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Wednesday, August 15, 2012

अर्ज़ है


अर्ज़ है

एक कवी कंगाली से तंग आकर बैंक लुटने गया और कहा
अर्ज़ है
तकदीर मै जो है वही मिलेगा हाथ उपर भोसड़ीवालों कोई नहीं हिलेगा
फिर कैशिएर से कहा - मेरे कुछ ख्वाब अपनी आँखों से निकाल दो माँ की चूत जो कुछ भी है निकाल दो
बहुत कोशिश करता हूँ तेरी याद भुलाने की भेन्चोद कोई कोशिश ना करे पुलिस को बुलाने की !

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