लंड से बना बैग है
बबलू कसाई रोज़ कई बकरे काटा करता था। वह बकरा काटता और चुपके से बकरे का लंड काटकर एक बोरे में भर देता। यह उसके रोज़ का नियम था। जब उसके पास ऐसे कई लंड के बोरे हो गए, तो एक दिन उन्हें लादकर वह मोची के पास गया।
बबलू - ऐ मोची, मैं कई बोरे बकरे का लंड ले कर आया हूँ, इससे तुम मेरे लिए एक बढ़िया बैग बना दो।
मोची - ठीक है, चार दिन बाद आना।
मोची चालू था, उसने इतने सारे लंड देखे तो उसके मुँह में पानी भर आया, सोचा कि रिश्तेदारों और पड़ोसियों में मटन बाँटकर नाम कमा लूँ, और उसने ऐसा ही किया। इसके बाद एक-दो लंड ले कर उसने एक छोटा-सा बैग बना लिया।
अब चार दिन बाद बबलू मोची की दुकान पर आया और उससे बैग मांगा। मोची ने उसे छोटा-सा बैग थमा दिया। छोटा-सा बैग देखकर बबलू कसाई की गाँड़ जल गई
बबलू - तुझे शर्म नहीं आती, मैंने तुझे लंड के कितने बोरे दिए, और तूने मुझे इतना छोटा-सा बैग बनाकर दिया?
मोची - अमाँ ग़ुस्सा क्यों करते हो मियाँ, ये लंड से बना बैग है, थोड़ा सहलाओ तो सही अपने आप बड़ा हो जाएगा।
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