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Wednesday, August 15, 2012

चूत की कविता


चूत की कविता

चूत की कविता:-यकीन नहीं कर पाती हूँ ,तुमने भी मुझको याद किया !
और मैं हूँ ऐसी पगली ,तेरी खातिर खुदा को भुला दिया !!
जब चंदा मुस्काता था ,मस्त हवा जब बहती थी !
याद तुम्हारी आते ही ,गुदगुदी चुत में होती थी !!
रिमझिम -रिमझिम बरखा में ,जब बिलकुल तनहा मैं होती !
तकिये पे सर को रख करके ,
तेरे लंड की याद में थी रोती !!सोच के दिल भर आता है ,
संग होते तो क्या हो सकता था !
मैं हर पल चूमा करती तुमको ,हर लम्हा मेरा हो सकता था !!
अब जब तुम आ जाओगे ,चुन लेंगे हम फिर से खुशियाँ !
चूमुंगी हर पल लंड को , मधुर बनायेंगे घड़ियाँ !!एक साल से तनहा हूँ ,
मिलने पर आँखें भर आएँगी !तेरे बदन को छूते ही ,चुत मेरी बह जायेगी !!
मैं हाथ तुम्हारे बांधूंगी ,फिर लंड को जी भर चूसूंगी !
रो -रो कर कहोगे चोदों मुझे ,मैं घंटों तक बस चूसूंगी !!जब लंड तुम्हारा रोयेगा ,
फिर चूस्वानूंगी मैं nipple !तब जाके समझोगे तुम , इक बरस रही कैसे !!
फिर तुम माफ़ी मांगोगे ,मैं फिर भी रूठूंगी तुमसे !
तुम कान को हाथ लगोगे , चाटो मेरी , फिर कहूँगी तुमसे !!तुम चुत में जीभ घुसाओगे ,
मेरे शिकवे बह जायेंगे !जाँघों में तुम्हे दबाते ही ,फासले सब मिट जायेंगे !!मम्मो को सहलाते ही ,
गांड पे हाथ फिराते ही !जब लंड चुत में जाएगा , मिट जायेंगे सब गिले शिकवे मेरे ,फिर , दिल से दिल मिल जाएगा !!
कभी मैं ऊपर आ जाउंगी ,कभी मुझे बना लेना घोड़ी !हम तुम इक दूजे को चोदेंगे, लाखों में एक , हमारी जोड़ी !!
मुझे बना लो अपना ,कोई नहीं है तुम जैसा !
हर पल रोई हूँ मैं तुम बिन , हुआ जो था , फिर ना हो वैसा !!

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