- मेरे विद्यालय की छुट्टियाँ में मैंने अपने गॉंव जाने का प्लान बनाया | मेरा गॉंव पूरी तरह से हरियाली और खेत – खालिआलों से भरा है | मुझे गॉंव आकर घूमने का मौका साल में एक बार ही मिलता हैं इसलिए मैं घूमने – फिरने और एश करने में कोई कसर नहीं छोड़ता |गॉंव मैं मेरी दादी के साथ मेरे चाचा – चाची और उनकी बेटी अंजू रहती है | इस बार मैं पुरे १ साल बाद गॉंव गया था इसीलिए मुझे वहाँ काफ़ी अच्छा लग रहा था और बहुत उत्सह भी था सबसे मिलने का क्यूंकि मुझे सब दिल से चाहते हैं | गॉंव आते ही सबसे पहले चाची और अंजू आए मुझे घर ले जाने के लिए आए | उस वक्त मेरी निगाहें बस अंजू पर ही टिकी हुई थी, वो काफ़ी बड़ी हो चुकी थी और सुन्दर भी लग रही थी | मैं अपने आप को रोकना चाहता था पर उसके स्तन के उभार ने तो जैसे मेरी नज़रों पर ही काबू कर लिया था |अगली सुबह मैं अंजू के साथ खेत की तरफ घूमने निकल पड़ा | हम दोनों बातें करते – करते घर से बहुत दूर निकल आये थे और फिर कुछ देर के बाद हम दोनों थक कर वहीँ एक पेड़ के निचे बैठ गए | हमारे चारों खेतों में लंबी – लंबी इंक की फसल होने के कारण हमें कोई चाहकर भी देख नहीं सकता था |
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Saturday, September 1, 2012
Hindi Sex Stories, हिंदी सेक्सी कहानियाँ
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