी बन गई, कई लड़कों के लौड़े चूत में डलवाए और उनके साथ होटलों में चुदाई करवाई। कभी-कभी लड़के किसी के दोस्त के घर की चाभी लेकर मुझे ले जाते और ठोकते।
मैं कुछ यादगार लम्हों से आपको रूबरू कराना चाहती हूँ जैसे कि मेरा पहला अवसर : किस से चूत की सील खुलवाई !

मेरा बचपन गाँव में निकला, वहीं मैं पली-बड़ी हुई, दसवीं तक मैंने पढ़ाई वहीं सरकारी स्कूल से की, हमारा संयुक्त परिवार था, चाचा-चाची, छोटे चाचा-चाची, हम लोग, दादा जी, दादी जी, घर तीन मंजिला था लेकिन सबका रसोई घर एक, खाना एक साथ खाया जाता था।

तब मैं जवान हो रही थी, करीब चौदह की थी जब चाची दुल्हन बनकर घर आई, क्या रूप था उन पर, गोरी-चिट्टी दूध जैसी, लेकिन वो चालू माल ही थी, उनमें बहुत हवस भरी हुई थी, है भी, मौका देखते ही चाचा को लेकर घुस जाती कमरे में !

Monday, July 28, 2014

१६ साल का भर्जिन बहन की चुत फटा, Hindi Sex Stories


268183राजू मेरा दोस्त है. राजू की उम्र लगभग 26 साल है. उसकी दो बहने हैं. सीता और गीता.सीता की उम्र लगभग 16 साल और गीता की तेरह साल है. ये कहानी मुझे सीता ने बताया.हुआ यों कि एक बार राजू अपनी कार से गीता को लेकर बाज़ार गया . बाज़ार में उन्होने गीता की क्लास में पढ़ने वाले लड़के को कार चलाते देखा, ये देख कर गीता कार चलाना सीखने के लिए राजू से ज़िद करने लगी. राजू ने बहुत समझाया कि कुच्छ दिन के बाद सिखा दूँगा पर वो नही मानी. तब राजू ने उसे कहा कि ठीक है सुबह एकदम सबेरे जब रोड पर कम लोग रहतें हैं, मैं मैदान में लेजा कर सिखा दूँगा.दूसरे दिन राजू गीता को लेकर फील्ड में गया.बहुत कोशिश करने पर भी गीता से कार का स्टारिंग नही सम्भल पाया. जब वो स्टारिंग ठीक संभालती तो आक्सेलेटर छूट जाता, जब अक्सीलेटर संभालती तो स्टारिंग छूट जाता. तब राजू ने गीता को गोद में बिठा कर स्टारिंग खुद पकड़ा और गीता को सिर्फ़ ब्रेक और अक्सीलेटर संभालने को कहा. वो बोली नही मैं खुद ही दोनो संभालूंगी जब ग़लती हो तो स्टारिंग तुम पकड़ लेना.इस तरह वो कार आगे बढ़ाई. कुच्छ दूर तो ठीक चली पर जब मुड़ने की बारी आई तो वो अक्सीलेटर कम करने की जगह छोड़ ही दी और अचानक फिर अक्सीलेटर पर दब गया जिससे कार को जोरदार झटका लगा, और राजू ने जल्दी से गीता को पकड़ा ताकि वो स्टारिंग से टकरा ना जाए और ब्रेक दबा दिया . गाड़ी रुक गई. पर राजू के हाथ में काफ़ी चोट लगी क्योंकि राजू का हाथ स्टारिंग से टकरा गया था. तब राजू का ध्यान गया कि वो गीता की दोनो छ्होटी-छ्होटी चूचियों को जाकड़ रखा है.राजू ने झट से अपना हाथ हटाया. गीता भी झेंप गयी . फिर राजू ने कहा अभी तो तुम स्टारिंग से टकरा जाती और तुम्हारे सीने में चोट लग जाती? देखो अभी तक मेरे हाथ में दर्द हो रहा है.



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Sunday, July 27, 2014

शादी बेटाका बुर ससुर की, Hindi Sex Stories


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मैं मीरा हूं और मैं अपनी कहानी ‘ससुर ने चूत पेली’ आपको सुनाने जा रही हूं. मैं एक छोटे से शहर सहारनपुर में अपने सास ससुर के साथ रहती हूं. मेरी शादी कम उम्र में हो गयी और जब मैं जवान हुई तो मेरे पति देव कमाने के लिए अरब चले गये. भरी हुई जवानी और अकेले पन का अहसास, घर में कोई ना जवां मर्द ना देवर और मैं अकेले और तन्हा रहने लगी. अचानक से एक दिन जो भी हुआ उसने मेरी जवानी की सूरत बदल दी. उस दिन मैं अपने हैंडपंप पर जो कि आंगन के बीचोबीच लगा हुआ है और खुले में है, उसपर नहा रही थी. सास ससुर अपने कमरे में सोए हुए थे और मै सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में नहा रही थी. अपने सर पर पानी डालते हुए मैने जैसे ही ब्लाउज का बटन ढीला किया अपने भरे हुए चूंचे मुझे दिखे, मैने दोनों बटन खोल कर इंडियन ब्रा नुमाइश करनी शुरु कर दी. बहुत दिनों बाद मैने अपनी भरी हुई जवानी को अपने हाथों में लेकर देखा था.  अपने ब्रा के अंदर हाथ डालकर मैने रगडना शुरु किया, गर्मी के मौसम में वैसे भी बहुत ज्यादा पसीना होता है कि मेरी ब्रा के लेस खुल गये. अब मैं पूरी नंगी थी. पतिदेव द्वारा मसली गयी चंद दिनों की छुई हुई चूंचियां आज भी कंवारी दिखती थीं. मैने उनको अपने हाथों में भर के देखा और सोचने लगी कि काश कोई होता मेरी इस भरी हुई जवानी का लुत्फ लेने वाला कि सामने से ससुर जी धोती उठाए चले आए. मुझे उनके इस तरह आने की उम्मीद न थी, पर शायद उनको बाथरुम जाना था, उनकी नजर मेरे चूंचों पर पड़ी और वो सर झुकाकर अंदर बाथरुम में चले गये.


सौतेली माँ को चोदा, Hindi Sex Stories


2680881sमेरे बाप ने अपनी 45 साल की उम्र में कभी एकक साथ एक लाख रूपये नहीं देखे थे,, लेकिन जब पिछले महीने गाँव के बहार रोड वाली जमीन का सौदा हुआ तो उसने उससे सो गुनी रकम यानी की एक करोड़ भी देख लिए. जमीन का सौदा कुछ 6 करोड़ में हुआ था जिसमे मेरा बाप, मेरे छोटे चाचा हरगोविंद और मजले चाचा मुनीराम का हिस्सा था. मेरे बाप को करोड़पति बनता देख मुझे भी बहुत ख़ुशी हुई क्यूंकि आखिर तो वोह हमें भी खुश करने वाला था. बाप ने मेरे लिए एक गाडी ले दी और खुद भी बड़ी अय्याशी से जीने लगा. लेकिन कहते हैं पैसा जिस के पास आया उस को चोदा हैं, किसी को चोदा दिल से तो किसी को चोदा दिमाग से. इसी तरह इस पैसे ने मेरे बाप को चोदा और उस को चोदा तो ऐसे की उसे समाज वगेरह की भी कोई ग्लानी ना रही. उसे मेरी मरी हुई माँ की भी शर्म नहीं आई और वोह अपने फटीचर दोस्तों के बहकावे में आके ब्याह करने का कहने लगा. उस दिन हम दोनों के बिच बहुत झगड़ा हुआ. मेरे बाप को मैंने कह दिया यह तो पैसे ने तुझ को चोदा है दिमाग में इस लिए तू यह सब कर रहा हैं. लेकिन वोह किसी की सुनने को तैयार ही नहीं था. मेरे बाप के पैसे के चलते उसे एक 28 साल मात्र की विधवा मिल भी गई जो उस से शादी के लिए बिलकुल तैयार थी. शायद मेरे बाप ने इस औरत को चोदा होगा इस से पहले पैसे देके तभी तो वो इस से शादी को उतावला था. मेरे विरोध की दूसरी वजह यह थी के मुझे मेरे दोस्तों ने बताया था की यह औरत तो बड़ी चुदक्कड़ थी और इसके पति के मरने से पहले और बाद भी बहुत लोगो ने इस को चोदा था.



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Saturday, July 26, 2014

बिना उसे दर्द हुए उसकी सील खोली, Hindi Sex Stories


Young_indian_college_girl_exposing-3.jpgमैं अपने बारे में बता दूँ, मैं एक मेडिको स्टूडेंट हूँ और एक साल तैयारी करने के बाद मैं एमबीबीएस में सिलेक्ट हुआ, तो मुझे सेक्स के बारे में काफी नॉलेज है।यहाँ तक कि मैं लड़कियों के उन सवालों का भी जवाब दे सकता हूँ जो शायद कोई ना दे सके, कोई लड़की भी नहीं, जैसे उनकी माहवारी की कोई समस्या या कब सेक्स करने से लड़की माँ नहीं बनेगी, क्या करने से अधिक मज़ा आएगा, दर्द कम कैसे होगा? पहली बार चुदाई या और कुछ भी अन्य जानकारी भी मैं दे सकता हूँ….!खैर.. मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।वैसे तो मुझे बहुत नॉलेज थी, शायद 11वीं से ही, लेकिन जब डॉक्टरी की पढ़ाई की, तो मैंने अपना ध्यान सेक्स पर ही केन्द्रित किया और एनाटॉमी एंड फिज़ियालॉजी की जानकारी हुई। बस तभी से मेरे दिमाग़ में सेक्स घूमने लगा लेकिन तब तक मैंने कुछ किया नहीं था, हाँ.. जानता ज़रूर था।बस ऐसे ही एक दोस्त ने मुझे इस साइट के बारे में बताया तो पढ़कर तो ऐसा लगता था कि जल्दी ही चूत न मिली तो शायद मैं किसी का रेप ही ना कर दूँ..! पर एक बार तो भगवान भी सुन लेता है, भले ग़लत बात ही सही। मैं फ़ेसबुक पर एक आईडी बनाए हुए हूँ। अभी करीब 6 महीने पहले की बात है एक लड़की से मेरी दोस्ती और फिर चैट हुई।

करीब एक महीने बाद हम बिल्कुल खुल गए।

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हवस ने दीदी को चुदाई, Hindi Sex Stories


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मेरे परिवार में 4 लोग हैं, मम्मी, पापा, मैं और मेरी बड़ी बहन प्रिया।
प्रिया मुझसे 3 साल बड़ी है और उसका फिगर मुझे बहुत उकसाता है।
वो थोड़ी मोटी है, लेकिन हॉट है।
उसके मम्मे बहुत बड़े-बड़े हैं और उसकी चूतड़ भी बाहर की तरफ उभरे हुए हैं।
जब भी मैं उसके मम्मे और पिछवाड़ा देखता हूँ, मेरा लण्ड खड़ा होने लगता है और मन करता है कि अभी उसके मम्मे पकड़ के दबा दूँ। लेकिन डर की वजह से अपने आपको रोक लेता हूँ।
जब वो रोटी बनाती है तो उसकी कुर्ती में से झांकते हुए मम्मे मुझे दीवाना बना देते हैं।
जब भी मैं उसके नहाने के बाद गीले कपड़े ब्रा-पैन्टी देखता हूँ, तो बाथरूम में गेट बंद करके उन्हें अपने लण्ड से रगड़ता हूँ और मेरा वीर्य निकल जाता है।
मैं घर में या बाज़ार में हमेशा उसके मम्मे और चूतड़ों को छूने के बहाने ढूँढता रहता हूँ।
अब मैं आपको मेरे जीवन की वो घटना बताता हूँ, जब मैंने जन्नत की सैर की !
उस वक्त मैं 18 साल का था और मेरी बहन 21 की थी। घर पर मेहमान आए हुए थे, इसलिए मैं और मेरी बहन छत पर सो गए।

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मेरी सैक्सी अम्मी को चाचा ने चोदा,Hindi Sex Stories


village women3मेरा नाम मलाज है। मैं आपको एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ।यह बात उस समय की है जब मैं करीब 10-12 साल का था मैं अक्सर अपने चाचाजान के साथ ही रहता था। चाचा मुझे अपने साथ ही सुलाते थे। फिर अम्मी मुझे देर रात चाचा के पास से लेकर अपने पास सुलाती थी।मैं अक्सर महसूस करता था कि जब अम्मी मुझे लेने आती थी तो कभी कभार मैं जाग जाता था तो लगता था कि चारपाई हिल रही है लेकिन मेरी समझ में कुछ भी नहीं आता था और कुछ देर बाद ही अम्मी मुझे लेकर अपने बिस्तर पर आ जाती थी।खैर यह सब चलता रहा। मैं कभी कभार दिन में भी देखता था कि चचाजान अम्मी की ओर कुछ इशारा करते तो कभी तो वो चाचा के साथ भूसे वाले छप्पर में चली जाती थी और काफी देर बाद निकल कर आती थी।मैं कभी अम्मी से पूछता कि आप वहाँ क्या करने गई थी तो वो कहती- कुछ नहीं बेटा, तेरे चाचा बैलों के लिये तूड़ी लेकर खेत में जा रहे हैं उन्हें तूड़ी बंधवाने गई थी।यह बात उस समय की है जब मैं करीब 10-12 साल का था मैं अक्सर अपने चाचाजान के साथ ही रहता था। चाचा मुझे अपने साथ ही सुलाते थे। फिर अम्मी मुझे देर रात चाचा के पास से लेकर अपने पास सुलाती थी।


मैं अक्सर महसूस करता था कि जब अम्मी मुझे लेने आती थी तो कभी कभार मैं जाग जाता था तो लगता था कि चारपाई हिल रही है लेकिन मेरी समझ में कुछ भी नहीं आता था और कुछ देर बाद ही अम्मी मुझे लेकर अपने बिस्तर पर आ जाती थी।

खैर यह सब चलता रहा। मैं कभी कभार दिन में भी देखता था कि चचाजान अम्मी की ओर कुछ इशारा करते तो कभी तो वो चाचा के साथ भूसे वाले छप्पर में चली जाती थी और काफी देर बाद निकल कर आती थी।

मैं कभी अम्मी से पूछता कि आप वहाँ क्या करने गई थी तो वो कहती- कुछ नहीं बेटा, तेरे चाचा बैलों के लिये तूड़ी लेकर खेत में जा रहे हैं उन्हें तूड़ी बंधवाने गई थी।

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मामा के लड़के से चुदी,Hindi Sex Stories




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मेरा नाम ऋतु है, मैं बी.ए. फाइनल कर रही हूँ। मेरी उमर 21 वर्ष है। मेरा रंग गोरा है और कद छोटा है और मैं हापुड़ से हूँ। तो अब मैं अपनी कहानी पर आती हूँ।
बात उन दिनों की है, जब मैं 12 वीं पास करके गर्मी की छुट्टियों में अपने मामा जी के घर रहने गई थी। उन दिनों मैं यही कोई 18 साल की थी।
मेरे मामा के चार बच्चे हैं। तीन लड़कियाँ और एक लड़का, जिसका नाम आशु था। वो हमेशा मेरे पास ही रहता था।
मैं और मेरे मामा जी के बच्चे देर रात तक बातें किया करते थे। एक बार देर रात तक हम लोग बातें करते रहे।
आशु ने मुझसे पूछा- तेरा कोई ब्बॉय-फ्रेंड नहीं है?
तो मैं जवाब दिया- नहीं.. और तेरी कोई गर्ल-फ्रेंड है?
तो वो बोला- नहीं..!
उस दिन हम ऐसे ही बातें करते हुए सो गए।
अचानक मेरी आधी रात में आँख खुली, शायद 2-3 बजे का समय हुआ होगा। मेरे मामा का लड़का आशु अपना एक हाथ मेरी नीचे वाली बगल में डाले हुए और मेरी कमर को छूकर और दूसरा हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे डाल कर हिला रहा था, उसने मुझे कस कर जकड़ रखा था और हल्के-हल्के से मेरे होंठों पर अपने होंठो रख कर चूस रहा था, कभी-कभी अपनी जीभ मेरे होंठों के बीच में डालने की कोशिश कर रहा था।

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कुँवारी चाची की चुदाई-हिंदी सेक्स कहानी

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मेरी कज़िन बहन , Hindi Sex Stories

 आइ लव माइ कजिन सिस्टर और मैं भी आपनी बहाँू को चोद चुका हू इश्स लिए आज मैने भी सोचा की क्यो ना मैं भी आपनी दिल की बात आप सब रीडर दोस्तू के साथ बातून. क्योकि ये आप भी जानते है की ये सब बतायने हमारे इंडियन समाज मैं ग़लत माना जाता है और मैं आपने आप को ग़लत मानता हू लेकिन मैं भी क्या करू आब मुझे आपनी कजिन बहानो से ही प्यार हो गया तो मैं क्या कर सकता हू.वो कहावत तो आपने सुनी होगी की “दिल लगी देवार से तो पारी क्या चीज़ है”यही दोस्तों मेरे साथ हुआ है शायद आप मारी फेल्लिंग को समझ पाए. ओक मैने आप लोगो को काफ़ी बोर कर दिया हौनगा अब मैं आपनी स्टोरी सुनता हू. माइ नेम ईज़ रोहित. मैं अभी देल्ही मैं रह रहा हू. मेरे घर मैं मेरे दादी और मडर ओर 2 कजिन छोटी बेहाँ है .मारी उमर अभी 23 साल है और मेरे से छोटी बाहें की उमर २० साल और छोटी वाली बहाँ की उमर करीब 19 साल है. ये कहानी करीब 3 साल पहले स्टार्ट हुई थी. दोस्तोआन हम लोग सभी घर मैं साथ रहते हैं मारे दादी गवर्नमेंट एंप्लायी है और मडर टीचर है इस लिए वो दोनो रोज़ ड्यूटी चले जाते है मारी बड़ी सिस्टर का नाम नामिता है और वो अभी ब.आ पार्ट सेकेंड मैं है और छोटी बहाँ 12त का एग्ज़ॅम देने वाली है उसका नाम सोमया है.मैं अभी म.ब.ए की तैयारी करता हू इस लिए घर पर ही रह कर तैयारी कर रहा हू. दोस्तो मैं आज आपको ये बतायने वाला हू की मैने आपनी बहानो को कैसे छ्चोड़ा. अब मैं आपनी स्टोरी सुनता हू पसंद आए तो मुझे ज़रूर रिप्लाइ डीजयगा.

Friday, July 25, 2014

बड़ी बहन और माँ, Hindi Sex Stories


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हाय फ्रेंड्स में पांडे मेरी उम्र 19 साल है यह स्टोरी मेरी बड़ी बहन पूजा और माँ के ऊपर है वो बहुत खुबसूरत है उसकी उम्र 21 साल है मेरी फेमेली में हम चार लोग मे मेरे मम्मी पापा और बहन है में गरीब परिवार से हूँ और मेरे परिवार की स्थिती अच्छी नहीं है मेरे पापा कुछ काम की वजह से बाहर गये हुये थे यह बात करीब 15 दिन पहले की है मेरी बहन पूजा एक दिन घर के आगन मे नहा रही थी उसी टाइम मैं स्कूल से घर आया माँ मार्केट गयी थी मैं अंदर गया तो मेरे होश उड़ गये मैने देखा की पूजा नंगी होकर नहा रही थी उसका चहरा दूसरी तरफ था इसलिये वो मुझे नही देख सकी मैं तुरंत दूसरे कमरे मे चला गया और उस कमरे मे बहुत अँधेरा रहता है मैं वहां से पूजा को नहाते हुये देखने लगा उसकी गांड देखकर मेरा 9 इंच का लंड खड़ा हो गया मैने पहली बार पूजा की गांड देखी मैंने कभी भी नही सोचा था की पूजा दीदी इतनी सुंदर होगी मैं अपना लंड बाहर निकाल कर सहलाने लगा तभी पूजा सीधी होकर नहाने लगी उसकी बड़ी बड़ी चूची और चूत देखकर मेरे लंड से पानी निकलने लगा मैने कभी भी पूजा दीदी को चोदने का नही सोचा था लेकिन मैने आज सोच लिया था की मैं पूजा दीदी के शरीर का मज़ा ज़रूर लूँगा.

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Thursday, July 24, 2014

कॉलेज टीचर की चुदाई

  
टीचर स्टुडेंट
कॉलेज टीचर की चुदाई -हिंदी सेक्स कहानियाँ 

हेलो दोस्तो मेरा नाम हर्ष है. मैं मुंबई मे रहता हूँ. मैं आपको मेरी नयी कहानी सुनने जा रहा. थॅंक्स फॉर लाइकिंग मी प्रीवियस स्टोरीस. मेरी आगे 24 यियर्ज़ है. मैं अभी एक अच्छी कंपनी मे जॉब करता हूँ. अब कहानी पे आते है. मैं जब कलाज मे था तभी. हुमारे कलाज मे एक टीचर थी शोभा नाम था उनका उनकी आगे 36यियर्ज़ थी. वो ह्यूम मेद्स पढ़ती थी. उनकी हाइट कुछ 5’’ फुट थी. लेकिन उनके बूब्स और गांड बोहोट बड़े थे. उनकी गांड बाहर निकली थी. जब भी उनका लेक्चर रहता था. मैं उन्हे देखकर तो आपने लंड को सहलाने लगता था. वो मुझे बोहोट ही सेक्सी लगती थी. कभी कभार उनका भी ध्यान मेरे तरफ जाता था. लेकिन वो कुछ बोलती नही थी. ऐसेही 5 साल गुजर गये.मेरा कलाज ख़तम हुआ और मैं जॉब पे लग गया. और तभी मेरे कुछ डॉक्युमेंट्स कलाज मे रह गये थे. उसे लेने के लिए मुझे एक बार कलाज जाना पड़ा था. तो दूसरे दिन मैं चला गया कलाज. वाहा जाके कुछ पुरानी यादे ताज़ा होगआई थी. बोहोट अच्छा लग रहा था. फिर मैं टीचर्स रूम मे गया. और तभी मेरे सामने वही टीचर खड़ी थी. जिससे मैं सपनो मे लेकर मूठ मरता था. तभी उन्होने मुझे देखा और मैने भी उन्हे देखा. फिर मैने सोचा चलो बात करता हूँ. मैं: हेलो शोभा मेडम, पैचाना.? शोभा मेडम: हाँ.. तुम हर्ष हो ना मैं: बिल्कुल सही पैचाना मेडम. आप कैसी हो? मेडम: मैं ठीक हूँ. तुम बताओ आज इतने दीनो बाद कलाज की कैसे याद आई. मैं: अरे मेडम वो कुछ डॉक्युमेंट्स लेने थे. ऑफीस मे देने के लिए.

दीदी की होली मे चुदाई- Incest Hindi Sex Story

दीदी की होली मे चुदाई

दोस्तों! पिच्छाले स्टोरी मे मैं बताया था की होली से दो दिन पहले रानी दी मुझसे प्रॉमिस की थी की होली के दिन चुत चुडवाएगी.होली के दिन सुबह से ही मैं काफ़ी उत्तेजित था. हर वक़्त मैं दीदी के पीछे पीछे भाग रहा था लेकिन दीदी थी की होली मे खाना बनाना, घर सावरने मे ही व्यस्त थी. वो एक दो बार मुझसे बोली भी की कान्हा तुम जयो ना मैं रात मे दे दूँगी ना.दोफर के बाद बगल घर की भाभी आ गयी और दीदी को रंग लगा दी.दीदी का पूरा चेहरा लाल रंग से रंग दी दीदी भी भाभी के चेहरे मे रंग लगा दी लेकिन भाभी आपना हाथ रानी दी के सूट के उंड़र डालकर दीदी के चुचि को रंगने की कोशिश करने लगी लेकिन दीदी चिल्लाते हुए उनका हाथ बाहर निकल दी और दीदी भी उनकी चुचियों मे रंग लगाने लगी. मैं देखकर हास रहा था और मज़े ले रहा था.दोनो काफ़ी देर तक एक दूसरे को रंग लगाए जा रही थी.दीदी भी खूब मज़े लेकर भाभी की चुचियों मे रंग डाले जा रही थी.फिर भाभी चली गयी.मैं भी रंग लेकर दीदी के गॅलन मे लगा दिया.दीदी भी मुझे गॅलन मे रंग लगा दी.मैं दीदी से बोला की दीदी रात को आपनी पिचकारी से रंग आपको दल दूँगा. दीदी हासणे लगी. मैं मौका देखकर दीदी को आपनी बाहू मे जाकड़ कर एक लीप किस करके चुचियों को दबा दिया. फिर मैं भी बाहर जा कर रंग खेलने लगा.

गुप्ता अंकल ने माँ को चोदा

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slut mom

                           

पड़ोसी का लंड मेरी चूत में

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                                 पड़ोसी का लंड मेरी चूत में

पहाड़न की चूत

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मेरी प्यारी अध्यापिका

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Wednesday, July 23, 2014

चूत खुजाती रहती थी भाभी

                                                                              चूत खुजाती रहती थी भाभी

है,मेरे बड़े भाई, विनोद की शादी हुए एक साल हुआ है। पिछले 6 महीने से व्यापार में बहुत तेज़ी आने से विनोद भैया रात को 12 बजे तक काम करते हैं। कई बार मैं भैया को भाभी को छुप कर चोदते हुए देख चुका था।
मेरी भाभी सुनीता, 5 फुट 3 इंच लम्बी हैं, वो भी 25 साल की हैं और फिगर 36-32-36 है, बहुत गोरी और तीखे नैन-नक्श हैं। भाभी के कूल्हे उभरे हुए हैं और उठी हुई चूचियाँ हैं।
एक बार जब भैया किसी काम से 15 दिनों के लिए जयपुर से बाहर चले गए तो मैंने देखा कि भाभी उदास-उदास सी होने लगी थी और मैंने देखा कि वो दिन में कई बार अपनी चूत को अपने हाथ से खुजलाती रहती थीं।
इन 4-5 दिनों में वो कई बार मेरे सामने भी अपनी चूत को खुजलाती रहती थीं और खुजलाते समय मेरी तरफ़ बड़े ही मोहक अंदाज में, गहरी नज़रों से देखती भी जाती थीं।
मैं जान गया था कि भाभी की चूत बड़ी मचल रही है, पर मैं क्या कर सकता था।
एक सुबह मैंने देखा कि भाभी जब दूध लेने दूध वाले के पास आईं, तो उसके सामने अपनी चूत को खुजलाईं, दूध वाला भी बड़ी गहरी नज़रों से भाभी को चूत खुजलाते देख रहा था, मुझे एक झटका सा लगा, मैं जान गया कि मुझे कुछ करना पड़ेगा, वरना घर की इज़्ज़त जाने वाली है।
उस रात मैंने पक्का सोच लिया कि मुझे भाभी की मदद करनी ही पड़ेगी, वरना कुछ भी हो सकता है।
उस रात जब सब लोग सो गए, मैं उसी तरह सुनीता भाभी के पास जाकर सो गया और मैंने तो फ़ैसला कर लिया था कि आज कुछ तो करके ही रहूँगा। सबके सो जाने के बाद मैंने एक कोशिश की, मैंने पहले उनके करीब जाकर लेट गया, फिर आहिस्ता से, उनके मम्मों पर हाथ फिराया और आहिस्ता-आहिस्ता से दबाने लगा।

Friday, July 18, 2014

तनाज की अधूरी तमन्ना

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आंटी का प्यार

                                                                                            आंटी का प्यार

को एक सच्ची और अनोखी कहानी सुनाता हूँ। मैं जब स्कूल में पढ़ता था तो मेरे पड़ोस में एक युगल रहने आया, उन्हें हम सभी भाई-बहन अंकल-आंटी कहते थे। आंटी की उम्र करीब 28 साल थी, उनका फिगर 36-24-42 था। अकसर उनकी ब्रा का पीछे का हुक खुला रहता था। यही वह बात थी जिससे मेरा मन सेक्स की ओर गया।

उस समय मेरी उम्र 18 साल की थी। आंटी, जिनका नाम सरला था, अकसर मुझे किसी न किसी काम से बुलाती रहती थी, कभी कोई क्रीम लाने, कभी चाय की पत्ती लाने के लिए कहती। मैं भी उनके वक्ष का दीदार करने के लालच में उनका काम कर देता था। वो कई बार मेरे से बचे पैसे नहीं लेती थी। मेरा भी काम चल जाता था।

अंकल के दफ़्तर का चपड़ासी जिसका नाम मुरली था, अकसर घरेलू काम जैसे कपड़े प्रेस करने, बागवानी करने आता था। जब अंकल बाहर टूर पर जाते तब मुरली की बीबी लीला जिसकी उम्र 24 साल की थी, उनके यहाँ रात को सोती थी। बाकी समय भी कई बार लीला घर आती थी।

Wednesday, July 16, 2014

एक्सीडेंट से मिली चुदाई

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बिक्लांग से भावी की चुदाई

                                                        बिक्लांग से भावी की चुदाई


पहले मैं अपने बारे में बताने जा रहा हूँ, मेरा रंग साँवला है, कद 5’2’’ और मैं एक पैर से विकलांग हूँ, पर लण्ड 6 इन्च लम्बा 2 इन्च मोटा है और मजबूत है, उसमें तनाव भी अधिक है, मैं इसलिये यह लिख रहा हूँ कि मैं पैर से विकलांग हूँ, लण्ड से नहीं..!
बात तब की है जब मैं पश्चिम बंगाल से मैट्रिक करने के बाद अपने गाँव आया था और गया में 12वीं में पढ़ता था।
2005 के अंतिम सप्ताह में मेरे पैर का आपरेशन हुआ था और मैं 15 अगस्त तक अस्पताल में रहने के बाद मैं अपने गांव गया जहाँ मैं अपने संयुक्त-परिवार के साथ रहता हूँ।
जिनमें मेरे चाचा, चाची, एक बहन, मेरे चाचा के तीन लड़के हैं, दो शादीशुदा हैं, बड़ा लड़का अपनी बीवी के साथ पीछे वाले घर में रहता है। बीच वाला लड़का और उसकी बीवी संयुक्त परिवार में रहते हैं।
मेरे घर के चारों तरफ रुम और गलियारे हैं, उसी गलियारे में मेरा बिस्तर लगाया गया। यहाँ से मुझे बाथरूम जाने में सुविधा थी, क्योंकि आपरेशन के बाद मेरे पैरों पर प्लास्टर लगा था।
बिहार के अधिकतर घरों में आँगन के बीचों-बीच में चापकल या कुआं होता है। जहाँ पर मेरा बिस्तर लगा था वहाँ से चापकल दिखाई देता था, क्योंकि बाथरूम चारों तरफ से खुला हुआ है। मर्द घर में नहीं नहाते हैं, इसलिये कोई भी औरत नहाती है, तो घर के बाहर वाला दरवाजा बन्द कर के नहाती है।

मौसी को लंड प्यार

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Tuesday, July 15, 2014

चुदाई के लीय प्यार


          चुदाई के लीय प्यार

मेरा नाम अयन है, यह घटना मेरे साथ सच में हुई है। यह मेरी पहली कहानी है जो मैं यहाँ लिख रहा हूँ अपने पहले प्यार का अनुभव !
धैर्य से पढ़िए, यह आपके लण्ड और बुर से पानी निकाल देगी।
मैं एक लड़की के साथ बहुत दिनों से ऑनलाइन बात कर रहा था, उसका नाम शीना है। हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे, मैं चेन्नई में पढाई कर रहा था और वह बंगलौर में। वह मुझसे हर बात कर लेती थी और मैं उसके साथ।
एक दिन मैंने उसके सामने अपने प्यार का इज़हार किया और उसके लिए मेरे दिल में जो भी था मैंने उसे सब सच बता दिया। वह भी मुझ से प्यार करती थी और उसने मुझे हाँ कह दिया।
शीना :
शीना बहुत ही सुंदर लड़की है, उसकी तनाकृति 34-27-36 है, कद 5'6", गोरा रंग, मस्त होंठ, अच्छे नयन-नक्श, नए जमाने के घर की आधुनिक बेटी थी। उसे टीशर्ट पहनना पसंद है और टीशर्ट में उसके वक्ष बहुत ही सुंदर दिखते हैं, मानो वो उस शर्ट को फाड़ कर बाहर आना चाहते हों। उसकी कमर को कोई अगर देख ले तो बस देखता ही रह जायेगा। बस मस्त माल है।
मैं : मैं भी दिखने में अच्छा हूँ, मेरा कद 5'7" है, मुझे बॉडी बिल्डिंग का शौक है बचपन से, अपने ६ पैक्स पर मुझे बहुत नाज़ है और मेरा लंड 7.5" लंबा और 3" मोटा है।
हमारी मुलाक़ात और प्यार :
हम दोनों की परीक्षाएँ खत्म होने के बाद हमने मिलने की योजना बनाई और मैं उसे मिलने बंगलौर गया। वह मुझे लेने बस स्टैंड आई। जब मैंने उसे पहचाना तो मैं उसे देखता ही रह गया। वह मुझे किसी परी जैसी लग रही थी।
उस दिन हम दोनों बहुत घूमे और बहुत मस्ती की।
रात में हम दोनों एक होटल में कमरा लेकर रुक गए। कमरा बहुत सुन्दर था और दिल की आकृति का बेडरूम था। दोनों खाना खाकर बातें करते करते सो गए।

मेरी पहली गाण्ड मरवाई


          मेरी पहली गाण्ड मरवाई 
मेरी उम्र 20 साल है, लंड 6.5″ लम्बा है। मेरी गाण्ड की मोरी 2″ तक खुली हुई है, मुझे गाण्ड मरवाने का बहुत शौक है।

बात तब की है, जब मेरे घर वाले घर पर नहीं थे। पापा बाहर जॉब करते थे और मम्मी भी जॉब करती थीं, बस दादी घर पर होती थीं। मेरी क्लास में मेरा एक दोस्त पढ़ता था, मैं हमेशा उसके साथ रहता था, मुझे घर पर अकेले रहने की आदत सी थी।
एक दिन मेरे दोस्त ने कहा- तू घर पर अकेला रहता है, फिर भी कुछ नहीं करता?
मैंने बोला- क्या करूँ?
उसने कहा- सेक्स के बारे में कुछ जानते हो?
मैंने कहा- हाँ, कई बार मूवी जरूर देखी है, पर कभी किया नहीं !
तो उसने कहा- आज मैं तेरे घर चलूँगा और तेरे साथ सोऊँगा और तुझे सब सिखा दूँगा।
मैंने कहा- फिर लड़की कहाँ से लाओगे?
वो बोला- लड़की की क्या जरूरत है.. मैं तुम्हें ऐसे ही समझा दूँगा।
मैं पहले तो समझा नहीं कि उसने क्या कहा है, जब वो मेरे साथ घर गया, तो हमने अपने कपड़े बदले और हाथ धोकर खाना खाया और घूमने चले गए।
मेरे पास मोटरसाइकिल भी है।
उसने कहा- किसी कैमिस्ट के पास चल।
वहाँ जाकर उसने एक डिब्बी कंडोम की ख़रीदी और हम घूम कर घर आ गए। कमरे में आकर मूवी देखने लगे।

Monday, July 14, 2014

दीदी की चुदाई


         दीदी की चुदाई

मेरे पापा और ताऊ जी दो भाई हैं। ताऊ जी मुंबई में रहते थे और हम लोग गाँव में रहते थे। ताऊ जी हर साल गाँव आते थे यह घटना करीब आठ साल पहले की है, ताऊ जी की दो लड़कियाँ हैं, उस समय बड़ी वाली सोनम दीदी 22 साल की और छोटी वाली 19 साल की थीं। मैं 18 साल का था, पर मुझे सोनम दीदी बहुत अच्छी लगती थीं।

वो मुझको बच्चा समझती थीं, पर मैं उनको एक सुंदर लड़की की तरह देखता था। उनका गोरा बदन और उभरे हुए मम्मे मुझे पागल कर देते थे। हमारे बाथरूम के दरवाजे में छोटे-छोटे छेद थे, कभी-कभी मौका मिलने पर मैं सोनम दीदी को नहाते हुए देखता था। उनकी हल्के भूरे रंग के चूचुक मेरे लंड को खड़ा कर देते थे और उनकी गोरी चूत में से बाहर निकली हुई खाली दूध की चाय के रंग जैसी चूत की जीभ (क्लिट) मुझको पागल कर देती थी।

एक दिन को तो मैं भूल ही नहीं सकता, मैं सोनम दीदी और आरती (छोटी बहन) पहाड़ों में घूमने गए वहाँ एक झरना था। सबने नहाने का मन बनाया। सोनम दीदी मुझको तो बच्चा समझती थीं, इसलिए उन्होंने और आरती ने अपने कपड़े उतार दिए और केवल ब्रा और चड्डी में नहाने लगीं।

मेरी भर्जिन प्रेमिका

                                           मेरी  भर्जिन प्रेमिका
मेरी उम्र 19 साल है, मैं वेब डिज़ाइनर हूँ, दिखने में स्मार्ट हूँ, स्लिम हूँ।
तो बात शुरू होती है मेरी गर्लफ्रेंड के साथ ! मेरी गर्लफ्रेंड दिखने में किसी कयामत से कम नहीं है, वो मुझसे सच्चा प्यार करती है और मेरा प्यार तो मेरे छोटे युवराज यानि मेरे लण्ड को था।
एक दिन हम बातों बातों में सेक्स की बातें करने लगे तो मैंने उससे कहा- मैं तेरे साथ सेक्स करना चाहता हूँ !
पहले तो वो मानने का नाम ही नहीं ले रही थी, बड़ी मुश्किल से उसने हाँ कही तो मेरे दिल में तो खुशी की लहर दौड़ गई थी।
तो कुछ दिनों बाद मैंने अपने दोस्त का ऑफ़िस की चाबी ले ली और उस दोस्त से कहा- तू तब तक मत आना जब तक मैं तुझे ना बुलाँऊ !
अब तो बस मुझे सुबह होने का इंतज़ार था, मैंने सुबह साढ़े चार का अलार्म लगाया और सो गया। अलार्म की घंटी बजी और मैं खड़ा हो गया।
मैंने अपने गर्लफ़्रेन्ड को फोन घुमाया और कहा- तू पार्क के पास आ जा, मैं तेरा इन्त्जार कर रहा हूँ।
वो आ गई, हम बात करते करते ऑफ़िस गये, वहाँ पर मैंने लॉक खोला और अंदर चले गये। मैंने दरवजा बंद कर दिया।

Sunday, July 13, 2014

लंड छोटा या बड़ा नही होता

                                                  लंड छोटा या बड़ा नही होता 

मेरा नाम रेमो है. मेरी उम्र २४ साल है. मै एक अमीर घर का इकलौता वारिस हूँ. मेरे घर पर मेरे पापा और मम्मी के अलावा और कोई नहीं रहता. मेरे पापा एक बिजनसमैन हैं. मम्मी गहर पर ही रहती हैं. घर काफी बड़ा होने के कारण घर के काम काज करने घर में एक नौकरानी भी रख ली गयी है. नौकरानी का नाम मोहिनी है. उम्र कोई ३५-३६ साल की होगी. देखने में काफी खुबसूरत भी थी. मेरा ध्यान उस पर नही जाता था. मै अपने कालेज से आ कर सीधे अपने कमरे में चला जाता और अपना काम करता. 
मोहिनी सुबह के छः बजे ही आ जाती थी जब सभी कोई सोये रहते थे. वो आ कर सबसे पहले सभी कमरों की सफाई करती थी. एक रात मै अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था. उस दिन घर में पापा और मम्मी नहीं थे . वो दोनों मेरे मामा के यहाँ गए थे. मै आराम से नंगा हो कर पूरी रात फिल्म देखता रहा. फिल्म देखने के दौरान मैंने ३ बार मुठ मार लिया. मै कब नंगे ही निढाल हो कर बिस्तर पर सो गया की मुझे पता भी नहीं चला. सुबह के छः बजे मोहिनी मेरे घर आई. उसके पास भी मेरे घर की एक चाभी रहती थी. इसलिए मुझे पता भी नही चला की मोहिनी आई है. और मै नंगा ही सोया हुआ था. मोहिनी मेरे कमरे में अचानक आ गयी. उसने मुझे नंगा सोया हुआ देखा तो वो मुझे वापस नहीं लौट मेरे कमरे की सफाई करने लगी. सफाई कर के वो वापस दुसरे कमरे में चली गयी. उसकी ड्यूटी सुबह छः बजे से शाम ७ बजे तक की थी. आज मम्मी पापा थे नहीं इसलिए उसे नाश्ता भी बनाना था. मै सुबह के नौ बजे उठा. मैंने अपने आप को नंगा पाया तो सोचा चलो कोई बात नहीं किसने मुझे देखा है? अचानक कमरे में नजर दौड़ायी तो देखा हर सामान करीने से रखा हुआ है. तो क्या मोहिनी मेरे कमरे में आयी थी? क्या उसने मुझे नंगा देख लिया? मै सोच कर शर्मा गया. मै सोचा क्या सोचती होगी वो. मेरी तो सारी इज्ज़त मिटटी में मिल गयी. खैर मैंने कपडे पहने और अपने कमरे से बाहर आया. देखा मोहिनी किचन में काम कर रही थी. थोड़ी देर के बाद जब मै फ्रेश हो गया तो मैंने मोहिनी से नाश्ता मांगा. उसने मुझे पराठा और सब्जी ला कर दी. मै चुप चाप खाता रहा.
मैंने धीरे से पूछ लिया - मेरे कमरे की सफाई तुमने कर दी?
मोहिनी ने कहा- हाँ.

नशीली चूत का रस

         नशीली चूत का रस

बात उन दिनो की है जब मैं १२वीं की बोर्ड की परीक्षा देकर फ़्री हुआ था और रिजल्ट आने में तीन महीने का समय था। ये वो समय होता है जब हर लड़का अपने बढ़े हुए लंड के प्रति आकार्षित रहता है साथ-साथ बढ़ती हुई काली-काली घुंघराली झांटे उसका मन जल्दी से किसी नशीली चूत का रस पान करने को प्रेरित करती हैं। मैने फ़्री टाइम को सही इस्तेमाल करने के लिये एक इंगलिश स्पीकिंग कोर्स ज्वाइन कर लिया। हमारे घर से थोड़ी दूर पर एक नये इंगलिश कोचिंग सेंटर खुला था जहां मैं अपना एडमीशन लेने पहुंच गया। मेरे लौड़े की किस्मत अच्छी थी वहां जाते ही मेरा सामना एक कमसिन, अल्हड़, मदमस्त, जवान, औरत से हुआ जो पता चला वहां की टीचर है। उसके गोरे-गोरे तन बदन को देखते ही मेरा तो लौड़ा चड्ढी में ही उचकने लगा। उसकी खुशबूदार सांसो ने मन मे तूफ़ान पैदा कर डाला था। मन तो उसके तुरंत चोदने को कर रहा था पर क्या करता वहां तो पढ़ने गया था।
एडमीशन देते हुए वो भी मुझे आंखों ही आंखों में तौल रही थी। वो २७ साल की भरे बदन वाली मैडम थी। शादी-शुदा, उसकी दोनो बूब्स (चूचियां) आधा किलो की थी और उसके गद्देदार मोटे चूतड़ (गांड) उभार लिये संगमरमर की मूरत से तराशे हुए हिलते ऐसे लगते थे जैसे कह रहे हो- “आजा राजा इस गांड को बजा जा”
मैने एडमीशन लेकर पूछा “कितने बजे आना है मैडम?” वोह मुस्करा कर बोली “सुबह ७ बजे आना।” “साथ क्या लाना है?” “वो बोली एक कोपी बस”। मैं घर वापस आ गया पर सारी रात सुबह होने के इंतज़ार में सो न सका। रात भर मैडम की हसीन मुस्कान और चेहरा सामने था। मैं बार-बार उनके ब्लाउज़ में कैद उन दो कबूतरों का ध्यान कर रहा था जो बाहर आने को बेताब थे। उनकी चूत कैसी होगी? गुलाबी चूत पे काला सिंघाड़ा होगा, उनकी चूत का लहसुन मोटा होगा या पतला, मुलायम मीठा या नमकीन, कितना नशा होगा उनके चूत के रस में? उनकी बुर की फांके गुलाब की पत्तियों सी फैला दूं तो क्या हो? ये कल्पना और मदहोश कर रही थी जिससे मेरे लंड फूल कर लम्बा और मोटा हो गया था और मेरी चड्ढी में उसने गीला पानी छोड़ दिया।

Saturday, July 12, 2014

मेरी चूत में खाज़

                   मेरी चूत में खाज़


उस दिन हुआ यह था कि मैं बहुत चुदासी थी और अम्मी नानी के घर गई हुई थी। यह तो आप लोग जानते ही है कि मेरी पहली चुदाई भी अब्बु ने ही की थी और फ़िर अम्मी ने भैया से भी चुदवाया था और अब वो लोग अकसर मुझे चोदा करते थे। मगर इधर बहुत दिन से अब्बु अम्मी की फ़ैली हुई चूत में मस्त थे और भैया ने कोई दूसरी गर्ल फ़्रेन्ड फ़ंसा ली थी और मुझ पर ध्यान देना छोड़ ही दिया था।
तब आखिर अम्मी के बाहर जाते ही मैंने सबसे पहले अपनी झांटे बनाई और रात को अब्बु के कमरे में गई।
अब्बु कोई मूवी देख रहे थे और मुझे देख कर बोले- बेटी, क्या हुआ आज बहुत दिन बाद अब्बा की याद आई?
तब मैंने कहा- आप तो अम्मी जान की चूत में ही फ़ंसे रहते हैं अब आपको मेरा ज़रा भी खयाल नहीं ! आपने मुझे कितने दिनों से नहीं चोदा है। तब अब्बु ने दुलार जताते हुए कहा- ऊऊओह्हह्ह मेरी प्यारी रानी बेटी आजा, आज तुझे फिर से चोदता हूँ ! और यह कह कर उन्होने डीवीडी बदल दी। अब उसमें एक ब्ल्यू फ़िल्म चलने लगी। जिसमें एक छोटी सी लड़की को पाँच आदमी चोद रहे थे। जिसे देख कर मेरी आँखें बाहर आ गई और मैंने अब्बु से कहा- अब्बा यह बच्ची इन पांचों को एक साथ झेल रही है और उसको कितना मज़ा आ रहा है जबकि इसकी उम्र भी अभी ज्यादा नहीं होगी। तब अब्बु बोले- मेरी बच्ची, ये साले अंग्रेज लोग ऐसे ही होते हैं। साली इतनी सी है और तुम खुद ही देखो कि कैसे मज़े ले लेकर पांच पांच लण्डों का मज़ा एक साथ ले रही है। जबकि इसमें एक इसका बाप और एक भैया के अलावा तीन बाहर वाले हैं।
अब ये सब देख कर भला मेरी चूत में खाज़ क्यूं नहीं उठेगी।
तब मैंने अब्बु से कहा- अब्बु, मैं तो आप और भैया से ही चुदवाकर पनाह मांग लेती हूँ। तब अब्बु ने कहा- जा बगल के कमरे से भैया को बुला ला। साला लण्ड हाथ में पकड़े सो रहा होगा। तब मैं भैया के कमरे की तरफ़ बढी और देखा तो सच में वो अपने लण्ड को हाथ में लेकर सड़का मार रहा था। मैं जल्दी से बढ़ते हुए बोली- हाय भैया, क्या गज़ब कर रहे हो।
भला घर में इतनी खूबसूरत बहन होते हुए तुम्हें यह सब करना पड़े तो लानत है मेरी जवानी पर ! और मैंने झट से उनका लण्ड अपने कोमल हाथ में ले लिया, बड़े प्यार से सहलाने लगी और जल्दी जल्दी हाथ आगे पीछे करने लगी और फ़िर झट से मुँह में लेकर चूसने लगी और तब भैया का लण्ड पूरी औकात में आ गया और वो मेरे बालों को पकड़ते हुए जोर जोर से धक्का मारने लगे और फ़िर जल्दी ही उनका पानी मेरे मुँह में गिरा जिसे
मैं चपर चपर करते हुए चाट गई और भैया से बोली- चलो अब्बु बुला रहे हैं, आज फ़िर से तुम दोनों मुझे चोदकर मज़ा दो। और भैया का लण्ड पकड़ कर अब्बु के कमरे में ले आई और भैया को देखते ही अब्बु बोले- मैंने कहा था साला मुठ मार रहा होगा। तब मैंने कहा- अब्बु, आप बहुत तजुरबेदार हैं, सच में भैया सड़का मार रहे थे। और फ़िर मैंने अब्बु का लण्ड अपने मुँह में ले लिया और भैया पीछे से मेरी गाण्ड पर अपना लण्ड रगड़ते हुए अन्दर डालने की कोशिश करने लगे। तब मैंने कहा- अब्बु जी, मैं भी ब्ल्यू फ़िल्म वाली लड़की की तरह पांच जनों से एक साथ ही चुदाना चाहती हूँ। अब्बा ने कहा- बेटी, तू नहीं झेल पायेगी एक साथ पांच पांच को। मगर मैं तो पूरी तरह से चुदासी हो ही चुकी थी, मैंने कहा- कान खोल के सुन लो आप दोनो को मुझे पांच जन से एक साथ चुदाना है तो चुदाना है। अगर कल आप लोग ने मुझे पांच जन से नहीं चुदवाया तो बहुत बुरा होगा।

भाभी की जोरदार चुदाई

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Thursday, July 10, 2014

मकान मालकिन की चुदाई

मकान मालकिन की चुदाई


यह बात सन 2014 की है, जब मैं गाँधीनगर में नौकरी करता था। मैंने एक कमरा लिया था किराए पर क्योंकि मैं गाँधीनगर में नया था। वहाँ मैं एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में इंजिनीयर था। मैंने कमरा दूसरी मंज़िल पर लिया ताकि मुझे कोई डिस्टर्ब ना कर सके। रोज़ सवेरे मैं ऑफ़िस निकल जाता था और शाम को देर से आता था।


मेरे मकान मलिक की बीवी करीब 40 साल की थी और एक लड़की थी जो करीब बीस साल की थी, नाम था भावना।

दिखने में दोनों माँ और बेटी ग़ज़ब की थी। मकान मालकिन की फ़ीगर 38-30-40 के लगभग होगा। उसका भरा हुआ बदन देख कर मेरे लण्ड में आग सी लग जाती थी। बिल्कुल चिकनी औरत थी वो ! मकान मालिक सरकारी नौकरी में था और शाम को देर से आता था। देखने में वह अधेड़ उम्र का लगता था जैसे बिल्कुल झड़ गया हो।

क्योंकि मेरी नौकरी ऐसी थी कि मुझे सवेरे जाना पड़ता था और शाम को आता था इसलिए मैं उन लोगों से ज़्यादा बात नहीं करता था, कभी कभार ही हेलो होती थी। गुजराती थे इसलिए घर में शराब और सामिष खाना और लाना मना था। इसलिए मैं भी इन बातों पर बहुत ध्यान रखता था, कभी अगर बीयर पीने का मन होता था तो बाहर से ही पीकर आता था।

धीरे धीरे मकान मालकिन से कभी कभार मुलाकात हो जाती थी। उसकी बेटी क्योंकि कॉलेज में पढ़ती थी इसलिए शाम को घर पर वो अकेली हो होती थी।

18 साल की साली की गांड मारी-जीजा साली चुदाई कहानी

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चाची के घर में-हॉट सेक्स स्टोरी

-चाची के घर में-

मेरे प्यारे दोस्तो, मैं आप सबके सामने अपने जीवन का एक सच्चा किस्सा बताने जा रहा हूँ। मेरा नाम राजेश है मेरी आयु 18 साल है मैं उत्तर प्रदेश से हूँ। मेरी माँ मुझे पढ़ने के लिए मेरी चाची के घर भेज देती थी क्योंकि मेरी चाची अध्यापिका हैं। उनकी दो बेटियाँ हैं जिनकी आयु मुझसे क्रमश दो और तीन साल बड़ी है। मैं दिन में भी कभी कभी उन्हीं के घर में बैठ कर पढ़ता था और रात को कभी कभी चाची वही सोने को कह देती थीं।

चाची का पड़ोस के एक अंकल के साथ चक्कर था, यह बात दोनों बहनें और मैं भी जानते थे।

एक दिन दोनों बहनें निशा और मंजू किसी सहेली के घर गई थी नोट्स लेने। मैं अकेला पढ़ रहा था तभी चाची जी नहाने चली गई और जब उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए तो उन्हें याद आया कि गर्म पानी लेना ही भूल गई।

तो उन्होंने आवाज़ दी- बेटा राजेश, ज़रा रसोई से पानी का भगोना ला देना मुझे !

दो नौकरानियों की मस्त चुदाई-देसी सेक्स स्टोरीज

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Tuesday, July 8, 2014

चोदने तरीके की सिकाई


-चोदने तरीके की सिकाई-

बात कोई ज्यादा पुरानी नहीं है, मैं मनीषा अग्रवाल, मेरी शादी मई, २००६ में कवीश से हुई थी। कवीश एक सजीला मर्द था और कामयाब बिज़ेनेस्मैन भी। दो साल तक उसने मुझे शादी का भरपूर सुख दिया, एक मासूम सी बेटी भी दी और मेरी कोई भी तमन्ना उसने अधूरी नहीं छोड़ी थी। मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत खुश थी कि अचानक एक दिन कार दुर्घटना में कवीश की मौत हो गई। मेरे लिए यह ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सदमा था। २-४ महीने तो रोते-रोते बीत गए पर असली परेशानी तो उसके बाद शुरू हुई। दिन तो जैसे तैसे बीत जाता था पर रात को तो नींद ही नहीं आती थी। कवीश की कमी अब मुझे सबसे ज़यादा महसूस हो रही थी। सिरहाने को बाँहों में भरने से भी मज़ा नहीं आता था।

साली की चुदाई-सेक्सी कहानी

                                                                   -साली की चुदाई-   


मेरी पत्नी घर के काम काज के मामले में बहुत ही आलसी है, कभी कभी मुझे उस पर बहुत ही गुस्सा आता है, मगर फिर भी मैं जानबूझ कर उसे कुछ नहीं कहता।

मेरे ससुराल में शादी थी तो मुझे भी वहां जाना था। वहां पर बहुत से रिश्तेदार आये थे, वहां मेरी पत्नी ने अपनी एक रिश्तेदार से मिलाते हुए कहा- इसका नाम चांदनी हैं और हम इसको परीक्षा के बाद अपने पास ही रखेंगे।

जब मैंने उस लड़की को देखा तो सच में देखता रह गया। उसके बोबे क्या माशा अल्लाह, और काया गजब अति सुन्दर काया थी उसकी, कि जो भी उसको देखे, देखता ही रह जाये।

अचानक मेरी पत्नी की आवाज ने मुझे झकझोर दिया कि कहां खो गये।

मैंने कहा- कहीं नहीं।

मेरी पत्नी ने मुझे धीरे से कहा- अगर तुम नहीं चाहते उसको अपने यहां पढ़ाना ! तो मैं मना कर देती हूँ।

मेरे मन में तो लड्‌डू फ़ूट रहे थे, मैं कब मना करने वाला था, मैंने कहा -नहीं-नहीं मुझे कोई एतराज नहीं।

जब तक मैं ससुराल में रहा तब तक मैं मजाक ही मजाक में उसके स्तन दबा देता, या नाजुक अंगों से छेड़छाड़ कर देता तो वह हंसकर भाग जाती।

Monday, July 7, 2014

मीरा दीदी की गाण्ड चुदाई

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पढ़ लैपटा बहन को-Hindi Sex-Chudai Stories

दोस्तों,... आज मैं आपको सच्ची दास्ताँ सुनाने जा रहा हूँ और मुझे उम्मीद है इसमें आपको सेक्स का भरपूर मज़ा आएगा | दोस्तों मैं करीब एक साल से २१ साल की उम्र में आया और पुरे तन बदन में जवानी का जोश सा आ गया | सेक्स करने की तमन्ना हर किसी लड़की को देख करने लगी | अब मैंने इन्टरनेट पर हिंदी सेक्स कहानियां भी पढ़ना चालू कर दिया था जिसे अब मेरे दिल को किसी हद्द तक ठंडक मिलने लगी और मैं रोज हिंदी सेक्स कहानियां  पढते हुए अपने लंड को मसला करता था | अब च्यूंकि मेरी कोई सहेली नहीं थी इसीलिए मैं हमेशा भाई और बहन की सेक्स कहानियाँ पढ़ने लगा और धीरे धेरे मेरे अंदर भी अपनी बहन के सतह सेक्स करने की तमन्ना बनने लगी | मैं भी अब अपनी बहन को बुरी नज़र से देखने लगा और सोचा की जब गहर में मेरी तन को राहत मिल सकती है तो बहार किसलिए जाना |

दोस्तों अब मैंने अपनी बहन के साथ ही सोता था और जब भी नींद में होती थी उसके चुचों पर हौले हौले हाथों को फेरा करता तह और दुसरी तरफ से अपने लंड को मालसला करता था | मैं रोज रात को इसी तरह अपनी बहन के तन बदन कभी चुचे तो कभी पेट तो कभी गांड को छूता हुआ मज़े लुटा करता था | एक दिन जब मैं जोश में आकार अपनी बहन के ह्चुचों को नींद में दबाने लगा तो अचानक उठी और कहने लगी, भाई जोर से और जोर से . . !! आज तो मुझसे भी नैन श जरा बहई थोडा जोर से . .!! पहले तो मैं शान्त रह गया और तब मुझे समझ आया सारा मान्झ्रा की मेरी बहन भी मज़े लुटा करती थी और ढोंग करती थी सोने का |