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Saturday, September 1, 2012

हिदी सेक्स कहानियाँ-माली ने की मस्त चुदाई

माली ने की मस्त चुदाई


दोस्तों, आज मै आपको अपनी जिन्दगी का गन्दा, कड़वा, लेकिन मस्त सच सुनाने वाली हु | मेरी शादी एक बहुत बड़े घर मे हुई है | मेरे पति एक बहुत बड़े बिज़नस मेन है | उनके पास घर को और मुझे देने के लिए वक़्त नहीं है | शादी के शुरुवात मे तो उन्होंने मुझे कुछ वक़्त दिया और मत चोदा | लेकिन, शादी के थोड़े ही टाइम के बाद, उन्होंने मुझे टाइम देना कम, फिर बहुत कम और फिर बंद कर दिया | मेरी जवानी तन्हाई मे घुलने लगी और मेरी कामुक प्यास दिन पे दिन बढती जा रही थी | मै जभी भी जवान मर्दों को देखती थी; तो, मै अपने होट काट लेती थी | मेरी प्यास और तड़प इतनी ज्यादा बढ चुकी थी; कि, मेरी नज़र अपने नौकरों और घर मे काम करने वालो पे ख़राब होने लगी थी |



मेरे पति ने मुझे कहीं भी आने-जाने की छूट दे रखी थी | उन्होंने, मुझे एक फार्महाउस भेट किया था | मैने वो जगह अपने के कामक्रीड़ा की जगह बना रखी थी | मैने वहा पर काम करने वाले माली और मेरे जानवरों को सँभालने वाले को अपना चोदने वाला बना लिया था | मै वहा हर महीने १ हफ्ते के लिए जाती थी और सुबह- शाम चुदती थी | मै आपको बताती हु; कि, ये सब कैसे शुरू हुआ | मै अपने फार्महाउस पर गयी हुई थी | मैने वहा पर एक कॉलबॉय को बुलाया हुआ था | लेकिन, किसी वजह से वो नहीं आ पाया | उस दिन बारिश का मौसम था और मेरे अंदर भयंकर आग लगी हुई थी | कॉल बॉय के ना आने पर मेरे अन्दर बहुत गुस्सा भरा हुआ था और मै बाहर बालकोनी आ गयी और अपने सारे कपडे उतार कर बारिश मे अपनी तृष्णा मिटा रही थी |

इतने मे मेरा माली ऊपर आ गया और वो सिर्फ एक कच्छे मे था और उसका लंड कच्छे मे समा नहीं रहा था | मेरा माली, साला काला और सांड जैसा था और मेरे गोरे और मस्त बदन को ललचाई नजरो से देख रहा था | मैने, उसको बोला | साले दूर से ही देखता रहेगा या मेरी प्यास बुझाएगा | ये सुनकर उसकी आँखों मे चमक आ गयी | फिर, वो मेरे पास आया और मेरे शरीर को ऐसे छुने लगा, जैसे कि मै शीशे की बनी हु | मुझे ही पहल करनी पड़ी | मैने उसका लंड पकड़ा और उसको नंगा कर दिया | फिर, लंड मेरे मुह मे ले लिया और चूसने लगी | उसने मेरे बालो को पकड़ लिया और मेरे मुह को चोदने लगा | उसका लंड बहुत लम्बा था और मोटा भी | मेरे से उसका लंड चूसा नहीं जा रहा था | लेकिन, वो साला मुझे छोड़ने को तैयार ही नहीं थे |

फिर उसने, अपना लंड मेरे मुह से निकाला और मुझे फर्श पर लिटा दिया और मेरे चूचो को जोर-जोर से दबाने लगा | फिर उसने मेरी दोनों टांगो को खोल दिया और अपना लंबे डंडे जैसा लंड मेरी चुत पर रखकर पेल दिया | उसका लंड पूरा मरी चुत मे पूरा समा गया; फिर भी, उसका थोडा लंड बाहर था और वो उसे भी अंदर घुसाने मे लगा था | और उसका लंड मेरी चुत अटक गया और धक्के पे धक्के मार रहा था | मै झड चुकी थी और वो साला झड़ने का नाम नहीं ले रहा था | जब मैने, उसको कहा; तो, उसने अपना लंड मेरी चुत मे निकाला और मेरी गांड पे लगा दिया | मैने उसको मना किया, तो उसने मेरे दोनों हाथो को अपने हाथो मे दबा लिया और मेरे दोनों पेरो को अपने पेरो मे फसकर चौड़ा कर लिया |

मेरी थोड़ी सी गांड थोड़ी सी खुल गयी और उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखकर अन्दर ठेल दिया | मेरी गांड पूरी फट गयी और उसमे से खून निकलने लगा | वो जोर-जोर से झटके मार रहा था | ३-४ झटके मे वो झड गया और उसका पूरा गरम-गरम पानी मेरी गांड मे भर गया | मुझे भी अच्छा लग रहा था | मेरी प्यास मुरी तरह से बुझ चुकी थी | मुझे ख़ुशी थी; कि, मुझे मेरी प्यास बुझाने वाला मिल गया था | उस रात, उसने मुझे ४ बार चोदा और सुबह जब मै उठी, तो मेरी चुत और गांड बुरी तरह से सूजी हुई थी |

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