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Wednesday, August 15, 2012

घर में अकेली अदिति


प्रेषक : सागर सिंह

बात तबकी है जब मैं बारहवीं में था, क्यूंकि मैं एक प्राइवेट स्कूल में था तो वहाँ बहुत आजाद ख्यालों वाले बच्चे ही ज्यादा थे। हमारी कक्षा में एक लड़की थी अदिति।

मैं मन ही मन उसे चाहता था पर यह नहीं जानता था कि वो भी मुझे उतना ही चाहती है।

यह बात मुझे उसकी एक दोस्त से पता चली तो मैंने भी समय न बर्बाद करते हुए उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया। उसने भी तुरंत ही हाँ कर दी।

मेरे दोस्त की प्रेमिका


मेरे दोस्त की प्रेमिका

प्रेषक :विक्की

संपादक : मारवाड़ी लड़का

मेरा नाम विक्की, राजकोट (गुजरात) में रहता हूँ। यह मेरी तीसरी कहानी है म्य्देसिपानु पर।

यह कहानी है मेरे दोस्त विशाल की प्रेमिका अवनी और मेरी !

पूरी आग लगी है !


दोस्तो,

मेरा नाम राम है, मैं हरियाणा के एक शहर में रहता हूँ, मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक हट्टा-कट्टा जवान लड़का हूँ। यह मेरी पहली कहानी है, मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आप सबको पसंद आएगी।

वैसे तो मैंने बहुत सी लड़कियों और औरतों के साथ सेक्स किया है लेकिन मैं एक इंजिनियर हूँ तो मैंने बहुत से राज्यों में नौकरी की है। मैं हरियाणा से नौकरी छोड़ कर राजस्थान के एक शहर में नौकरी करने के लिए गया।

वहाँ मेरे कुछ दोस्त भी मेरे साथ रहते थे। मेरा कमरा दूसरी मंजिल पर था। मेरे कमरे के सामने एक परिवार रहता था लेकिन मैं उनसे बात नहीं करता था।मुझे नहीं पता था कि सामने वाले घर में रहने वाली औरत मुझे पसंद करती थी। धीरे-धीरे मैं भी उसे पसंद करने लगा था, पसंद क्या ! मैं तो वासना का पुजारी हूँ तो मैं उसको देखता रहता था।

उसका पति भी एक कंपनी में काम करता था।

उसका रवैया देख कर एक दिन मैंने उसको पत्र लिख कर दिया और अपने प्यार यानि वासना को जाहिर किया तो उसने भी अपने प्यार को जाहिर किया और अपनी इच्छा को जाहिर किया और अपना नंबर भी बता दिया।

मैंने उसको अगले दिन फ़ोन किया तो उसने कहा- मुझे आपसे प्यार तो है लेकिन मुझे डर लगता है।

तो मैंने उसको विश्वास दिलाया और कहा- इसके बारे मैं किसी को पता भी नहीं चलेगा।

अगले दिन उसने मिलने के लिए समय बताया।

ठीक समय पर उसका फ़ोन आया और मैं उससे मिलने के लिए पहुँच गया। मैंने देखा कि वो घर पर अपने 7-8 महीने के लड़के के साथ थी लेकिन उसका बेटा सोया हुआ था। शायद वो भी मिलने के लिए बेचैन थी।

वो मेरे बारे में पूछने लगी। मैंने अपने बारे में बताया।

मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा तो वो कहने लगी- मुझे कुछ होता है !

तो मैंने कहा- कुछ करने के लिए ही तो आया हूँ !

वो अपना हाथ छुड़ाने लगी लेकिन मैंने उसको पकड़ा और चूमने लगा।

उसको चूमते ही वो गर्म होने लगी और धीरे-धीरे मैंने उसकी साड़ी खोल दी।

वो कहने लगी- पहली बार में ही सब कुछ करोगे?

मैंने कहा- यह मौका तो ऊपर वाले की देन है ! इस समय को गंवाना नहीं चाहिए !

उसने कहा- मैं भी तो तुम्हारे प्यार की प्यासी हूँ !

मैंने कहा- मैं तुम्हें बिना कपड़ो के देखना चाहता हूँ !

और बात करते हुए मैंने उसको नग्न अवस्था में कर दिया।

दोस्तो, मैं दावा करता हूँ कि अगर उसको बूढ़े भी देख लें तो सबका खड़ा हो जाये और सब मुठ मारने लगेंगे।

मैं उसको चूमता रहा और वो गर्म होने लगी।

उसने कहा- तुमने मेरे तो सारे कपड़े उतार दिए और खुद ऐसे ही खड़े हो?

फिर उसने मेरे कपड़े भी उतार दिए और मेरे लंड से खेलने लगी।

मैंने उसको लंड चूसने के लिए कहा तो वो पहले तो मना करने लगी लेकिन दबाव देने पर मान गई और लंड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।

चूसते हुए वो ऐसे लग रही थी जैसे कोई परी मेरा लंड चूस रही हो।

मेरे मुँह से सी सी सी सी सी की आवाजें निकल रही थी।

पांच मिनट बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है !

तो वो कुछ नहीं बोली और लंड को चूसती ही रही। लंड को तो ऐसे चूस रही थी मानो वो जन्म-जन्म से प्यासी हो !

मेरा माल उसके मुँह में ही निकल गया और वो उसको अन्दर ही पी गई।

फिर मेरा ढीला पड़ गया और उसने कहा- मेरी चूत में आग लगी है !

फिर हम 69 की अवस्था में आ गए और वो मेरे लंड को फिर से तैयार करने लगी। मैं उसकी चूत को चाट रहा था।

धीरे-धीरे उसका शरीर अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली थी।

मैं जोर-जोर से उसकी बुर के दाने को चाट रहा था, तभी एकदम से उसका माल निकला और और मैं सारा चाट गया।

उसने कहा- मेरी चूत में अभी भी पूरी आग लगी है !

मेरी दीदी ही मेरी दुश्मन


ये कहानी 2 साल पहले की है जब मेरी उम्र १८ साल की थी.मैं बिलकुल सीधी सादी किसी सेक्स के लफडे में नहीं पड़ी थी. मैं अपनी पढाई में ही ध्यान लगाती थी. और कभी भी फालूत बात मेरे दिमाग में नहीं आती थी.

मेरे पापा मम्मी फोरहन घूमने गए हुए थे . और मैं घर पे अकेली न रहूँ इसलिए मेरी बड़ी बहन और जीजू हमारे घर पर रहने के लिए आ गए थे. मैं कभी भी जीजू के बारे में गलत नहीं सोचती थी. लेकिन मुझे नहीं मालूम था की मेरी दीदी ही मेरी दुश्मन थी.

चोदत चोदत जग मुआ


चोदत चोदत जग मुआ , चोदू भया ना कोय ,
सांडे के तेल से मालिश करो , लंड चोदू तुरत होय

दूर गाँव में बस्ती थी ,जहाँ की रंडियाँ सस्ती थीं ,
उनकी गांड में इतनी मस्ती थी , जितना डालो हंसती थी

आंखे उनकी नशीली है, चेहरा उनका निराला है
चुची उनकी नुलिकी है लगता है की जैसे भाला है

इसे चुसेगा तो केले का मज़ा आएगा
गांड फट जायेगी जब लंड खड़ा देखेगा .

फूल मुरझाते अच्छे नहीं लगते


फूल मुरझाते अच्छे नहीं लगते ,
आप लुंड खुजाते अच्छे नहीं लगते ,
कोई तो पटलो लड़की अब मेरी जान ,
रोज़ रोज़ बाथरूम में हिलाते अच्छे नहीं लगते

चूत है लंड की महारानी और और लंड महाराजा
टुकुर टुकुर क्या देख रही , आ जा चूत की प्यास बुझा जा

कल तुझे चोद कर जब मैं घर जाने लगा ।


कल तुझे चोद कर जब मैं घर जाने लगा ।
तेरा बाप भी मुझे देख के गांड खुजाने लगा ।
तेरे बाप का मन मेरे लंड पर फिसला।
तू तो थी ही रँडी तेरा बाप भी गांडू निकला ॥
लंड तुम खड़े रहो ,चूत में पड़े रहो
लंड जब प्रचंड हो , चुत खंड खंड हो
लंड तुम खड़े चलो , लंड तुम बढे चलो
सामने दरार हो ,गंड का पहाड़ हो
लंड तुम रुको नहीं, लंड तुम झुको नही
चूत चरमरा उठे , झांट कसमसा उठे
अग्नि से धधक धधक , चूत में सरक सरक
जब तक चूत फटे नहीं , तब तक लंड हटे नहीं
चूत को तू फाड दे , उसके अंदर झाड दे
लंड तुम महान हो, सर्व शक्तिमान हो
जय जय लंड , जय जय लंड

मिल जाए लंड दिलदार |

चूत चुदासी चुलबुली चुदने को तैयार खड़े लंड की आस में टपके रस की धार टपके रस की धार लम्बा मोटा प्यासा जन्मो को मिल जाए लंड दिलदार |

चूसूंगी चुदवाउंगी निचोड़ूगी फडवाउन्गी


लंड तेरा बलवान है
माना बड़ा पहलवान है
पर ऐसी क्या कमजोरी है
जो सिर्फ एक रात का मेहमान है |

सारी रात की चुदाई में
क्या इतना थक जाएगा
अगले दिन से फिर कभी
खड़ा भी नहीं हो पाएगा |

माफ करें लौंडे से ऐसी भी दुश्मन नहीं
कि एक रात में कर दूं उसकी खाट खड़ी
चूसूंगी चुदवाउंगी निचोड़ूगी फडवाउन्गी
मेरी जान अगली सुबह जगाकर फिर से चोदने लायक बनाउंगी |

चूत को ,निहाल कर गया


हमारी चूत को ,निहाल कर गया दबे पाँव आया,हौले से चूमा बेकरार कर गया |

सुरमई बगिया में,हरियाली छा जाती बहार मचलती,लाली उफन आती जो चुम्बन के साथ साथ, जीभ डाल कर चोद जाते चूत की गहराई से,रस की गागर पी आते |

इस बार जब आओ, कुछ वक्त ठहर जाना चूमना, चूसना, चुभलाना मेरी चूत के सुस्वाद रस को जी भर के पी जाना |

मेरी चूत लाजवाब है

कविताओं से भी अधिक मेरी चूत लाजवाब है जिसमे बसंत लेता है अंगडाई रस का झरना बहता बेताब है हर मौसम जगता है, जादू जगाता है जब भी कोई मस्ताना लंड इसे बेमुरव्वत चोद जाता है |

उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ,


उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ,
मेरे उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ, मुझे मदहोश किये जाते हैं
कुछ करो हम तेरे आगोश में बिन पिए बहक से जाते हैं

पता ही नहीं चला


सीने पे आपके सर रखा था कि गिनूंगी धड़कने
कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला
संगीत धडकनों का कुछ यूँ जेहन पे छ गया
कब हुई सुबह कब शाम सियाही हुई, पता ही नहीं चला.

आपकी बाँहों के घेरे, धीरे धीरे कुछ कुछ तंग होने लगे
हम कब सिमटते से चले गए, सच कुछ पता नहीं चला
आपके लबों ने मेरे थरथराते जिस्म को कब कब कहाँ कहाँ छुआ
एक सिहरन से दौड़ती रही, कब रुके आप पता ही नहीं चला

कब आपके खानाबदोश हाथों और थिरकती अँगुलियों ने
मुझे बेपर्द किया, मदहोशी में पता ही नहीं चला
कब छा गए मेरे जिस्म पर कायनात बन कर
कब बरस गए बादलों सा मेरी कोख में. पता ही नहीं चला

कुछ अजीब तन बदन में तैरने सा लगा
मन में कोई बादल सावन सा बरसने लगा
लग रहा था आज कुछ तो खास है
इतने में 'जन्मदिन मुबारक' मेरे कानो में गूंजने लगा.

कामुक और उत्तेजक शायरी


दुल्हन वही जो रोज़ करवाए ,
ब्रा उतर कर बूब्स दबवाए ,
पोपट को देख पेटीकोट उठाये ,
अन्दर जाए तो वन्स मोर चिल्लाये ,
वही दुल्हन पिया मन भाये

मलहम केसे लगता था


मलहम केसे लगता था

एक आदमी डॉक्टर के पास जाता हे डॉक्टर सब मेरी गांड पे फोड़ा है, दवा दीजिए।
डॉक्टर ने मलहम दिया- अपनी बीवी को बोलना कि गांड पे लगा दे ।
आदमी बोलता है- मेरी बीवी मायके गयी है डॉक्टर, तुम लगा दो।
दो दिन बाद वापिस आता है- डॉक्टर, मेरी बीवी आ गई है, मलहम दो मेरी बीवी लगा देगी।
डॉक्टर- ओके !
घर पे जा के बीवी को बोलता है- मलहम लगा दो।
बीवी मलहम लगाती है - एक हाथ कंधे पे और दूसरे हाथ से लगाती है।
तो वो आदमी सोचता हे डॉक्टर के तो दोनों हाथ कंधे पे थे तो मलहम केसे लगता था?

चुदाई से नफ़रत है


चुदाई से नफ़रत है

मैडम (क्लास में) - बच्चों ज़रा बताओगे कि संसार का सबसे मज़ेदार काम क्या होता है?

मुनमुन - मैडम सबसे अच्छा काम होता है सजना सँवरना।

चंपू - मैडम सबसे अच्छा काम होता है दूसरों की सेवा करना।

मनप्रीत - मैडम सबसे अच्छा काम होता है चोदना।

मैडम - बदतमीज़, ऐसा कहते तुम्हें शर्म नहीं आती, घर जा कर एक माफ़ीनामा लिखना और अपने बाप से उस पर साइन करवा कर कल मुझे दिखाना, समझे?

अगले दिन

मैडम - क्यों मनप्रीत मैंने तुम्हें एक माफ़ीनामा लिखकर लाने को कहा था और उस पर अपने बाप से हस्ताक्षर करवाने को कहा था, लाए हो की नहीं?

मनप्रीत - मैडम मैंने अपने बाप से इस बारे में बात की तो उसने भी कहा कि संसार का सबसे मज़ेदार काम चोदना होता है, और मेरा बाप ऐसी किसी मादरचोद बद-दिमाग़ औरत अपना साइन तो क्या अपना लंड तक देना नहीं चाहता, जिसे चुदाई से नफ़रत है।

अकबर - बीरबल -चुदाई सेक्सी जोक्स


:D अकबर - बीरबल :D

एक बार अकबर , बीरबल और अकबर की बेगम बगीचे में घूमने जाते है घुमते घुमते वो एक पेड़ के नीचे आते है !
अकबर : “बीरबल , हमको बेगम के साथ कुछ वक़्त बिताना है तो ऐसा करो कि तुम पेड़ के ऊपर जाकर बैठ जाओ !”
बीरबल जाकर पेड़ के ऊपर बैठ जाता है ! थोड़े समय के बाद -
बीरबल : ” जहाँपनाह ! मैं ऊपर से सब देख रहा हूँ आप मेरे सामने रानी को चोद नहीं सकते ! ”
अकबर : “ये तुम क्या कह रहे हो मैं कहाँ रानी को चोद रहा हूँ !”
बीरबल : “नहीं झूठ मत बोलिए आप खुद यहाँ आकर देखिये शायद ये जादुई पेड़ है ! “
असलियत मैं अकबर नीचे कुछ भी नहीं करता होता है फिर भी वो पेड़ के ऊपर जाता है ! दूसरी तरफ से बीरबल नीचे आकर बेगम को चोदने लगता है ! .
अकबर : “अरे ! बीरबल तुम सही कहते हो ये जादुई पेड़ है यहाँ से ऐसा लगता है कि कोई रानी को चोद रहा है ! “
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बादशाह अकबर को एक बार रंडीबाजी का शौक लग गया ! रोज़ शिकार के बहाने नगर की रंडियों के पास जाते ताकि जोधाबाई को पता ना चले ! और अगले दिन बीरबल को अपनी रंडीबाजी के किस्से सुनाते ! बीरबल की झांटो में आग लग जाती थी कि बादशाह अकेले अकेले चले जाते हैं मुझे छोड़ कर !
एकदिन बादशाह अकबर इसे ही बीरबल को अपनी बीती रात की रंडी बाज़ी की घटना का बखान कर रहे थे !
बीरबल की गांड में मिर्चें लग रही थी !
बीरबल अचानक बोल पड़ा - जहाँपना ! अगर बुरा ना माने तो एक बात कहूँ !
"बोलो बीरबल ! " अकबर बादशाह ने इजाज़त दी !
"जहाँपना ! जितनी रंडियां आपने सपने में भी नहीं देखी होंगी उससे कहीं ज्यादा तो मैं चोद चुका हूँ ! इस नगर की किसी भी रंडी की चूत का बाल सूंघकर उसका नाम बता सकता हूँ ! " ताव खाकर बीरबल ने बोल तो दिया पर डर के मारे उसकी गांड हवा लेने लगी कि अब बादशाह सलामत उसका क्या करेंगे !
अकबर ने कहा -" ठीक है बीरबल ! हम तुम्हे रंडी की चूत का बाल लाके देंगे लेकिन अगर तुमने नहीं पहचाना तो हम सबके सामने तुम्हारी गांड नगर के कुत्तो से मरवायेंगे ! "
बीरबल भी अपने एरिया का महान रंडीबाज़ था इसलिए उसने भी चैलेंज एक्सेप्ट कर लिया और सोच लिया कि जो होगी देखी जायेगी !
अब अगले दिन अकबर ने बीरबल को रंडी की चूत का बाल लाके दिया -"बीरबल ! बता सूंघकर कौन ?"
"ये तो धन्नोबाई की चूत का बाल है !" बीरबल सूंघते ही बोला !
अकबर की गांड पानी -पानी हो गयी ! अगले दिन फिर रंडी की चूत का बाल लाया -" मुन्नीबाई !"
"जमनाबाई "!
बीरबल सब के बाल सूंघकर बताता गया ! अब बादशाह अकबर की हवा खिसकने लगी कि ये मादरचोद बीरबल तो सही में उनसे भी बड़ा रंडीबाज़ है ! पर हार मान जाते तो बेईज्ज़ती होती ! इस डर से अगले दिन बादशाह सलामत अपनी बेगम जोधाबाई की चूत का बाल बीरबल को लाकर देते है यह सोच कर कि बीरबल इसे तो बिलकुल पहचान ही नहीं पायेगा !
" लो बीरबल जरा ये बाल सूंघकर बताओ !" बादशाह अकबर जोधाबाई की चूत का बाल बीरबल को देते हुए बोले !
बीरबल ने बाल को सुंघा और एकदम सकपकाकर बोला - गुस्ताखी माफ़ हो जहाँपना ! मैं शर्त हार गया पर ये तो बताये कि बेगम साहिबा को रंडीपने की बीमारी कब से लगी ! "
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अकबर बादशाह बहुत ही समझदार किस्म के इंसान थे ! अपने राज्य की हर समस्या को चुटकियों में सुलझा देते थे ! पर कई बार वो खुद फंस जाते थे तो बीरबल को याद करते थे ! बीरबल उनसे भी ज्यादा बुद्धिमान आदमी था ! कितनी भी बड़ी से बड़ी समस्या हो बीरबल उसका हल निकल ही लेता था !
बादशाह अकबर को बीरबल से जलन होने लगी कि ये साला बीरबल हर झांटो की तरह उलझी समस्या को भी ऐसे सुलझा देता है जैसे कोई समस्या हो ही नहीं !अकबर हर समय बीरबल को नीचा दिखने की सोचता रहता है !पर मौका नहीं मिलता !
एक दिन अकबर बीरबल से कहता है कि -" बीरबल ! शहर के किसी अच्छे चित्रकार को बुलवाओ !"
बीरबल-"जो हुक्म जहाँपनाह !"
चित्रकार को पेश किया जाता है ! अकबर चित्रकार को अकेले में ले जाकर कहता है कि भई दो पेंटिंग बनानी हैं !
एक मेरे बाप की यानि कि हुमायूं की और एक बीरबल के बाप की !
चित्रकार-" ठीक है जहाँपनाह ! काम हो जायेगा !"
"अबे पहले सुन तो ले लंडरदीन चित्रकार कि पेंटिंग बनानी कैसे हैं !"-बादशाह ने चित्रकार को धमकाया !
चित्रकार -" बोलिए हुज़ूर !"
मेरे अब्बाजान की पेंटिंग में उनका पोज़ हाथ जोड़े हुए होना चाहिए और बीरबल के बाप का पोज़ कुछ इस तरह हो कि एक हाथ में रोटी और एक हाथ में लंड पकडे हों !"-बादशाह अकबर ने चित्रकार को समझाया !
चित्रकार मन ही मन अकबर की मादरचोदगिरी पे हँसता हुआ चला जाता है यह बोल कर कि १ महीने में वो पेंटिंग बना देगा !
१ महीने बाद चित्रकार पेंटिंग भरे दरबार में ले कर पहुचता है ! अकबर पेंटिंग देखकर गांडू हंसी हंसते हुए बीरबल कि चुटकी लेते हैं !
"बीरबल ये देखो हमारे अब्बूजान कितने शरीफ और सज्जन आदमी थे कैसे हाथ जोड़े खड़े हैं ! और तुम्हारे पिता जी कितने हरामी और बेशरम किस्म के इंसान थे देखो कैसे एक हाथ में लंड और एक हाथ में रोटी लिए खड़े हैं !"
जिसका नाम बीरबल वो भला कैसे चुप रहे बीरबल ने बड़े ही शालीनता से जवाब दिया -" गुस्ताखी माफ़ हो जहाँपनाह ! जहाँ तक पेंटिंग देखकर मेरी समझ में आता है वो ये है कि आपके वालिद साहब हाथ जोड़कर मेरे पिता जी से रोटी मांग रहे हैं और मेरे पिता जी कह रहे है कि रोटी नहीं दूंगा लंड चाहिए तो ले ले !"
यह सुनकर अकबर का मुंह मुरझाये लंड कि तरह लटक जाता है !
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अकबर बादशाह को मुर्गियां पालने का बड़ा शौक था , उनके पास कई किस्म की मुर्गियां थी ! उनमे से एक देसी मुर्गी अकबर को बड़ी पसंद थी वो उस मुर्गी को दरबार में अपने साथ भी ले जाते थे !
बीरबल की गद्दी अकबर बादशाह की गद्दी के पास ही थी !
मुर्गी अक्सर बीरबल की गद्दी पे बीट कर देती थी जिससे बीरबल के कपडे ख़राब हो जाते थे ! बीरबल की गांड बहुत सुलग जाती थी ये देखकर पर ,क्या करे बादशाह से मुर्गी कि शिकायत कैसे करे !
एक दिन तो हद ही हो गयी भरे दरबार में मुर्गी ने बीरबल के सर पे बैठ कर बीट कर दी !बीरबल की झांटे फुंक गयी !
"जहाँपनाह ! इस मुर्गी को यहाँ मत लाया कीजिये वर्ना में इसे मार डालूँगा !"
"ख़बरदार! बीरबल अगर तुम इस मुर्गी को मारोगे तो मैं भी तुम्हे उसी तरीके से मारूँगा जिस तरीके से तुम मुर्गी को मारोगे !"
यह सुनकर बीरबल की गांड फट गयी ! पर बीरबल भी पक्का मादरचोद था ! उसने अपनी गांड खुजाई !और बोला -
"ठीक है जहाँपनाह ! मैं मरने के लिए तैयार हूँ बशर्ते आप मुझे खुद वैसे ही मारें जैसे मैं मुर्गी को मारूँ ! "
अकबर की गांड में मिर्ची सी लग गयी !
"ठीक है बीरबल अगर तू मरना ही चाहता है तो मार ले मेरी मुर्गी "!
बीरबल ने मुर्गी पकड़ी और नाडा खोलकर अपना पायजामा उतारा और मुर्गी की गरदन अपनी गांड में डालकर तोड़ दी



लिंग चूस सकती हो


लिंग चूस सकती हो

एक लङका अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बाहर घूमने के बाद, उसके घर तक छोङने आता है, जब वे घर के दरवाज़े पर पहुँचते हैं तो वह अपना एक हाथ दीवार पर टिका कर थोङा झुकता हुआ उससे पूछता है, “प्यारी, क्या तुम मेरा लिंग चूस सकती हो ?”

“क्या? तुम पागल तो नहीं हो गये हो?

“चिन्ता मत करो, यह तुरन्त हो जाएगा, कोई समस्या नहीं है।”

“नहीं!! कोई देख लेगा, कोई रिश्तेदार, या पङोसी…”

“रात के इस समय कोई नहीं देखेगा…”

“मैंने पहले ही कह दिया, नहीं मतलब नहीं!”

“यार, यह एक छोटा काम है… मुझे पता है तुम भी यह करना पसन्द करती हो…”

“नहीं!!! मैंने कहा नहीं!!!”

“मेरी जान … ऐसे मत करो…”

तभी उसकी छोटी बहन उलझे बाल लेकर, नाइट-गाउन में आँखें मलते हुए दरवाज़े पर आ खङी हुई और बोली, “डैडी का कहना है कि या तो तुम उसका लिंग चूसो, या फिर मैं चूस दूँ, नहीं तो वो ख़ुद आकर चूसेंगे, मगर भगवान के लिए अपने ब्वॉयफ्रेंड से कहो कि डोर

सूअर पैदा हुआ


सूअर पैदा हुआ

एक लड़का था, बड़ा हरामी और ज़िद्दी। उसका नाम डोडो था। वह एक बार किसी बात की ज़िद पकड़ लेता तो पीछे हटने का नाम न लेता। उसके ज़िद्दीपन से उसके बाप की गाँड़ से भी पानी निकल जाता था।

एक बार डोडो ने अपने बाप से कहा, "पापा मुझे स्विट्ज़रलैंड ले चलो"।

बाप न कहा, "लौड़े मेरे पास पैसे नहीं है, क्या गाँड़ मरवा कर पैसे इकट्ठे करूँ?"

डोडो ने कहा, "तुम गाँड़ मरवा कर पैसे लाओ या अपनी माँ चुदाकर, मुझे क्या लेना-देना? बस मुझे स्विट्ज़रलैंड ले चलो"

बाप बेचारा किसी तरह अपनी फटी गाँड़ का रोना रोते हुए मार्केट से उधार ला कर डोडो को स्विट्ज़रलैंड घुमाने ले जाता है।

स्विट्ज़रलैंड में डोडो अपने बाप के साथ एक हफ़्ते घूमता है, फिर उसका बाप पूछता है, "वापस इंडिया चलें बेटा?"

डोडो कहता है, "नहीं स्विट्ज़रलैंड में सूअर का जूस बहुत अच्छा मिलता है, मुझे वह पिलाओ"

बाप उसे सूअर का जूस पिलवाता है, और पूछता है, "वापस इंडिया चलें बेटा?"

डोडो कहता है, "नहीं पहले मुझे उस कंपनी में ले कर चलो, जहाँ सूअर का जूस तैयार किया जाता है"

बाप सोचता है, "किस लौड़े के बाल से पाला पड़ गया, मादरचोद जब देखो तब मेरी गाँड़ जलाता रहता है"

डोडो का बाप कहता है, "नहीं बेटा कंपनी में घुसना इतना आसान नहीं है"

डोडो कहता है, "तुम अगर मुझे नहीं ले जाओगे, तो मैं यहीं सड़क पर पेशाब करूँगा, और पुलिस अपने कुत्तों से तुम्हारी गाँड़ मरवाएगी, बोलो मंज़ूर है?"

बाप के पास कोई चारा नहीं रहता, आख़िरकार वह डोडो को किसी तरह जूस की कंपनी में ले कर जाता है।

कंपनी में पहुँचकर डोडो रोमांचित हो जाता है और अपने बाप से कहता है, "वाह पापा वाह! क्या बढ़िया सिस्टम है यहाँ, देखों सूअर मशीन में आ रहा है, फिर साफ़ हो रहा है, फिर कट रहा है, फिर उसका जूस निकलकर पैक हो रहा है मज़ा आ गया, लेकिन पापा यह तो ऐसी मशीन है, जिसमें सूअर डालो तो जूस बाहर निकलता है, क्या कोई ऐसी मशीन नहीं है, जिसमें जूस डालो तो सूअर निकलता है?"

डोडो का बाप कहता है, "मादरचोद, है न ऐसी मशीन, तेरी माँ की चूत, वहाँ मैंने अपना जूस डाला था तो तेरे जैसा सूअर पैदा हुआ"

मुझे गाँड़ मरवानी है


मुझे गाँड़ मरवानी है

एक समलैंगिक आदमी लंड की तलाश में इधर-उधर घूमता रहता है, उसे गाँड़ मरवाने की तलब लगी होती है। घूमते-घूमते उसकी नज़र एक बोर्ड पर पड़ती है, जिस पर लिखा होता है, "आईए, 500 रूपए में अपनी गाँड़ मरवाइए"

उसकी आँखों में चमक आ जाती है, सोचता है, अब तो यहीँ आया करूँगा, रोज़-रोज़ किसी को खोजने में बहुत समय बर्बाद हो जाता है।

काउंटर पर जा कर वह कहता है, "मुझे अच्छी तरह गाँड़ मरवानी है"

काउंटर पर बैठा व्यक्ति उससे 500 रुपए ले लेता है, और काउंटर की खिड़की बंद कर देता है।

वह आदमी बाहर चार घंटे इंतज़ार करता है, लेकिन काउंटर की खिड़की नहीं खुलती। जब उससे रहा नहीं जाता, तो ग़ुस्से से काउंटर की खिड़की पर दस्तक देता है।

काउंटर में बैठा व्यक्ति फिर खिड़की खोलता है, और पूछता है, "बताइए मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?"

आदमी ग़ुस्से से आगबबूला होते हुए कहता है, "सुना नहीं, मुझे गाँड़ मरवानी है"

काउंटर पर बैठा व्यक्ति कहता है, "क्या कहा, फिर से मरवानी है, मन नहीं भरा क्या?"

गाँड़ गोलियों से छलनी कर दूँगा


गाँड़ गोलियों से छलनी कर दूँगा

एक गाँव में शेर का आंतक था। शेर को मारने के लिए शहर से एक बड़े शिकारी भोसड़ोलाल चोदरे को बुलाया गया। भोसड़ोलाल को शेर मारने का लंबा अनुभव था। उसके आते ही गाँव मे ख़ुशी की लहर फैल गई। भोसड़ोलाल ने कहा, "मुझे शेर को मारने के लिए गाय की खाल चाहिए, मैं उस खाल में अपनी बंदूक ले कर छिप जाऊंगा और जंगल में जा कर शेर को ढूँढ़ूंगा। शेर मुझ पर जैसे ही हमला करेगा, मैं उसकी गाँड़ गोलियों से छलनी कर दूँगा। मैं रात 7 बजे उसका शिकार करने निकलूँगा, और तुम लोग दो घंटे मेरा इंतज़ार करना, अगर मैं वापस नहीं आया तो मेरी तलाश में लग जाना"

गाँववालों को यह उपाय जँच गया। उन्होंने भोसड़ोलाल की ज़रूरत की सामग्री इकठ्ठी कर ली। सारा सामान ले कर, और गाय की खाल पहनकर भोसड़ोलाल 7 बजे जंगल चला गया। दो घंटे बीत गए, भोसड़ोलाल नहीं आया, चार घंटे बीत गए भोसड़ोलाल वापस नहीं आया। गाँववालों ने निर्णय लिया कि वे भोसड़ोलाल को ढूँढ़ने जंगल जाएंगे।

जंगल के रास्ते पर उन्हें, पहले भोसड़ोलाल का मोज़ा दिखाई पड़ा, फिर उसकी टोपी, और फिर बंदूक। थोड़ा और आगे जाने पर भोसड़ोलाल गाय की खाल में लिपटा ज़मीन पर गिरा दिखाई दिया। गाय की खाल में उसकी चूत की जगह से बहुत सारा ख़ून निकल रहा था। भोसड़ोलाल अधमरा पड़ा हाँफ रहा था। गाँववालों को कुछ समझ नहीं आया कि माजरा क्या है। उन्होंने भोसड़ोलाल से पूछा, "क्यों चोदरे साहब सब ठीक तो है न, क्या शेर मारा गया और आपकी ये हालत किसने की?"

भोसड़ोलाल ने कहा, "तुम्हारी और तुम्हारे शेर की माँ की चूत,बहन के लौड़ों पहले बताओ कि मेरे पीछे सांड किसने छोड़ा था

माँ की चूत तुम्हारी


माँ की चूत तुम्हारी

एक थे ठाकुर। बड़े ही ठरकी और चोदू किस्म के इंसान थे। जब वे गाँव के औरतों को चोद-चोदकर बोर हो गए, तो उनकी नज़र गाँव की भैंसों, गायों, बकरियों, कुत्तियों पर पड़ी। कई साल ऐसे ही बीत गए, ठाकुर का लौड़ा था कि बस नई-नई तरह की चूतों के सपने देखा करता था। ऐसे में एक दिन उदास हो कर ठाकुर एक तालाब के किनारे बैठे थे, तो उनकी नज़र एक मेंढकी पर पड़ी। बस उनको अपना नया शिकार मिल गया। ठाकुर ने उस मेंढकी को खूब चोदा, और फिर उसे अपनी हवेली में ले आए।

अब तो हवेली में मेंढकी के ठाठ थे, वो ठाकुर की पत्नी और उसकी रंडियों पर ऐसे कमेंट करती कि उनकी झांटें सुलग उठती। ठाकुर जब शाम को आता तो मेंढकी को पुचकार कर कहता, "आओ परी बैठो जांघ पर हमारी खाओ पान सुपारी" और मेंढकी उचककर अपनी गाँड़ मरवाने पहुँच जाती।

ठाकुर की पत्नी ने एक दिन मेंढकी को फँसाने की योजना बनाई। उसने ठाकुर के कपड़े पहने और अपनी जांघ पर एक गरमा-गरम तवा बाँध लिया। फिर वह मेंढकी के कमरे में गई और ठाकुर की आवाज़ में बोली, "आओ परी बैठो जांघ पर हमारी, खाओ पान सुपारी"। मेंढकी अपनी आदत के अनुसार जांघ की ओर लपकी लेकिन उसकी गाँड़ जांघ पर बंधे गर्मा-गर्म तवे पर टकरा गई, और मेंढकी की गाँड़ जलभुन गई। ठाकुर की पत्नी ख़ुश हो गई और चली गई।

शाम को जब ठाकुर घर आया तो अपनी मेंढकी को आवाज़ दी, "आओ परी बैठो जांघ पर हमारी खाओ पान सुपारी"

मेंढकी की गाँड़ में फोड़े पड़ गए थे, चीखकर बोली, "आई थी राँड़ तुम्हारी, जला गई गाँड़ हमारी, अब नहीं खानी पान सुपारी, माँ की चूत तुम्हारी"

आप स्खलित होने वाले हैं


आप स्खलित होने वाले हैं

एक नब्बे-वर्षीय-वृद्ध अपने पसन्दीदा बार में जाता है, एक कोने में बैठ जाता है, और एक ड्रिंक लाने का ऑर्डर देता है। वह देखता है कि एक सत्तर-वर्षीया-वृद्धा भी बार के दूसरे कोने में बैठी है, वह बार-टेण्डर से कहता है कि उस ख़ूबसूरत नवयुवती को एक ड्रिंक मेरी तरफ से पेश करो। शाम जैसे-जैसे बीतती है, वृद्ध उस वृद्धा के क़रीब होता जाता है और फिर वे वृद्धा के अपार्टमेन्ट में जाता है, वहाँ जाकर वे धमाल मचाते हैं।

चार दिनों के बाद, वृद्ध को लगा कि उसके लिंग से कुछ बाहर आने को है, तो वह डॉक्टर के पास गया। ध्यानपूर्वक परीक्षण करने के बाद डॉक्टर ने वृद्ध व्यक्ति से पूछा कि क्या आपने हाल में सेक्स किया है। वृद्ध ने उत्तर दिया हाँ!

डॉक्टर ने कहा कि क्या आपको याद है कि स्त्री कौन थी और वह कहाँ रहती है? वृद्ध ने कहा, हाँ, पर क्यों?

तो आप फौरन वहाँ जाएँ, आप स्खलित होने वाले हैं!

एक कोने मैं खड़े होकर देख लो


एक कोने मैं खड़े होकर देख लो

सोनू और मोनू खेल रहे थे तभी सोनू ने देखा कि मोनू के हाथ पर चमचमाती रिस्ट वाच बंधी हुयी है.
सोनू " मोनू तुम्हारी वाच तो बहुत सुन्दर है क्या तुम्हारे बर्थडे पर मिली थी ? "
मोनू " नहीं यार ये तो कल रात को मैं मम्मी और पापा के कमरे में बिना नोक किये चला गया था और उस समय पापा मम्मी के साथ जोर जोर से आवाज निकालते हुए सेक्स कर रहे थे और पापा ने मुझे कमरे में आया देख कर मुझे अपनी चमचमाती वाच देकर भगा दिया "
सोनू ने मन ही मन सोच लिया कि वो भी आज अपने पापा से उनकी वाच लेने के लिए यही तरीका अपनाएगा और वो भी उसी रात को अपने पापा के कमरे में घुस गया और उसके पापा भी उस समय उसकी मम्मी के साथ सेक्स कर रहे थे और सोनू को आया देख जोर से चिल्लाते हुए बोले " क्या चाहिए तुम्हे ? क्यों अन्दर आये हो तुम ? "
सोनू बोला " जस्ट वांट वाच "
सोनू के पापा बोले " ठीक है, एक कोने मैं खड़े होकर देख लो

चूत से निकलने वाला पानी लगा कर देखो


चूत से निकलने वाला पानी लगा कर देखो

एक लड़का लोकल बारबर शॉप में बैठा हुआ था कि बारबर ने पुछा " आपके बाल काफी कम होते जा रहे हैं ? "
लड़का बोला " हाँ मैं खुद भी परेशान हूँ. कोई उपाय हो तो बताओ "
बारबर बोला " चूत से निकलने वाला पानी लगा कर देखो सचमुच फायदा होगा. मैंने खुद आजमाया हुआ है "
लड़का " लेकिन तुम तो बिलकुल ही गंजे हो ? "
बारबर बोला " लेकिन मेरी मूंछे भी तो देखो कितनी भरी हुयी हैं ? "

लंड से बना बैग है


लंड से बना बैग है

बबलू कसाई रोज़ कई बकरे काटा करता था। वह बकरा काटता और चुपके से बकरे का लंड काटकर एक बोरे में भर देता। यह उसके रोज़ का नियम था। जब उसके पास ऐसे कई लंड के बोरे हो गए, तो एक दिन उन्हें लादकर वह मोची के पास गया।

बबलू - ऐ मोची, मैं कई बोरे बकरे का लंड ले कर आया हूँ, इससे तुम मेरे लिए एक बढ़िया बैग बना दो।

मोची - ठीक है, चार दिन बाद आना।

मोची चालू था, उसने इतने सारे लंड देखे तो उसके मुँह में पानी भर आया, सोचा कि रिश्तेदारों और पड़ोसियों में मटन बाँटकर नाम कमा लूँ, और उसने ऐसा ही किया। इसके बाद एक-दो लंड ले कर उसने एक छोटा-सा बैग बना लिया।

अब चार दिन बाद बबलू मोची की दुकान पर आया और उससे बैग मांगा। मोची ने उसे छोटा-सा बैग थमा दिया। छोटा-सा बैग देखकर बबलू कसाई की गाँड़ जल गई

बबलू - तुझे शर्म नहीं आती, मैंने तुझे लंड के कितने बोरे दिए, और तूने मुझे इतना छोटा-सा बैग बनाकर दिया?

मोची - अमाँ ग़ुस्सा क्यों करते हो मियाँ, ये लंड से बना बैग है, थोड़ा सहलाओ तो सही अपने आप बड़ा हो जाएगा।

वियाग्रा की दो गोली दूंगा


वियाग्रा की दो गोली दूंगा

एक आदमी अपना दांत उखडवाने के लिए डेंटिस्ट के पास गया. डेंटिस्ट ने आस पास के हिस्से को सुन्न करने के लिए एक इंजेक्शन निकाला तो आदमी बोला " मुझे इंजेक्शन नहीं लगवाना मुझे इससे डर लगता है "
डेंटिस्ट बोला " कोई बात नहीं मैं हंसने वाली गैस का इस्तेमाल कर लेता हूँ "
आदमी बोला " मतलब ही नहीं है, मुझे गैस से सख्त नफरत है "
डेंटिस्ट बोला " तो फिर यूं ही उखाड़ देता हूँ "
आदमी बोला " कैसे डॉक्टर हो ? कितना दर्द होता है कुछ एहसास भी है आपको ? "
डेंटिस्ट बोला " तो क्या एक गोली खिला दूं ? "
आदमी बोला " ठीक है गोली खाने में कोई प्रॉब्लम नहीं है, कौन सी गोली खिलाओगे ? "
डेंटिस्ट बोला " वियाग्रा की दो गोली दूंगा "
आदमी बोला " उससे क्या दर्द महसूस नहीं होता "
डेंटिस्ट बोला " इधर तुम अपने खड़े लंड को बैठाने में व्यस्त होओगे और उधर मैं तुम्हारा दांत खींच कर बाहर निकाल दूंगा "

१२ इंच के लंड


१२ इंच के लंड

एक आदमी का लंड करीब १२ इंच का था. और उसे अपने साइज का कंडोम ढूँढने में दिक्कत होती थी. एक दिन वो एक मेडिकल शॉप में गया जहाँ पर सिर्फ २ लड़कियां ही सारा काम संभालती थीं और वो दोनों ही उस दूकान की मालकिन भी थीं.
आदमी " देखिये मेरा लंड १२ इंच लम्बा है ? "
लड़कियां " तो हम आपके लिए क्या कर सकती हैं ? "
आदमी " इतने बड़े लंड के लिए कुछ दे सकती हैं आप मुझे ? "
लड़कियां " आप हम दोनों को कुछ देर का समय दें सोचने के लिए फिर हम बताते हैं कि हम आपको इसके लिए क्या दे सकती हैं "
आदमी " ठीक है, आप दोनों सोच कर जल्दी बता दो "
( दोनों लड़कियां कुछ देर के लिए आपस में बात चीत करती हैं और फिर वापस काउंटर पर आती हैं )
लड़कियां " जी हम दोनों इस बिज़नस में बराबर की साझेदार हैं और हमने आपके इस १२ इंच के लंड के लिए आपको कुछ दे सकते हैं "
आदमी " क्या दे सकती हैं ? जल्दी बताइए "
लड़कियां " जी ५० % की पार्टनरशिप और १० हजार रूपये महीने अलग से "

बहुत अच्छा लिक करते हो


बहुत अच्छा लिक करते हो

एक औरत ने बार में एक बीयर का ऑर्डर दिया और बारटेंडर ने बीयर सर्व करते समय उसके ब्लाउज पर गिरा दी और तुरंत ही उसका ब्लाउज उतार कर सारी बीयर को जीभ से चाट ( लिक) लिया.
औरत कहती है " तुम तो बहुत अच्छा लिक करते हो "
बारटेंडर " आपका स्वागत है मैडम "
औरत फिर से बीयर मंगाती है और बारटेंडर फिर से उसके ब्लाउज पर बीयर गिरा कर उसका ब्लाउज खोल कर फिर से सारी बीयर को अपनी जीभ से चाट ( लिक) लेता है.
औरत फिर से कहती है " तुम तो बहुत अच्छा लिक करते हो "
एक आदमी पास ही से ये सब देख रहा था और जब बारटेंडर ने तीसरी बार बीयर उस औरत के ब्लाउज पर गिराई तो वो आदमी झट से उस औरत का ब्लाउज उतार कर बीयर को अपनी जीभ से चाटने लगा. पर इस बार उस औरत ने एक जोर का थप्पड़ उस आदमी के लगाया.
आदमी बोला " जब वो बारटेंडर लिक (चाट) रहा था तब तो आपने कुछ नहीं कहा. फिर मुझे क्यों मारा ? "
औरत बोली " उसके पास लिकर लाइसेंस है "

बहनचोद, कुत्ते की जूठी खीर खिला दी


बहनचोद, कुत्ते की जूठी खीर खिला दी

मंगलू मास्टर अपने क्लास के बच्चों का टिफ़िन रोज़ खाया करता था। बच्चों को खाने न देता, लेकिन ख़ुद डाँट-डपटकर उनका टिफ़िन हड़प कर जाता था। ऐसे में एक दिन मास्टर जी मन्नू के घर के बगल से हो कर गुज़र रहे थे। उन्होंने देखा कि मन्नू हाथ में खीर का कटोरा लिए बाहर चला आ रहा है। मास्टर को भूख लग आई। जब मन्नू करीब आया तो उन्होंने उसे ज़ोर से डाँट कर कहा, "भोसड़ी के यह खीर कहाँ लिए जा रहा है? ला मुझे दे"

मन्नू कुछ कह पाता इससे पहले ही मास्टर जी ने उसका कटोरा छीनकर अपने हाथों में ले लिया और सपड़-सपड़ सारा खीर पी गए, फिर डकार मारते हुए पूछा, "हाँ तो मन्नू यह बता कि क्या तू खीर का कटोरा मेरे लिए ले कर आ रहा था?"

मन्नू - "अरे नहीं मास्टर जी असल में इसे कुत्ते ने जूठा कर दिया था और मैं इसे फेंकने जा रहा था"

मास्टर - "लौड़े के बाल, बहनचोद, कुत्ते की जूठी खीर खिला दी मुझे? हरामखोर मैं तुझे देख लूंगा, यह गया तेरा कटोरा"

कहने के साथ ही मास्टर जी ने चीनी मिट्टी का कटोरा ज़मीन पर दे मारा, और कटोरा चकनाचूर हो गया। मन्नू यह देखकर रोने लगा तो मास्टर जी ने कहा, "गांडू एक तो जूठी खीर खिला दी, ऊपर से रोता है"

मन्नू - "मास्टर जी मैं यह सोचकर रो रहा हूँ कि मेरा छोटा भाई अब टट्टी किसमें करेगा? यह कटोरा ही तो वह बर्तन था जिसमें वह हगा करता था"

पांडू की ये हालत कैसे हुई


पांडू की ये हालत कैसे हुई

पांडू अपने छोटे भाई बाबू से बहुत प्यार करता था। एक दिन पांडू ब्लू फ़िल्म देख रहा था, और बाबू पास ही खेल रहा था। देखते-देखते पांडू का लंड खड़ा हो गया, और उसने अपना लौड़ा निकाल उसे मसलना शुरू कर दिया। बाबू समझ नहीं सका कि पांडू क्या कर रहा है, इसलिए उसने पूछा, "क्या भैया क्या कर रहे हो?"

पांडू ने कहा, "कुछ नहीं, (लंड दिखाते हुए) देखो यह तोता है, (फिर अपनी झांटें दिखाते हुए) देखो यह तोते का घोंसला है, (फिर अंडकोश दिखाते हुए) देखो यह तोते का अंडा है, मैं तो बस तोते से खेल रहा था"

बाबू - "भैया लाओ न मैं भी थोड़ा तुम्हारे तोते से खेलूँ"

पांडू ने अपना लौड़ा बाबू के हाथों में दे दिया, बाबू उसे सहलाने लगा, और देखते-देखते पांडू को नींद आ गई।

अगला दृश्य

पांडू अस्पताल के आई.सी.यू. में भर्ती है, और डॉक्टर समझने की कोशिश कर रहे हैं, कि पांडू को आख़िर क्या हुआ। एक डॉक्टर को पता चलता है, कि पांडू के साथ हादसा होने के वक़्त उसका भाई बाबू उसके साथ था सो वह बाबू के पास जा कर पूछता है, "पांडू की ये हालत कैसे हुई?"

बाबू मासूमियत से जवाब देता है, "पता नहीं अंकल, मैं तो भैया के तोते से खेल रहा था, अचानक ही तोते ने मुझ पर थूक दिया, मुझे ग़ुस्सा आ गया और मैंने उसकी गर्दन मरोड़ दी, उसके अंडे फोड़ दिए और उसके घोंसले में आग लगा दी"

वो अपना साड़ी ऊपर करें तब हम अपना चड्डी निचे करेंगे


वो अपना साड़ी ऊपर करें तब हम अपना चड्डी निचे करेंगे

एक हॉस्टल में लड़का और लड़की एक साथ रह्ते थे
उपर वाले माले पर लड़कियां नीचे लड़के
लड़कियां अपनी साडी उपर सुखाती थी जिससे लडको को परेशानी होती थी
लड़के उन्हें बार-२ समझते पर वे नहीं माने
लड़को को ने एक लंबा बांस लाकर अपनी चड्डी वहाँ सुखा दी
लड़कियों ने प्रिंसिपल से सिकायेत कर दी
प्रिंसिपल उन्हें आकर अपनी चड्डी निचे करने को कहा
लड़के बोले पहले वो अपना साड़ी ऊपर करें तब हम अपना चड्डी निचे करेंगे

गांडफट राय


गांडफट राय

एक बार एक देहाती जिसका नाम गनपत राय था नौकर के इंटरव्यू के लिए गया

इंटरव्यू एक स्मिथ नाम का अंग्रेज ले रहा था

स्मिथ- हाँ ,तो गांडफट राय .(गनपत राय )

गनपत- नहीं सर ज्यादा नहीं (नर्वस होकर )

स्मिथ- ख्या ज्यादा नहीं बोलता हाय तुम्हारे फॉर्म में लिखा हाय गांडफट राय

गनपत- ठीक है माई बाप अब लिखा है तो फट रहा होगा

स्मिथ - तो तुम डेली मारता हाय (तो तुम देल्ही में रहता है )

गनपत- नहीं सर कभी कभी

स्मिथ- गांडफट राय इधर आओ .क्या कभी कभी बोलता हाय तुम्हारे फॉर्म में लिखा हाय तुम डेली मारता है (देल्ही में रहता है )

गनपत-ठीक है माई बाप , लिखा है तो मारता होऊंगा

....गनपत के जवाब से खुश होकर स्मिथ उसे अपने यहाँ नौकरी दे देता है
.................................................. ...
एक बार स्मिथ कि बीवी ब्रा पहन रही थी तो उसकी ब्रा का पीछे कि गाँठ नहीं लग रही था उसने गनपत को आवाज दी

मालकिन -गांडफट ,पीछे से मेरी गांड (गाँठ) मार दो

गनपत- मालकिन ये आप क्या कह रही है मालिक मुझे कच्चा चबा जायेंगे

मालकिन -तुम नहीं करगा तो हम तुमको कच्चा चबा जायेगा ,जल्दी करो

...बेचारा गनपत मन मारकर मालकिन कि गांड मारने लग जाता है

मालकिन - गांडफट राय, गांडफट राय, गांडफट राय (गनपत राय )

गनपत- मालकिन गांड मारूंगा तो गांड तो फटेगी ही

चूत की कविता


चूत की कविता

चूत की कविता:-यकीन नहीं कर पाती हूँ ,तुमने भी मुझको याद किया !
और मैं हूँ ऐसी पगली ,तेरी खातिर खुदा को भुला दिया !!
जब चंदा मुस्काता था ,मस्त हवा जब बहती थी !
याद तुम्हारी आते ही ,गुदगुदी चुत में होती थी !!
रिमझिम -रिमझिम बरखा में ,जब बिलकुल तनहा मैं होती !
तकिये पे सर को रख करके ,
तेरे लंड की याद में थी रोती !!सोच के दिल भर आता है ,
संग होते तो क्या हो सकता था !
मैं हर पल चूमा करती तुमको ,हर लम्हा मेरा हो सकता था !!
अब जब तुम आ जाओगे ,चुन लेंगे हम फिर से खुशियाँ !
चूमुंगी हर पल लंड को , मधुर बनायेंगे घड़ियाँ !!एक साल से तनहा हूँ ,
मिलने पर आँखें भर आएँगी !तेरे बदन को छूते ही ,चुत मेरी बह जायेगी !!
मैं हाथ तुम्हारे बांधूंगी ,फिर लंड को जी भर चूसूंगी !
रो -रो कर कहोगे चोदों मुझे ,मैं घंटों तक बस चूसूंगी !!जब लंड तुम्हारा रोयेगा ,
फिर चूस्वानूंगी मैं nipple !तब जाके समझोगे तुम , इक बरस रही कैसे !!
फिर तुम माफ़ी मांगोगे ,मैं फिर भी रूठूंगी तुमसे !
तुम कान को हाथ लगोगे , चाटो मेरी , फिर कहूँगी तुमसे !!तुम चुत में जीभ घुसाओगे ,
मेरे शिकवे बह जायेंगे !जाँघों में तुम्हे दबाते ही ,फासले सब मिट जायेंगे !!मम्मो को सहलाते ही ,
गांड पे हाथ फिराते ही !जब लंड चुत में जाएगा , मिट जायेंगे सब गिले शिकवे मेरे ,फिर , दिल से दिल मिल जाएगा !!
कभी मैं ऊपर आ जाउंगी ,कभी मुझे बना लेना घोड़ी !हम तुम इक दूजे को चोदेंगे, लाखों में एक , हमारी जोड़ी !!
मुझे बना लो अपना ,कोई नहीं है तुम जैसा !
हर पल रोई हूँ मैं तुम बिन , हुआ जो था , फिर ना हो वैसा !!

अर्ज़ है


अर्ज़ है

एक कवी कंगाली से तंग आकर बैंक लुटने गया और कहा
अर्ज़ है
तकदीर मै जो है वही मिलेगा हाथ उपर भोसड़ीवालों कोई नहीं हिलेगा
फिर कैशिएर से कहा - मेरे कुछ ख्वाब अपनी आँखों से निकाल दो माँ की चूत जो कुछ भी है निकाल दो
बहुत कोशिश करता हूँ तेरी याद भुलाने की भेन्चोद कोई कोशिश ना करे पुलिस को बुलाने की !

Wife की अदला बदली


Wife की अदला बदली

संता और बनता काफी अच्छे दोस्त थे पर किसी वजह से दोनों अलग अलग हो गए
काफी सालो के बाद दोनों एक ही शहर में एक दुसरे को मिले और बड़े खुश हुए
संता ने बनता को बोला : “यार हम दोनों की अब शादी भी हो गयी है , कल भाभी को लेके मेरे घर आओ न ”
बनता मान गया और अगले दिन अपनी बीवी के साथ Dinner करने संता के घर पहुँच गया
दोनों ने खाना खाया और इकठे दारू पी , कुछ पेग पीने के बाद संता एक दम से बोला
संता : “यार आज बड़ा मजा आया , क्यों न इस मजे को दुगना किया जाये ”
बनता खुश होके : “हाँ यार बोलो क्या करे ?”
संता : “चल आज Wife की अदला बदली करतें हैं )”
बनता पहले तो शरमाया पर फिर संता की बीवी को देख के बोला चल कर ही लेते है
दोनों Wife बदल करके अपने अपने कमरे में गुस गए
सुबह बनता उठा और संता की बीवी को बोला
बनता : “मेरा यार संता वाकिये ही बड़ा Lucky है , उसको तुम जैसी कितनी सेक्सी & हॉट बीवी मिली है ”
लड़की हैरान होते हुए : “ओये बीवी कैसी बीवी ? उसने तो मुझे एक रात के लिए पैसे देके बुलाया था ”

7 दोस्त सुहागरात के बाद


7 दोस्त सुहागरात के बाद

7 दोस्त सुहागरात के बाद …:-
1st
मेरी बीवी तो 1110 जैसे निकली जैसे मर्ज़ी use करो
2nd
मेरी बीवी 3310 निकली …
’36′ साल का पुराना मॉडल
3rd
मेरी बीवी N95,
ज़रा प्यार से चलाना पड़ता है
4th
मेरी बीवी तो Blackberry है ..
Got everything but complicated
5th
मेरी बीवी Dual Sim है
कभी आगे डालो कभी पीछे डालो
6th
मेरी बीवी साली चाइना मोबाइल है ,
पहली रात मे चुत फट गई
7th
बेचारा रोते ही बोला ..
ओये यारो लुट गया , बर्बाद हो गया रे,
मेरा सेट खुला हुआ निकला

बीवी को खुश रखने के लिए कुछ सुनहरे असूल


बीवी को खुश रखने के लिए कुछ सुनहरे असूल

बीवी को खुश रखने के लिए कुछ सुनहरे असूल:-
1.अपनी बीवी की हर रोज़ लेनी चाहिए
“खबर ”
2; कम से कम 3 से 4 दफा करो
“तारीफ ”
3:उस के पकड़ कर बार -बार चूमने चाहियें
“हाथ ”
4:उस के आराम आराम से दबाने चाहिए
“कंधे ”
5:उस की आगे से ही नहीं पीछे से भी करनी चाहिए
“तारीफ ”
6:उस के सामने आते ही अपना निकाल कर उस के हाथ मैं पकड़ा देना चाहिए
“ बटुआ ”

एक-एक पैग व्हिस्की


एक-एक पैग व्हिस्की

बंता शराबी एक बार में गया । वहां जाकर उसने बार में मौजूद सभी लोगों, जिनमें बार मालिक भी शामिल था, के लिए अपनी तरफ से एक-एक पैग व्हिस्की का ऑर्डर दिया।
- आज सभी लोग मेरी तरफ से पियो । बंता ने झूमते हुए घोषणा की।
आधे घण्टे बाद बंता ने फिर से सभी लोगों के लिए एक-एक पैग व्हिस्की का ऑर्डर दिया। बार मालिक को भी एक पैग और मिला।
फिर तो हर आधे घण्टे बाद यही क्रम चलने लगा। पांचवें पैग के बाद बार मालिक को चिंता होने लगी। उसने बंता को एक तरफ बुलाकर कहा - भाईसाहब, आपका अभी तक का बिल तीन हजार चार सौ रुपये हो गया है ।
- बिल ? कैसा बिल ? मेरे पास तो फूटी कौड़ी भी नहीं है। बंता ने जेबें उल्टी करके दिखाते हुए कहा।
अब तो बार मालिक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उसने लात घूंसों से बंता की जमकर पिटाई की और आखिर में बार के कर्मचारियों से कहकर बाहर गंदे नाले में फिंकवा दिया ।
अगले दिन शाम को बार अभी खुला ही था कि बंता अंदर आया और बोला - एक पैग व्हिस्की मेरे लिए और एक-एक यहां मौजूद सभी लोगों के लिए मेरी तरफ से ...... ।
फिर बार मालिक की तरफ उंगली करके बोला - सिर्फ तुमको छोड़कर .... । तुम चार पैग के बाद बहक जाते हो ..............

तुम्हे ऐतराज ना हो


तुम्हे ऐतराज ना हो
एक बात एक लड़का और एक लड़की मेले में एक झूले पर काफी देर से झूल रहे थे. लड़की को डर लगा तो वो लड़के से चिपक गयी. दोनों में दोस्ती हो गयी और लड़का लड़की को अपने घर ले गया. घर पर ले जाकर लड़के ने लड़की को कहा " तुम थक गयी होगी. नहा लो और फ्रेश हो जाओ "
लड़की बोली " ठीक है मैं नहा लेती हूँ "
कुछ देर बाद लड़का भी चुपके से बाथरूम में घुस गया और लड़की को पीछे से पकड़ कर बोला " अगर तुम्हे ऐतराज ना हो तो हम दोनों प्यार में खो जाएँ ? "
लड़की बोली " देखो मैंने आज तक ये काम नहीं किया है "
लड़का बोला " सचमुच ! तो क्या तुमने अभी तक भी अपने कौमार्य को नहीं खोया है ? "
लड़की बोली " मेरा कहने का मतलब वो नहीं है "
लड़का बोला " तो फिर कौन सा काम है जो तुमने आज तक नहीं किया ? "
लड़की बोली " ऐतराज "

किसी के पास पूसी है


किसी के पास पूसी है
एक नर्स एक बड़े अस्पताल के एक बड़े वार्ड रूम में तैनात थी. एक दिन उसकी बिल्ली खो गयी तो उसने सोचा कि वार्ड रूम में जाकर सबसे पूछती हूँ.
नर्स " क्या किसी के पास पूसी है ? "
सारी महिला मरीज एक साथ बोली " हमारे पास है "
नर्स " नहीं नहीं ! क्या किसी ने पूसी देखी है ? "
सारे पुरुष मरीज एक साथ बोले " हमने देखी है "
नर्स " सोरी ! मेरा कहने का मतलब था कि किसी ने मेरी पूसी देखी है ? "
सारे डॉक्टर एक साथ बोले " हमने देखी है "

सीधी बात नो बकवास


सीधी बात नो बकवास
लड़का " तुम्हारी आँखें जैसे दरिया हैं, तुम्हारे होठ जैसे गुलाब की पंखुडियां हैं और तुम्हारे गर्दन तो जैसे सुराही है और तुम्हारी कमर तो बस............"
लड़की " अब अपना लंड निकाल और मेरी चूत में डाल. "
लड़का " क्या मतलब ? "
लड़की " सीधी बात नो बकवास "

मोटा सा खीरा-गंदे हिंदी चुटकुले


मोटा सा खीरा
एक लड़की जो आज डेट पर जाने के लिए तैयार हो रही थी, अपनी माँ से बोली " माँ मैं डेट पर जा रही हूँ और हो सकता है कि मुझे देर हो जाए. "
माँ ( चितित होते हुए और उसे एक कंडोम का पैकेट देते हुए ) " ये रख ले बेटी, काम आएगा "
लड़की बोली " माँ अब तुम्हारा ज़माना नहीं रहा "
माँ " क्या मतलब ?? "
लड़की " मैं जिसके साथ डेट पर जा रही हूँ उसका नाम है मीरा. इसलिए कंडोम नहीं, दे दो बस एक मोटा सा खीरा "

घोड़ी बन जा-हिंदी गंदे चुटकुले


घोड़ी बन जा
एक बौने की सुहाग रात को वो कमरे के अंदर गया और घुसते ही बीवी से बोला " जल्दी से घोड़ी बन जा "
बीवी बोली " ऐसी भी क्या जल्दी है ? थोडा रुको तो सही "
बौना " नहीं नहीं ! तू जल्दी से घोड़ी बन जा "
बीवी फिर बोली " मैं कह तो रही हूँ कि थोडा रुक जाओ. पहले साडी तो उतार लूं. "
बौना " बहन-चोद अपनी अपनी लगाये चली जा रही है. मुझे तेरी गांड नहीं मारनी, सिर्फ कुण्डी लगानी है "

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