Pages

Wednesday, August 15, 2012

बहनचोद, कुत्ते की जूठी खीर खिला दी


बहनचोद, कुत्ते की जूठी खीर खिला दी

मंगलू मास्टर अपने क्लास के बच्चों का टिफ़िन रोज़ खाया करता था। बच्चों को खाने न देता, लेकिन ख़ुद डाँट-डपटकर उनका टिफ़िन हड़प कर जाता था। ऐसे में एक दिन मास्टर जी मन्नू के घर के बगल से हो कर गुज़र रहे थे। उन्होंने देखा कि मन्नू हाथ में खीर का कटोरा लिए बाहर चला आ रहा है। मास्टर को भूख लग आई। जब मन्नू करीब आया तो उन्होंने उसे ज़ोर से डाँट कर कहा, "भोसड़ी के यह खीर कहाँ लिए जा रहा है? ला मुझे दे"

मन्नू कुछ कह पाता इससे पहले ही मास्टर जी ने उसका कटोरा छीनकर अपने हाथों में ले लिया और सपड़-सपड़ सारा खीर पी गए, फिर डकार मारते हुए पूछा, "हाँ तो मन्नू यह बता कि क्या तू खीर का कटोरा मेरे लिए ले कर आ रहा था?"

मन्नू - "अरे नहीं मास्टर जी असल में इसे कुत्ते ने जूठा कर दिया था और मैं इसे फेंकने जा रहा था"

मास्टर - "लौड़े के बाल, बहनचोद, कुत्ते की जूठी खीर खिला दी मुझे? हरामखोर मैं तुझे देख लूंगा, यह गया तेरा कटोरा"

कहने के साथ ही मास्टर जी ने चीनी मिट्टी का कटोरा ज़मीन पर दे मारा, और कटोरा चकनाचूर हो गया। मन्नू यह देखकर रोने लगा तो मास्टर जी ने कहा, "गांडू एक तो जूठी खीर खिला दी, ऊपर से रोता है"

मन्नू - "मास्टर जी मैं यह सोचकर रो रहा हूँ कि मेरा छोटा भाई अब टट्टी किसमें करेगा? यह कटोरा ही तो वह बर्तन था जिसमें वह हगा करता था"

No comments:

Post a Comment