Pages

Wednesday, August 15, 2012

कल तुझे चोद कर जब मैं घर जाने लगा ।


कल तुझे चोद कर जब मैं घर जाने लगा ।
तेरा बाप भी मुझे देख के गांड खुजाने लगा ।
तेरे बाप का मन मेरे लंड पर फिसला।
तू तो थी ही रँडी तेरा बाप भी गांडू निकला ॥
लंड तुम खड़े रहो ,चूत में पड़े रहो
लंड जब प्रचंड हो , चुत खंड खंड हो
लंड तुम खड़े चलो , लंड तुम बढे चलो
सामने दरार हो ,गंड का पहाड़ हो
लंड तुम रुको नहीं, लंड तुम झुको नही
चूत चरमरा उठे , झांट कसमसा उठे
अग्नि से धधक धधक , चूत में सरक सरक
जब तक चूत फटे नहीं , तब तक लंड हटे नहीं
चूत को तू फाड दे , उसके अंदर झाड दे
लंड तुम महान हो, सर्व शक्तिमान हो
जय जय लंड , जय जय लंड

No comments:

Post a Comment