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Saturday, October 25, 2014

बेरहमी से मसलरहा था..


तो मेरे पति ने मेरा हाथ पकड़ के अपने हाथो तले दबा दिया और अपने प्यासे होट मेरे गालो पर फिसलाने लगा। मेरा दिमाग एक दम से खराब हो रहा था। उसकी कामुक हरकतें मुझे सुलगा रहीं थीं और वो था कि मुझे चोदे से गुरेज कर रहा था और फालतू का फोरप्ले करके मेरी आग भड़का रहा था। ऐसे में मैने अपनी गांड हिलानी शुरु कर दी। अब वो मेरे उपर चढ के मुझे दबा चुका था। अब मै हिल नही सकती थी। धीरे धीरे उसने मेरे होठो पर अपने होठ रख दिये और लगा उनको चूसने मैं बस दिखावा कर रही थी कि मुझे अच्छा नहीं लग रहा है। पर सच तो ये है कि मैं अपनी रुचि प्रदर्शित नहीं करना चाहती थी। इस वजह से मैने उसको ऐसा किया था। धीरे धीरे उसके होठ मेरे होठो को निगल चुके थे। दोनो के होठो के बंद होने से एक दूसरे के मुह का तरल पदार्थ एक दूसरे के अंदर जा रहा था और हम दोनों लगभग एक होने वाले थे। मैं मदहोश होने जा रही थी पर वो पूरे होश में था कि क्या कर रहा है और क्या करना होगा। इसलिए उसने मेरे ब्लाउज के बटन खोल दिये। नीचे से ब्रा का फीता पकड़ के ऐसे खींचा जैसे कि टूट गया।

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धीरे धीरे पेलो डारंलीग

मेँ रीहाना खान हूँ. में २१ साल हूँ और Lucknow, में रहती हूँ. मेरी बेसट friend का नाम है सुम्मी. सुम्मी २२ साल की है. सुम्मी की बड़ी बेहेन की शादी हो चुकी है और वोह देल्ही में रहती है. मेरे एक्जाम हो चुके थे और में देल्ही में admission के लीये देल्ही आना चाहती थी. सुम्मी ने मुजसे से कहा की वोः भी देल्ही में अपनी बेहेन के यहाँ गरमी की छुट्टीया बीतना चाहती है. सुम्मी ने कहा की उस का एक classmate रवी भी देल्ही में admission के लीये देल्ही जाने वाला है इस्लीये हम दोनो ने देल्ही के लीये रेसेर्वेशन के लीये रवी को कह दीया. तीन दीन बाद जाना था. में अपना लगेज लेकर सुम्मी के घर गयी तू वोः मेरा इंतज़ार ही कर रही थी. आज सुम्मी बड़ी स्मार्ट लग रही थी. More… में भी आज ख़ूब मकेउप करके आयी थी. हम ने आटो लीया और रेलवे स्टेशन को चल दीये. स्टेशन पर ट्रेन नही आयी थी और अभी देर थी. रात का सफ़र था और ट्रेन बीच में कही रूकती भी नही थी ईसलीए मैंने रवी से कहा की कोई मैगज़ीन ले आये रास्ता कटने के लीये.

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